बिहार सरकार ने कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कई नीतियां लागू की हैं। इन नीतियों का उद्देश्य राज्य में रोजगार के अवसर पैदा करना, निवेश को आकर्षित करना और कपड़ा उत्पादन को बढ़ाना है।
मुख्य नीतियां:
1. बिहार टेक्सटाइल नीति, 2015: यह नीति राज्य में टेक्सटाइल उद्योग के समग्र विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। इसमें बुनियादी ढांचे के विकास, कौशल विकास और अनुसंधान और विकास के लिए प्रावधान शामिल हैं। 2. बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016:
- उद्देश्य: निवेश को आकर्षित करना और रोजगार के अवसर बढ़ाना।
- लाभ: इस नीति के तहत निवेशकों को कई प्रकार की वित्तीय और गैर-आर्थिक प्रोत्साहन दिए जाते हैं, जैसे कि कर रियायतें, बिजली दर में छूट, और भूमि आवंटन में सहूलियतें।
3. बिहार टेक्सटाइल पॉलिसी 2017:
- उद्देश्य: कपड़ा और परिधान क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करना।
- प्रमुख प्रावधान: टेक्सटाइल पार्क की स्थापना, बुनकरों को प्रशिक्षण और कौशल विकास, मशीनरी पर सब्सिडी, और वित्तीय सहायता।
- लाभ: उद्योगों को पूंजी निवेश सब्सिडी, ब्याज सब्सिडी, और बिजली सब्सिडी प्रदान की जाती है।
4. बिहार हस्तशिल्प नीति, 2018: यह नीति हस्तशिल्प क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देती है, जिसमें कपड़ा उद्योग भी शामिल है। इसमें हस्तशिल्पकारों को वित्तीय सहायता, बाजार सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रावधान शामिल हैं।
5. बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति (वस्त्र व चर्म), 2022: यह नीति नई कपड़ा और चमड़ा इकाइयों को स्थापित करने के लिए विभिन्न प्रोत्साहन प्रदान करती है, जैसे सब्सिडी, कर छूट और भूमि आवंटन।
6. रेशम विकास योजना:
- उद्देश्य: रेशम उत्पादन और बुनाई को बढ़ावा देना।
- लाभ: रेशम कीट पालन और रेशम धागा उत्पादन के लिए वित्तीय सहायता, और रेशम बुनकरों को प्रशिक्षण कार्यक्रम।
7. बिहार राज्य हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास निगम:
- उद्देश्य: राज्य में हथकरघा और हस्तशिल्प उद्योग का विकास और प्रोत्साहन।
- लाभ: बुनकरों और शिल्पकारों को बाजार में पहुंच प्रदान करना, उनके उत्पादों का विपणन और विपणन में सहायक होना।
8. वस्त्र और परिधान क्लस्टर विकास योजना:
- उद्देश्य: कपड़ा उद्योग के क्लस्टरों का विकास और उन्नति।
- लाभ: क्लस्टरों में बुनियादी ढांचे का विकास, तकनीकी सहायता, और वित्तीय सहायता प्रदान करना।
9. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP):
- उद्देश्य: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसरों का सृजन।
- लाभ: कपड़ा उद्योग में नई इकाइयों की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता।
10. स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम:
- उद्देश्य: बुनकरों और कपड़ा उद्योग के श्रमिकों का कौशल विकास।
- लाभ: विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम और कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं, जिनसे श्रमिकों के कौशल में सुधार होता है और वे आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं।
11. नए टेक्सटाइल पार्क और क्लस्टर की स्थापना:
- उद्देश्य: कपड़ा उद्योग के व्यापक विकास के लिए आधारभूत संरचना प्रदान करना।
- लाभ: नई टेक्सटाइल पार्क और क्लस्टर में सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करना, जिससे उद्योगों को एक जगह पर स्थापित होने में आसानी होती है।
इन नीतियों के लाभ:
- इन नीतियों ने राज्य में कपड़ा उद्योग में निवेश में वृद्धि की है।
- नई कपड़ा और चमड़ा इकाइयों की स्थापना हुई है, जिससे रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई है।
- कपड़ा उत्पादन में वृद्धि हुई है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को लाभ हुआ है।
चुनौतियां:
- बुनियादी ढांचे की कमी: राज्य में बिजली, पानी और सड़कों जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी है, जो निवेशकों को हतोत्साहित कर सकती है।
- कुशल श्रमिकों की कमी: राज्य में कुशल श्रमिकों की कमी है, जो उत्पादन लागत को बढ़ा सकती है।
- बाजार तक पहुंच की कमी: छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) को अपने उत्पादों के लिए बाजार तक पहुंचने में कठिनाई होती है।
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