प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक राष्ट्रीय स्तरीय फसल बीमा योजना है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं (जैसे सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि, चक्रवात, कीटों का प्रकोप) के कारण होने वाली फसल हानि से वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।
बिहार में PMFBY
- बिहार सरकार PMFBY के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- राज्य सरकार बीमा कंपनियों का चयन करती है, बीमा प्रीमियम तय करती है और किसानों को जागरूकता प्रदान करती है।
- 2023-24 के लिए, बिहार सरकार ने PMFBY के तहत कई फसलों को शामिल किया है, जिनमें शामिल हैं:
- धान (खरीफ और रबी)
- गेहूं
- मक्का
- दलहन
- तिलहन
- सोयाबीन
- आलू
- टमाटर
- मिर्च
- प्याज
- किसान ऑनलाइन या नजदीकी कृषि सेवा केंद्र पर जाकर PMFBY के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- बीमा प्रीमियम किसानों, राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा साझा किया जाता है।
- फसल हानि होने पर, किसान बीमा मुआवजा प्राप्त करने के लिए दावा कर सकते हैं।
लक्ष्य और उद्देश्य
- किसानों को जोखिम से सुरक्षा: फसल नुकसान के कारण होने वाले आर्थिक नुकसान से किसानों को बचाना।
- आय स्थिरता: किसानों की आय में स्थिरता सुनिश्चित करना।
- कृषि उत्पादन में वृद्धि: फसल उत्पादन को बढ़ावा देना और कृषि में निवेश को प्रोत्साहित करना।
- क्रेडिट फ्लो में सुधार: कृषि क्षेत्र में बैंक क्रेडिट को प्रोत्साहित करना।
योजना के मुख्य घटक
- बीमा कवरेज: खरीफ, रबी, और वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए बीमा कवरेज।
- बीमा प्रीमियम: किसानों द्वारा देय प्रीमियम निम्नानुसार होता है:
- खरीफ फसल: 2%
- रबी फसल: 1.5%
- वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए: 5%
बीमा प्रक्रिया
- बीमा कंपनियाँ: विभिन्न अधिकृत बीमा कंपनियों द्वारा बीमा प्रदान किया जाता है।
- पंजीकरण: किसानों को अपनी फसलों का बीमा करवाने के लिए संबंधित बीमा कंपनियों या एजेंटों के पास पंजीकरण कराना होता है।
- दावा प्रक्रिया: फसल नुकसान के बाद किसान बीमा दावा कर सकते हैं। फसल कटाई प्रयोग और अन्य प्रक्रियाओं के माध्यम से नुकसान का आकलन किया जाता है।
PMFBY के लाभ:
- किसानों को फसल हानि से वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है।
- किसानों को नियमित आय सुनिश्चित करने में मदद करता है।
- बैंकों से ऋण प्राप्त करने में किसानों की मदद करता है।
- कृषि क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देता है।
PMFBY की चुनौतियां:
- कम जागरूकता:
- सभी किसानों को PMFBY के बारे में जानकारी नहीं है।
- दावा प्रक्रिया में देरी:
- किसानों को बीमा मुआवजा प्राप्त करने में देरी का सामना करना पड़ सकता है।
- फसलों का कम कवरेज:
- सभी फसलों को PMFBY के तहत कवर नहीं किया जाता है।
- प्राकृतिक आपदाओं का गलत आकलन:
- फसल हानि का आकलन करने में त्रुटियां हो सकती हैं।
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