बिहार में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना राज्य के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। वित्तीय समावेशन का अर्थ है कि सभी वर्गों के लोग, विशेषकर गरीब और हाशिए पर स्थित समुदायों को वित्तीय सेवाओं तक पहुँच प्राप्त हो। बिहार सरकार और केंद्र सरकार दोनों ने वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं और पहलें शुरू की हैं।
बिहार में वित्तीय समावेशन की आवश्यकता क्यों है?
- गरीबी और बेरोजगारी: राज्य में एक बड़ी आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करती है। वित्तीय सेवाओं तक पहुंच उन्हें आर्थिक गतिविधियों में शामिल होने और अपनी आय बढ़ाने में मदद कर सकती है।
- बैंकिंग सुविधाओं का अभाव: कई ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाओं का अभाव है, जिससे लोगों को बैंकों तक पहुंचने में मुश्किल होती है।
- अज्ञानता: वित्तीय उत्पादों और सेवाओं के बारे में जागरूकता की कमी भी एक बड़ी चुनौती है।
- डिजिटल कनेक्टिविटी: इंटरनेट और स्मार्टफोन की पहुंच अभी भी सीमित है, जिससे डिजिटल भुगतान और अन्य वित्तीय सेवाओं को अपनाना मुश्किल हो जाता है।
यहाँ कुछ प्रमुख कदम और योजनाओं का विवरण दिया गया है:
1. प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY)
- उद्देश्य: सभी घरों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ना।
- विशेषताएँ: जीरो बैलेंस खाते, रुपे डेबिट कार्ड, और ओवरड्राफ्ट सुविधा।
- विस्तार: योजना का कवरेज बढ़ाकर अधिक से अधिक लोगों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ना।
2. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY)
- उद्देश्य: छोटे और मध्यम उद्यमों को वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- विशेषताएँ: शिशु, किशोर, और तरुण श्रेणियों के तहत ऋण प्रदान करना।
- विस्तार: अधिक उद्यमियों को ऋण सुविधा उपलब्ध कराना और आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाना।
3. अटल पेंशन योजना (APY)
- उद्देश्य: असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को पेंशन योजना में शामिल करना।
- विशेषताएँ: मासिक योगदान के आधार पर पेंशन प्राप्त करना।
- विस्तार: योजना के प्रति जागरूकता बढ़ाना और अधिक श्रमिकों को योजना में शामिल करना।
4. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY)
- उद्देश्य: 18 से 50 वर्ष के लोगों को जीवन बीमा कवर प्रदान करना।
- विशेषताएँ: 2 लाख रुपये का जीवन बीमा कवर।
- विस्तार: अधिक से अधिक लोगों को योजना के तहत बीमा कवर प्रदान करना।
5. प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY)
- उद्देश्य: दुर्घटना बीमा कवर प्रदान करना।
- विशेषताएँ: 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर।
- विस्तार: योजना के प्रति जागरूकता बढ़ाना और अधिक लोगों को बीमा कवर प्रदान करना।
6. डिजिटल बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग
- उद्देश्य: ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं की पहुँच बढ़ाना।
- विशेषताएँ: मोबाइल बैंकिंग एप्लिकेशन, इंटरनेट बैंकिंग, और माइक्रो एटीएम।
- विस्तार: डिजिटल बैंकिंग सेवाओं का विस्तार और तकनीकी सहायता प्रदान करना।
7. स्वयं सहायता समूह (SHG) और माइक्रोफाइनेंस
- उद्देश्य: महिलाओं और कमजोर वर्गों को वित्तीय सहायता प्रदान करना।
- विशेषताएँ: छोटे ऋण और बचत सुविधाएँ।
- विस्तार: अधिक से अधिक SHG का गठन और माइक्रोफाइनेंस संस्थानों के साथ साझेदारी बढ़ाना।
8. वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम
- उद्देश्य: लोगों को वित्तीय सेवाओं और योजनाओं के प्रति जागरूक करना।
- विशेषताएँ: वित्तीय साक्षरता शिविर, कार्यशालाएँ, और प्रशिक्षण कार्यक्रम।
- विस्तार: ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में वित्तीय साक्षरता कार्यक्रमों का आयोजन करना।
वित्तीय समावेशन के लाभ:
- आर्थिक विकास: वित्तीय समावेशन से बचत और निवेश बढ़ता है, जिससे आर्थिक विकास को गति मिलती है।
- गरीबी में कमी: वित्तीय सेवाओं तक पहुंच गरीबी को कम करने में मदद करती है।
- सशक्तिकरण: वित्तीय सेवाओं तक पहुंच लोगों को आत्मनिर्भर बनाती है और उन्हें सशक्त बनाती है।
- सामाजिक विकास: वित्तीय समावेशन सामाजिक विकास में भी योगदान देता है।
निष्कर्ष
बिहार में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना राज्य के आर्थिक विकास और सामाजिक समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। सही नीतियों और योजनाओं के माध्यम से सभी वर्गों को वित्तीय सेवाओं तक पहुँच प्रदान कर राज्य को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा सकता है।
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