बिहार राज्य का बजट राज्य सरकार द्वारा प्रतिवर्ष पेश किया जाता है, जिसमें राज्य की आय और व्यय का विस्तृत विवरण होता है। बजट में विभिन्न विभागों और योजनाओं के लिए वित्तीय आवंटन किए जाते हैं, जो राज्य के विकास और जनकल्याण के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।
यहां बिहार राज्य के बजट के प्रमुख पहलुओं का विवरण दिया गया है:
बजट की प्रमुख विशेषताएं:
- राजस्व और व्यय का विवरण:
- बजट में राज्य की कुल आय और व्यय का विस्तृत विवरण होता है। इसमें कर राजस्व, गैर-कर राजस्व, केंद्र सरकार से प्राप्त अनुदान और ऋण शामिल होते हैं।
- व्यय में विभिन्न विभागों और योजनाओं के लिए वित्तीय आवंटन शामिल होता है, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सड़क निर्माण, ग्रामीण विकास आदि।
- राजकोषीय अनुशासन:
- बजट में राजकोषीय घाटे और सार्वजनिक ऋण को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाते हैं। राजकोषीय अनुशासन बनाए रखने के लिए राजस्व संग्रहण और व्यय प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
- प्राथमिकताएं और योजनाएं:
- बजट में राज्य सरकार की प्राथमिकताएं और योजनाएं स्पष्ट की जाती हैं। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा, कृषि और ग्रामीण विकास को प्रमुखता दी जाती है।
बजट का संरचना:
- राजस्व खाता:
- राजस्व प्राप्तियां: इसमें कर राजस्व (जैसे GST, वैट, आबकारी कर) और गैर-कर राजस्व (जैसे शुल्क, उपयोगिता भुगतान) शामिल होते हैं।
- राजस्व व्यय: इसमें प्रशासनिक खर्च, वेतन, पेंशन, अनुदान और सब्सिडी शामिल होते हैं।
- पूंजी खाता:
- पूंजीगत प्राप्तियां: इसमें ऋण, सार्वजनिक उधारी और गैर-ऋण पूंजीगत प्राप्तियां (जैसे परिसंपत्तियों की बिक्री) शामिल होते हैं।
- पूंजीगत व्यय: इसमें बुनियादी ढांचे के निर्माण, परियोजनाओं और योजनाओं पर होने वाला व्यय शामिल होता है।
- राजकोषीय घाटा और वित्तीय प्रबंधन:
- राजकोषीय घाटा: राज्य की कुल आय और कुल व्यय के बीच का अंतर।
- राजस्व घाटा: राजस्व प्राप्तियों और राजस्व व्यय के बीच का अंतर।
- प्राथमिक घाटा: राजकोषीय घाटे में से ब्याज भुगतान घटाकर प्राप्त शेष राशि।
बिहार राज्य बजट 2024-25 (मुख्य बिंदु):
मुख्य बजट आँकड़े:
- कुल बजट आवंटन: 2.79 लाख करोड़ रुपये, जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 6.43% अधिक है।
- राजस्व व्यय: 2.25 लाख करोड़ रुपये, जो 2023-24 के संशोधित अनुमानों से 10% कम है।
- पूंजीगत व्यय: 29,416 करोड़ रुपये, जो पिछले वर्ष के संशोधित अनुमानों से 26% कम है।
- वित्तीय घाटा: 29,095 करोड़ रुपये, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) का 2.98% है।
- कुल प्राप्तियाँ: 2.78 लाख करोड़ रुपये, जिसमें 1.22 लाख करोड़ रुपये केंद्र से प्राप्त होने वाले करों का हिस्सा शामिल है।
- राजस्व अधिशेष: 1,121 करोड़ रुपये।
प्रमुख क्षेत्रवार आवंटन:
- शिक्षा: 52,639 करोड़ रुपये
- स्वास्थ्य: 14,932 करोड़ रुपये
- ग्रामीण विकास: 14,296 करोड़ रुपये
- सड़क: 15,235 करोड़ रुपये
- गृह विभाग: 16,324 करोड़ रुपये
बजट में 1,121.41 करोड़ रुपये का राजस्व अधिशेष और 2.98% का राजकोषीय घाटा दर्शाया गया है। साथ ही 3.48 लाख करोड़ रुपये का बकाया कर्ज भी दर्शाया गया है
अन्य महत्वपूर्ण बिंदु:
- शिक्षा में सुधार: स्कूल अपग्रेडेशन, छात्रवृत्ति योजनाएँ, और ड्रॉपआउट दर में कमी।
- स्वास्थ्य: मातृ मृत्यु दर में कमी और संस्थागत प्रसव में वृद्धि।
- आर्थिक विकास और रोजगार सृजन: कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में निवेश, IT नीति 2024, और छोटे पैमाने के उद्यमिता को बढ़ावा देना।
- गरीबी उन्मूलन: 2023-24 से 2.5 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सफलता।
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