बिहार में ऊर्जा की कमी एक बड़ी समस्या है। राज्य में बिजली की भारी मांग है, लेकिन बिजली उत्पादन क्षमता अपर्याप्त है। इस समस्या का समाधान करने के लिए, बिहार सरकार नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों, विशेष रूप से सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है।
सौर ऊर्जा की क्षमता
- बिहार में सौर ऊर्जा की प्रचुर क्षमता है।
- राज्य में साल भर भरपूर धूप रहती है, जो सौर ऊर्जा उत्पादन के लिए अनुकूल है।
- बिहार में अनुमानित 100 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता है।
प्रमुख परियोजनाएँ और पहल
1. बिहार सोलर पॉलिसी 2017
- बिहार सोलर पॉलिसी 2017 का उद्देश्य राज्य में सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देना, राज्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना और पर्यावरण संरक्षण को सुनिश्चित करना है। यह नीति राज्य के समग्र ऊर्जा विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यहाँ बिहार सोलर पॉलिसी 2017 के प्रमुख बिंदुओं का विवरण दिया गया है|
उद्देश्य और लक्ष्य
- उद्देश्य: सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना, ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करना, और राज्य में पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित करना।
- लक्ष्य: 2022 तक 3,400 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य।
प्रमुख प्रावधान
वित्तीय प्रोत्साहन
- सब्सिडी: सोलर पैनल की स्थापना के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है, जिससे प्रारंभिक लागत को कम किया जा सके।
- कर में छूट: सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए उपकरणों की खरीद पर वैट और अन्य करों में छूट दी जाती है।
- कम ब्याज दर पर ऋण: सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए कम ब्याज दर पर ऋण की व्यवस्था।
भूमि आवंटन
- सरकारी भूमि: सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए सरकारी भूमि की उपलब्धता और रियायती दरों पर भूमि आवंटन।
- निजी भूमि: निजी भूमि पर सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए आसान अनुमति और प्रक्रियाओं का सरलीकरण।
2. सोलर पार्क
राज्य में कई सोलर पार्कों की स्थापना की गई है।
1. पटना सोलर पार्क
- स्थान: पटना
- क्षमता: 250 मेगावाट (MW)
- विवरण: पटना में स्थापित यह सोलर पार्क राज्य की राजधानी में बिजली की मांग को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस पार्क से उत्पन्न सौर ऊर्जा को शहर के विभिन्न हिस्सों में वितरित किया जाता है।
2. गया सोलर पार्क
- स्थान: गया
- क्षमता: 200 मेगावाट (MW)
- विवरण: गया में स्थित इस सोलर पार्क का मुख्य उद्देश्य गया जिले और उसके आसपास के क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति करना है। यह परियोजना स्थानीय उद्योगों और घरेलू उपयोगकर्ताओं को स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करती है।
3. दरभंगा सोलर पार्क
- स्थान: दरभंगा
- क्षमता: 150 मेगावाट (MW)
- विवरण: दरभंगा में स्थापित इस सोलर पार्क से उत्पन्न सौर ऊर्जा को जिले के विभिन्न हिस्सों में वितरित किया जाता है। यह परियोजना स्थानीय लोगों के लिए बिजली की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करती है।
4. मधेपुरा सोलर पार्क
- स्थान: मधेपुरा
- क्षमता: 100 मेगावाट (MW)
- विवरण: मधेपुरा में स्थापित इस सोलर पार्क का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ और स्थायी ऊर्जा पहुंचाना है। यह परियोजना स्थानीय कृषि और छोटे उद्योगों के लिए भी उपयोगी है।
