नदी बेसिन
बिहार में सिंचाई के लिए मुख्यता रूप से निम्नलिखित नदी बेसिन का उपयोग किया जाता है:
- गंगा नदी बेसिन: बिहार के पश्चिमी और मध्य क्षेत्रों में गंगा नदी का बहुत बड़ा योगदान होता है। इसके बेसिन में गंगा का पानी सिंचाई के लिए प्रमुख रूप से उपयोग किया जाता है। पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, और अन्य क्षेत्रों में गंगा नदी सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है।
- कोसी नदी बेसिन: बिहार के पूर्वी भाग में कोसी नदी का बेसिन है, जो बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण सिंचाई स्रोत है। कोसी नदी और उसके सहायक नदियों के पानी से कोसी क्षेत्र में कृषि को सिंचाई के लिए उपयोग में लाया जाता है।
- सोन नदी बेसिन: बिहार के मध्य और दक्षिणी क्षेत्रों में सोन नदी और उसके सहायक नदियों का पानी सिंचाई के लिए उपयोगी होता है। यह नदी बिहार के अलग-अलग भागों में कृषि और सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण है।
- गंडक नदी बेसिन: बिहार के पश्चिमी क्षेत्र में गंडक नदी और उसके सहायक नदियों का पानी सिंचाई के लिए उपयोगी होता है। यह नदी पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, और पूर्वी बिहार के कुछ हिस्सों में सिंचाई का स्रोत है।
जल परियोजनाएं
यहाँ बिहार में प्रमुख जल परियोजनाओं की कुछ जानकारी दी जा रही है:
1. सोन नहर परियोजना
- क्षेत्र: सोन नदी के लिए एक बड़ी सिंचाई परियोजना।
- लाभ: मुख्य रूप से पटना, और उत्तर बिहार के कृषि क्षेत्रों को सिंचाई प्रदान करने के लिए योजना।
2. कोसी नहर परियोजना
- क्षेत्र: कोसी नदी के लिए बड़ी सिंचाई परियोजना।
- लाभ: मुख्य रूप से मध्य और पूर्वी बिहार के कृषि क्षेत्रों को सिंचाई प्रदान करने के लिए योजना।
3. भागीरथी नहर परियोजना
- क्षेत्र: भागीरथी नदी के लिए बड़ी सिंचाई परियोजना।
- लाभ: उत्तर बिहार के कृषि क्षेत्रों को सिंचाई प्रदान करने के लिए योजना।
4. मज़ला बांध परियोजना
- क्षेत्र: गंगा नदी के उपनदी मज़ला के लिए बांध परियोजना।
- लाभ: पटना और उत्तर बिहार के कृषि क्षेत्रों को सिंचाई प्रदान करने के लिए योजना।
5. तालाब निर्माण
- क्षेत्र: राज्य भर में छोटे-बड़े तालाबों का निर्माण।
- लाभ: सिंचाई, पानी के भंडारण, मछली पालन और जल संसाधनों का प्रबंधन।
जल संसाधनों का प्रबंधन
1. सिंचाई प्रबंधन
- जल संसाधन का उपयोग: बिहार में सिंचाई का अधिकांश हिस्सा खेती में होता है, जिससे फसलों के उत्पादन में सुधार होता है।
- जल संसाधन की प्रबंधन प्रणाली: सिंचाई के लिए विभिन्न प्रकार की प्रणालियों का उपयोग होता है, जैसे की जलाशय, नहर, और सूचना तंत्र।
- प्रमुख परियोजनाएँ: कोसी नहर परियोजना, सोन नहर परियोजना और छोटे जलाशयों का उपयोग सिंचाई के लिए।
2. जल संसाधन की संरक्षण
- जल संरक्षण के उपाय: बिहार में जल संरक्षण के लिए सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों का प्रयोग किया जा रहा है, जैसे की ड्रिप आईरिगेशन और स्प्रिंकलर सिस्टम।
- जल संरक्षण की अवधारणाएँ: बांधों, छोटे तालाबों, और जल संग्रहण के लिए अवधारणाएँ बढ़ाने का प्रयास।
3. जल संसाधन की गुणवत्ता सुनिश्चित करना
- जल संसाधन का गुणवत्ता मॉनिटरिंग: जल संभावनाओं की समीक्षा और मॉनिटरिंग करने के लिए प्रणालियों का विकास।
- पानी का प्रयोग: प्रचलित पानी का उपयोग करने के लिए गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नई तकनीकों का प्रयोग करते हुए संसाधनों का उपयोग करते हैं।
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