बिहार में कृषि एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जो राज्य के कुल सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग 18% का योगदान देता है। हालांकि, हाल के वर्षों में, युवाओं का कृषि से मोहभंग हो रहा है और वे शहरी क्षेत्रों में बेहतर अवसरों की तलाश में पलायन कर रहे हैं।
युवाओं के कृषि से दूर जाने के कई कारण हैं, जिनमें शामिल हैं:
- कम आय: कृषि आम तौर पर कम आय वाला व्यवसाय है, खासकर छोटे और सीमांत किसानों के लिए।
- कठिन श्रम: कृषि कार्य शारीरिक रूप से कठिन और थका देने वाला हो सकता है।
- अनिश्चितता: कृषि प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा, बाढ़ और ओलावृष्टि से काफी प्रभावित होती है, जो फसल उत्पादन और किसानों की आय को अनिश्चित बनाती है।
- कम सामाजिक स्थिति: कृषि को अक्सर एक कम प्रतिष्ठित पेशा माना जाता है, जो युवाओं को आकर्षित नहीं करता है।
- अप्रत्यक्ष अवसर: कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर सीमित हैं, खासकर शिक्षित और कुशल युवाओं के लिए।
हालांकि, बिहार में कृषि में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। युवा अपनी ऊर्जा, नवीनता और तकनीकी ज्ञान का उपयोग करके कृषि को अधिक कुशल, लाभदायक और टिकाऊ बनाने में मदद कर सकते हैं। युवा कृषि में निम्नलिखित तरीकों से योगदान कर सकते हैं:
- आधुनिक तकनीकों को अपनाना: युवा नवीन कृषि तकनीकों जैसे कि ड्रिप इरिगेशन, हाइड्रोपोनिक्स और वर्मीकंपोस्टिंग को अपनाकर कृषि उत्पादकता बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
- कृषि-व्यवसाय शुरू करना: युवा कृषि-व्यवसाय शुरू कर सकते हैं जैसे कि खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी, मधुमक्खी पालन, और मछली पालन, जो उन्हें अधिक आय प्रदान कर सकते हैं और रोजगार के अवसर पैदा कर सकते हैं।
- कृषि विपणन में सुधार करना: युवा बेहतर विपणन रणनीतियों को विकसित करके और ऑनलाइन प्लेटफार्मों का उपयोग करके किसानों को अपनी उपज के लिए बेहतर बाजार मूल्य प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं।
- किसानों को शिक्षित करना: युवा किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों, सरकारी योजनाओं और बाजार के रुझानों के बारे में शिक्षित करने में मदद कर सकते हैं।
- कृषि नीति में भागीदारी: युवा कृषि नीति निर्माण प्रक्रिया में भागीदारी करके युवाओं की आवाज उठा सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनकी जरूरतों को पूरा किया जाए।
युवाओं को कृषि में आकर्षित करने के लिए सरकार और अन्य हितधारकों द्वारा कई पहल की जा रही हैं, जिनमें शामिल हैं:
- कृषि शिक्षा और प्रशिक्षण को बढ़ावा देना: सरकार कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) में शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को मजबूत कर रही है।
- युवा उद्यमियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना: सरकार युवा उद्यमियों को कृषि-व्यवसाय शुरू करने के लिए ऋण और अनुदान प्रदान कर रही है।
- कृषि में रोजगार के अवसर पैदा करना: सरकार कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है।
- कृषि को अधिक आकर्षक बनाना: सरकार कृषि को अधिक आकर्षक बनाने के लिए काम कर रही है, जैसे कि बेहतर बुनियादी ढांचे, मशीनरी और उपकरणों तक पहुंच प्रदान करना।
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