चुनौतियाँ
- प्रारंभिक निवेश: सोलर पार्क की स्थापना के लिए प्रारंभिक निवेश की आवश्यकता होती है।
- तकनीकी ज्ञान: सोलर ऊर्जा तकनीक के बारे में जागरूकता और तकनीकी ज्ञान की कमी।
समाधान
- सरकारी सब्सिडी और वित्तीय सहायता: सरकार द्वारा सब्सिडी और वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
- प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम: सोलर ऊर्जा तकनीक के बारे में जागरूकता और तकनीकी ज्ञान बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन।
3. छत पर सौर ऊर्जा (Rooftop Solar)
- सरकारी भवनों, स्कूलों, अस्पतालों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर सोलर पैनल लगाने की पहल की गई है।
बिजली की लागत में कमी
- छत पर सोलर पैनल से उत्पन्न बिजली से बिजली के बिलों में कमी आती है।
- सोलर ऊर्जा के उपयोग से ग्रिड बिजली पर निर्भरता कम होती है।
पर्यावरणीय लाभ
- सोलर ऊर्जा उत्पादन से ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी आती है।
- यह पर्यावरण के लिए स्वच्छ और हरित ऊर्जा का स्रोत है।
ऊर्जा सुरक्षा
- छत पर सोलर पैनल से उत्पन्न बिजली स्थानीय स्तर पर ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करती है।
- यह ऊर्जा का एक विश्वसनीय और स्थायी स्रोत है।
स्वतंत्रता और स्वायत्तता
- छत पर सोलर पैनल लगाने से घर या भवन के मालिक ऊर्जा उत्पादन में स्वतंत्रता प्राप्त करते हैं।
- बिजली की कमी के दौरान भी बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित होती है।
सौर ऊर्जा के सरकारी पहल
1. सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए सब्सिडी: सरकार घरेलू, वाणिज्यिक और औद्योगिक सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए सब्सिडी प्रदान करती है।
2. सौर ऊर्जा नीति: सरकार ने सौर ऊर्जा विकास को बढ़ावा देने के लिए एक सौर ऊर्जा नीति भी लागू की है।
3. सौर ऊर्जा अनुसंधान: सरकार सौर ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान और विकास को बढ़ावा दे रही है।
4. प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM)
उद्देश्य:
- किसानों को सोलर पंप सेट उपलब्ध कराना।
- कृषि में सौर ऊर्जा का उपयोग बढ़ाना।
प्रमुख बिंदु:
- सोलर पंप सेट: किसानों को सब्सिडी पर सोलर पंप सेट प्रदान करना।
- ग्रिड-कनेक्टेड सोलर पंप: सोलर पंप को ग्रिड से जोड़ना ताकि अतिरिक्त बिजली ग्रिड को बेची जा सके।
5. छत पर सोलर योजना (Rooftop Solar Scheme)
उद्देश्य:
- आवासीय, वाणिज्यिक, और औद्योगिक भवनों में छत पर सोलर पैनल की स्थापना।
- बिजली बिलों में कमी और ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करना।
प्रमुख बिंदु:
- सब्सिडी: छत पर सोलर पैनल की स्थापना के लिए सब्सिडी।
- प्रचार और प्रशिक्षण: सोलर ऊर्जा के बारे में जागरूकता बढ़ाने और तकनीकी ज्ञान प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम।
6. सोलर सिटी योजना
उद्देश्य:
- प्रमुख शहरों को सोलर सिटी में परिवर्तित करना।
- शहरी क्षेत्रों में सोलर ऊर्जा का व्यापक उपयोग।
प्रमुख बिंदु:
- सोलर स्ट्रीट लाइट्स: शहरों में सोलर स्ट्रीट लाइट्स की स्थापना।
- सोलर चार्जिंग स्टेशन: इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सोलर चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना।
7. बिहार रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (BREDA)
उद्देश्य:
- राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के विकास और प्रबंधन।
- सोलर ऊर्जा परियोजनाओं का समन्वय और निगरानी।
