कोयला उद्योग:
- झारखंड से अलग होने के बाद भी, बिहार में धनबाद, बोकारो, गिरिडीह और मुंगेर जिलों में कई महत्वपूर्ण कोयला खदानें हैं।
- इन खदानों से निकाले गए कोयले का उपयोग बिजली उत्पादन, स्टील उद्योग और सीमेंट उद्योग में किया जाता है।
- बिहार, भारत के पूर्वी भाग में स्थित, ऐतिहासिक रूप से देश के सबसे महत्वपूर्ण कोयला उत्पादक राज्यों में से एक रहा है।
- पिछले कुछ दशकों में, झारखंड के गठन के बाद, बिहार का कोयला उत्पादन काफी कम हो गया है।
- लेकिन, हाल के वर्षों में, राज्य में कोयला उद्योग के पुनरुत्थान की संभावनाएं बढ़ रही हैं।
भागलपुर में कोयले के भंडार की खोज:
2023 में, भागलपुर जिले में दो विशाल कोयला भंडारों की खोज ने बिहार में कोयला उद्योग को नया जीवनदान दिया है।
यह अनुमान लगाया गया है कि इन भंडारों में 25-30 वर्षों तक खनन के लिए पर्याप्त कोयला है।
यह खोज न केवल राज्य के लिए एक बड़ा आर्थिक अवसर है, बल्कि बिजली उत्पादन और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा।
उपयोग:
- जैसे की विद्युत उत्पादन, इस्पात और धातु उद्योग, खनिज उद्योग, और उष्माकटिकीय उत्पादन।
- कोयला का प्रमुख उपयोग विद्युत उत्पादन में होता है, जहाँ यह ऊर्जा के स्रोत के रूप में काम आता है, जैसे कि बिजली उत्पादन के लिए थर्मल प्लांट्स में।
- इसका उपयोग इस्पात उद्योग में भी होता है, जहाँ यह इस्पात के निर्माण में एक प्रमुख उपकरण के रूप में काम आता है|
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