राज्य में बिजली की भारी मांग है, इस समस्या का समाधान करने के लिए, बिहार सरकार बायोमास ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है, जो जैविक पदार्थों से प्राप्त ऊर्जा का एक स्वच्छ और नवीकरणीय स्रोत है। जीवित या मृत जीवों जैसे पौधों या जानवरों के भीतर संग्रहीत, उत्पादित या उत्पन्न ऊर्जा है। आम जैविक सामग्री, या बायोमास फीडस्टॉक्स का उपयोग बायोमास ऊर्जा बनाने के लिए किया जाता है जिसमें पौधे, लकड़ी और अपशिष्ट उत्पाद शामिल हैं।
बायोमास ऊर्जा के स्रोत
- गोबर और गौनीरू:
- गोबर और गौनीरू से बायोगैस उत्पन्न किया जा सकता है, जिसे बायो-गैस प्लांट्स में उपयोग किया जाता है। गोबर गैस प्लांट्स से गैस उत्पन्न होती है जो बिजली उत्पादन या ग्रामीण उपयोग के लिए उपयुक्त होती है।
- खाद्य अपशिष्ट:
- खाद्य अपशिष्ट जैसे कि फल, सब्जियां, और अन्य खाद्य पदार्थों के अवशेष और जीवाश्म भी बायोमास के रूप में उपयोग में लाए जा सकते हैं।
- लकड़ी और लकड़ी के अपशिष्ट:
- लकड़ी और लकड़ी के अपशिष्ट भी उच्च तापमान पर जलने पर ऊर्जा उत्पादित कर सकते हैं, जिससे बायोमास ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है।
- कृषि अपशिष्ट:
- कृषि के अपशिष्ट जैसे कि गेहूँ की खाद, बार्ले की बहुतायत, और अन्य फसलीय अपशिष्ट भी बायोमास के रूप में उपयोग में लाए जा सकते हैं।
- वनस्पतिजीव:
- वनस्पतिजीव जैसे कि लकड़ी, फल के पेड़, और अन्य वनस्पतियों के अवशेष भी ऊर्जा उत्पादन के लिए उपयोगी हो सकते हैं।
बायोमास ऊर्जा का उपयोग
- बायोगैस उत्पादन: यह उपयोगी ऊर्जा स्रोत है जो जीवाश्मों से मेथेन गैस उत्पन्न करता है। गोबर गैस प्लांट्स (बायो-गैस प्लांट्स) गोबर, खाद्य अपशिष्ट, और अन्य जैविक स्रोतों से गैस उत्पन्न करते हैं, जिसे बिजली उत्पादन या किसानों के लिए गैस के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
- बायोमास चूल्हे: ये चूल्हे विभिन्न बायोमास स्रोतों से ऊर्जा उत्पन्न करते हैं और खाद्य पकाने के लिए उपयुक्त होते हैं। इन्हें गोबर, लकड़ी, खाद्य अपशिष्ट आदि से चलाया जा सकता है।
- बायोमास ऊर्जा संयंत्र: बड़े पैम्प और उत्पादन सुविधाओं के लिए बायोमास संयंत्र उपयोगी हो सकते हैं, जहां बड़े मात्राओं में ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
- बायोडीजल: बायोमास से उत्पन्न किया गया डायजल, जो कि वाहनों और मशीनरी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
सरकारी योजनाएँ और नीतियाँ
योजनाएँ:
- राष्ट्रीय बायोमास मिशन: यह केंद्र सरकार की एक योजना है जिसका उद्देश्य देश में बायोमास ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत, बिहार सरकार को बायोमास ऊर्जा परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
- पूर्वोत्तर क्षेत्र बायोमास ऊर्जा विकास योजना: यह योजना पूर्वोत्तर राज्यों में बायोमास ऊर्जा के विकास को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई है। इस योजना के तहत, बिहार को भी लाभ होता है।
- राज्य बायोमास ऊर्जा कार्यक्रम: यह बिहार सरकार की अपनी योजना है जिसका उद्देश्य राज्य में बायोमास ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत, सरकार बायोमास ऊर्जा परियोजनाओं के लिए सब्सिडी और वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
- बायोमास गैसीफिकेशन
नीतियाँ:
- बिहार बायोमास नीति, 2016: यह नीति बिहार में बायोमास ऊर्जा के विकास के लिए एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करती है। इस नीति में बायोमास ऊर्जा परियोजनाओं के लिए प्रोत्साहन, बायोमास संसाधनों के प्रबंधन और बायोमास ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए रणनीतियाँ शामिल हैं।
- बिहार अपशिष्ट से ऊर्जा नीति, 2018: यह नीति कृषि अपशिष्ट, शहरी अपशिष्ट और औद्योगिक अपशिष्ट जैसे अपशिष्ट पदार्थों से ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। इस नीति में अपशिष्ट से ऊर्जा परियोजनाओं के लिए प्रोत्साहन और अपशिष्ट प्रबंधन के लिए रणनीतियाँ शामिल हैं।
इन योजनाओं और नीतियों के लाभ:
- बायोमास ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि: इन योजनाओं और नीतियों ने बिहार में बायोमास ऊर्जा उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि की है।
- पर्यावरण प्रदूषण में कमी: बायोमास ऊर्जा के उपयोग से जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम हुई है, जिससे वायु प्रदूषण में कमी आई है।
- रोजगार सृजन: बायोमास ऊर्जा उद्योग ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के कई अवसर पैदा किए हैं।
- ग्रामीण विकास: बायोमास ऊर्जा ने ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता में सुधार किया है, जिससे कृषि और अन्य ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा मिला है।
चुनौतियाँ और समाधान
चुनौतियाँ
- वित्तीय समर्थन: बायोमास प्रोजेक्ट्स के लिए प्रारंभिक निवेश और वित्तीय समर्थन की कमी हो सकती है।
- टेक्निकल नॉलेज: बायोमास प्रोजेक्ट्स की अच्छी निर्माण और रखरखाव के लिए तकनीकी ज्ञान की आवश्यकता है।
- स्थानीय समर्थन: ग्रामीण क्षेत्रों में बायोमास प्रोजेक्ट्स के लिए स्थानीय समर्थन और संसाधनों की कमी हो सकती है।
- जागरूकता की कमी: कई लोगों को अभी भी बायोमास ऊर्जा के लाभों के बारे में जानकारी नहीं है।
- अनुसंधान और विकास: बायोमास ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के विकास में अधिक अनुसंधान और विकास की आवश्यकता है।
समाधान
- सरकारी सहायता: राज्य सरकार द्वारा बायोमास प्रोजेक्ट्स के लिए सब्सिडी और वित्तीय सहायता प्रदान की जानी चाहिए।
- तकनीकी प्रशिक्षण: ग्रामीण क्षेत्रों में बायोमास प्रोजेक्ट्स के लिए तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए।
- सामुदायिक संगठन: स्थानीय स्तर पर सामुदायिक संगठनों को बायोमास प्रोजेक्ट्स के विकास और प्रबंधन में समर्थन प्रदान करना चाहिए।
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