प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) एक केंद्र सरकार की योजना है, जिसका उद्देश्य देश भर के किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। बिहार में भी इस योजना का व्यापक प्रभाव पड़ा है, जिससे राज्य के किसानों को आर्थिक राहत और समर्थन मिला है। आइए इस योजना के विभिन्न पहलुओं और बिहार में इसके प्रभाव पर एक नजर डालते हैं:
1. योजना का उद्देश्य और लक्ष्य
- आर्थिक सहायता: छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना ताकि उनकी आय में वृद्धि हो सके और कृषि संबंधी खर्चों में मदद मिल सके।
- कृषि विकास: किसानों को नियमित वित्तीय सहायता के माध्यम से कृषि में निवेश को बढ़ावा देना और कृषि उत्पादकता में सुधार।
2. मुख्य विशेषताएँ
- वार्षिक सहायता: प्रत्येक पात्र किसान परिवार को प्रति वर्ष ₹6000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
- किस्तों में भुगतान: यह राशि ₹2000 की तीन किस्तों में सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा की जाती है।
- डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT): भुगतान को सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर किया जाता है, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त होती है और पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।
3. पात्रता मानदंड
- छोटे और सीमांत किसान: वे किसान जिनके पास 2 हेक्टेयर तक की कृषि भूमि है।
- जमीन का स्वामित्व: लाभार्थियों को स्वामित्व वाली जमीन के रिकॉर्ड के आधार पर चुना जाता है।
- अपात्रता: बड़े किसानों, संस्थागत भूमि मालिकों, संवैधानिक पदों पर कार्यरत व्यक्तियों, सरकारी कर्मचारियों और उच्च आय करदाता किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिलता।
4. बिहार में PM-KISAN योजना का प्रभाव
- किसानों को वित्तीय सहायता: बिहार के लाखों किसानों को इस योजना से सीधे वित्तीय लाभ मिल रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।
- कृषि निवेश में वृद्धि: प्राप्त राशि का उपयोग किसान बीज, खाद, और अन्य कृषि निवेश में कर रहे हैं, जिससे उत्पादन में वृद्धि हो रही है।
- वित्तीय स्थिरता: नियमित वित्तीय सहायता से किसानों को वित्तीय स्थिरता मिल रही है, जिससे वे आपातकालीन परिस्थितियों में भी सुरक्षित रह सकते हैं।
5. चुनौतियाँ और समाधान
- पंजीकरण की प्रक्रिया: कुछ क्षेत्रों में किसानों को पंजीकरण और दस्तावेज़ीकरण में समस्याओं का सामना करना पड़ा है।
- बैंक खाता संबंधित समस्याएँ: कुछ किसानों को बैंक खातों में तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ा है।
- समाधान प्रयास: राज्य और केंद्र सरकार द्वारा पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाने और किसानों की शिकायतों के समाधान के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।
6. सहयोगी कार्यक्रम और सेवाएँ
- कृषि विस्तार सेवाएँ: किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों और पद्धतियों की जानकारी देने के लिए कृषि विस्तार सेवाओं का सुदृढ़ीकरण।
- कृषि शिक्षा और प्रशिक्षण: किसानों को योजना और कृषि प्रथाओं के बारे में प्रशिक्षण और शिक्षा कार्यक्रम आयोजित करना।
- तकनीकी सहायता: किसानों को आवेदन और पंजीकरण प्रक्रिया में मदद करने के लिए तकनीकी सहायता केंद्र स्थापित करना।
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