बिहार में कपड़ा उद्योग एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जो राज्य के आर्थिक विकास और रोजगार में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
बिहार में प्रमुख कपड़ा उद्योग
- मुंगेर का रेशम उद्योग: मुंगेर रेशम के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है, जिसे “मुंगेशी” कहा जाता है।
- भागलपुर का सूती कपड़ा उद्योग: भागलपुर सूती कपड़े के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है, जिसे “भागलपुरी” कहा जाता है।
- पटना का हथकरघा उद्योग: पटना हथकरघा उत्पादों के लिए प्रसिद्ध है, जैसे कि चादरें, दरी, और कंबल।
- गया का ऊनी कपड़ा उद्योग: गया ऊनी कपड़े के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है, जिसे “गया कंबल” कहा जाता है।
सरकारी पहल:
- बिहार सरकार कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई पहल कर रही है।
- बिहार कपड़ा और चमड़ा नीति, 2022: यह नीति निवेश को आकर्षित करने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए कई प्रोत्साहन प्रदान करती है।
- औद्योगिक पार्क: सरकार औद्योगिक पार्क विकसित कर रही है ताकि उद्योगों को बेहतर बुनियादी ढांचा प्रदान किया जा सके।
- कौशल विकास: सरकार कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से श्रमिकों को प्रशिक्षित कर रही है।
- निजी क्षेत्र की भागीदारी: कई निजी कंपनियां बिहार में कपड़ा उद्योग में निवेश कर रही हैं।
- बाजार तक पहुंच: बेहतर परिवहन और संचार बुनियादी ढांचे से बिहार के कपड़ा उत्पादों के लिए बाजार तक पहुंच में सुधार होगा।
चुनौतियां:
- पुराने ढांचे: कई कपड़ा मिलें पुराने उपकरणों का उपयोग करती हैं, जिसके कारण उत्पादकता कम होती है।
- कुशल श्रमिकों की कमी: उद्योग में कुशल श्रमिकों की कमी है।
- अवसंरचना की कमी: बिहार में बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी है।
सरकारी पहल:
- नई इकाइयों की स्थापना: सरकार ने नई सूती कपड़ा इकाइयों की स्थापना के लिए सब्सिडी और कर छूट प्रदान की है।
- आधुनिकीकरण: मौजूदा इकाइयों को आधुनिक बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।
- कौशल विकास: सरकार ने कौशल विकास कार्यक्रमों का आयोजन करके कुशल श्रमिकों की कमी को दूर करने का प्रयास किया है।
Leave a Reply