प्रमुख बिंदु:
- सोलर प्रोजेक्ट्स का प्रमाणीकरण: राज्य में सोलर ऊर्जा परियोजनाओं का प्रमाणीकरण और समर्थन।
- वित्तीय सहायता: सोलर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता और सब्सिडी का प्रबंधन।
8. सोलर माइक्रोग्रिड परियोजनाएँ
उद्देश्य:
- ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में सोलर माइक्रोग्रिड की स्थापना।
- बिजली की कमी वाले क्षेत्रों में ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
प्रमुख बिंदु:
- स्थानीय ऊर्जा उत्पादन: स्थानीय स्तर पर ऊर्जा उत्पादन और वितरण।
- समुदाय आधारित मॉडल: समुदाय आधारित मॉडल के माध्यम से प्रबंधन और संचालन।
9. स्कूल और कॉलेज सोलर परियोजनाएँ
उद्देश्य:
- स्कूलों और कॉलेजों में सोलर पैनल की स्थापना।
- शिक्षा संस्थानों में ऊर्जा की लागत में कमी।
प्रमुख बिंदु:
- शिक्षण संस्थानों के लिए सब्सिडी: शिक्षा संस्थानों में सोलर पैनल की स्थापना के लिए सब्सिडी।
- सौर शिक्षा: छात्रों को सोलर ऊर्जा के महत्व और इसके उपयोग के बारे में शिक्षित करना।
10. ग्रामीण सोलर लाइटिंग
उद्देश्य:
- ग्रामीण क्षेत्रों में सोलर लाइटिंग की स्थापना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की कमी को पूरा करना।
प्रमुख बिंदु:
- सोलर होम लाइटिंग सिस्टम: ग्रामीण घरों में सोलर होम लाइटिंग सिस्टम की स्थापना।
- सोलर स्ट्रीट लाइट्स: ग्रामीण सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर सोलर स्ट्रीट लाइट्स की स्थापना।
सौर ऊर्जा के लाभ
- स्वच्छ ऊर्जा: सौर ऊर्जा एक स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है जो पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करता है।
- नवीकरणीय: सौर ऊर्जा एक नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत है जो कभी खत्म नहीं होगा।
- टिकाऊ: सौर ऊर्जा एक टिकाऊ ऊर्जा स्रोत है जो पर्यावरण के लिए टिकाऊ है।
- सस्ती: सौर ऊर्जा की लागत तेजी से घट रही है और यह अब जीवाश्म ईंधन से अधिक किफायती हो रही है।
- रोजगार सृजन: सौर ऊर्जा उद्योग रोजगार के कई अवसर पैदा करता है।
सौर ऊर्जा के चुनौतियां
- उच्च प्रारंभिक लागत: सौर ऊर्जा प्रणालियों की प्रारंभिक लागत अभी भी अपेक्षाकृत अधिक है।
- भंडारण: सौर ऊर्जा का भंडारण एक चुनौती है क्योंकि यह केवल दिन के समय ही उपलब्ध होती है।
- जमीन की आवश्यकता: बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए बड़ी मात्रा में भूमि की आवश्यकता होती है।
भविष्य की योजनाएँ
सोलर माइक्रोग्रिड बिजली उत्पादन और वितरण की एक विकेन्द्रीकृत प्रणाली है जो सौर ऊर्जा का उपयोग करके एक छोटे से क्षेत्र को बिजली प्रदान करती है। यह पारंपरिक बिजली ग्रिड से जुड़ा हो सकता है या स्वतंत्र रूप से काम कर सकता है।
- ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में सोलर माइक्रोग्रिड स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है।
- यह पहल उन क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने में मदद करेगी, जहाँ बिजली की पहुंच सीमित है।
शहरी सोलर पहल शहरों में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा शुरू की गई पहलें हैं। इन पहलों का लक्ष्य सार्वजनिक भवनों, आवासीय परिसरों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में सौर पैनल स्थापित करके शहरों को अधिक ऊर्जा-कुशल और टिकाऊ बनाना है।
- शहरी क्षेत्रों में सोलर ऊर्जा का उपयोग बढ़ाने के लिए विशेष योजनाएँ बनाई जा रही हैं।
- इसमें छत पर सोलर पैनल लगाने के साथ-साथ सोलर स्ट्रीट लाइट्स और सोलर चार्जिंग स्टेशन शामिल हैं।
Leave a Reply