- बिहार भारत का एकमात्र अभ्रक उत्पादक राज्य है।
- गया, जमुई और नवादा जिलों में अभ्रक की कई खदानें हैं।
- अभ्रक का उपयोग बिजली के इन्सुलेटर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और सौंदर्य प्रसाधनों में किया जाता है।
इतिहास:
- बिहार में अभ्रक उद्योग का इतिहास काफी पुराना है। प्राचीन काल से ही अभ्रक का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता रहा है। 19वीं शताब्दी में, बिहार भारत में अभ्रक का प्रमुख उत्पादक बन गया।
भंडार:
- बिहार में अभ्रक के भंडार मुख्य रूप से गया, किशनगंज और मुंगेर जिलों में पाए जाते हैं। इन जिलों में अभ्रक की कई खानें हैं, जिनमें से कुछ सबसे प्रसिद्ध खानें कोडरमा, गिरिडीह और चाकल हैं।
उपयोग:
अभ्रक का उपयोग विभिन्न उद्योगों में किया जाता है, जिनमें शामिल हैं:
- विद्युत उद्योग: अभ्रक का उपयोग विद्युत इन्सुलेटर के रूप में किया जाता है।
- इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग: अभ्रक का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में कैपेसिटर और प्रतिरोधों के रूप में किया जाता है।
- ऑटोमोटिव उद्योग: अभ्रक का उपयोग ब्रेक पैड और क्लच प्लेट में किया जाता है।
- अंतरिक्ष उद्योग: अभ्रक का उपयोग अंतरिक्ष यान में गर्मी ढाल के रूप में किया जाता है।
- कॉस्मेटिक उद्योग: अभ्रक का उपयोग सौंदर्य प्रसाधनों में चमकदार बनाने वाले एजेंट के रूप में किया जाता है।
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