बिहार में बैंकिंग और वित्तीय सेवाएँ राज्य की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये सेवाएँ राज्य के निवासियों को आर्थिक संसाधनों तक पहुँच प्रदान करती हैं और व्यवसायिक गतिविधियों को समर्थन देती हैं।
बिहार में बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं के विभिन्न पहलुओं को निम्नलिखित बिंदुओं में विभाजित किया जा सकता है:
बैंकिंग सेवाएँ (Banking Services)
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (Public Sector Banks)
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)
- बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB)
- पंजाब नेशनल बैंक (PNB)
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI)
- निजी क्षेत्र के बैंक (Private Sector Banks)
- एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank)
- आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank)
- एक्सिस बैंक (Axis Bank)
- कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank)
- ग्रामीण बैंक (Regional Rural Banks)
- उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक
- बिहार ग्रामीण बैंक
- सहकारी बैंक (Cooperative Banks)
- बिहार राज्य सहकारी बैंक
- जिला सहकारी बैंक
- छोटे वित्त बैंक (Small Finance Banks)
- उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक
- जनलक्ष्मी स्मॉल फाइनेंस बैंक
वित्तीय सेवाएँ (Financial Services)
- बीमा सेवाएँ (Insurance Services)
- जीवन बीमा निगम (LIC)
- न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी
- निजी बीमा कंपनियाँ जैसे ICICI Prudential, HDFC Life
- माइक्रोफाइनेंस (Microfinance)
- माइक्रोफाइनेंस संस्थाएँ (MFIs) जैसे SKS माइक्रोफाइनेंस, बंधन बैंक
- स्वयं सहायता समूह (Self Help Groups – SHGs)
- निवेश सेवाएँ (Investment Services)
- म्यूचुअल फंड (Mutual Funds)
- स्टॉक ब्रोकिंग सेवाएँ (Stock Broking Services)
- संपत्ति प्रबंधन सेवाएँ (Wealth Management Services)
- ऋण सेवाएँ (Loan Services)
- कृषि ऋण (Agricultural Loans)
- व्यक्तिगत ऋण (Personal Loans)
- गृह ऋण (Home Loans)
- व्यवसायिक ऋण (Business Loans)
- डिजिटल बैंकिंग (Digital Banking)
- इंटरनेट बैंकिंग (Internet Banking)
- मोबाइल बैंकिंग (Mobile Banking)
- यूपीआई और डिजिटल भुगतान (UPI and Digital Payments)
बिहार सरकार की पहल
- जन धन योजना (Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana)
- वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए जन धन खाते खोले गए हैं, जो बैंकिंग सेवाओं को हर घर तक पहुंचाने का प्रयास है।
- मुद्रा योजना (Pradhan Mantri Mudra Yojana)
- छोटे और मझोले उद्यमों को ऋण प्रदान करने के लिए मुद्रा योजना लागू की गई है, जिससे उद्यमिता को प्रोत्साहन मिलता है।
- आधार-लिंक्ड सेवाएँ (Aadhaar-Linked Services)
- सरकारी सब्सिडी और लाभार्थियों को सीधे बैंक खातों में ट्रांसफर करने के लिए आधार लिंक्ड बैंकिंग सेवाएँ।
- डिजिटल भुगतान:
- डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए कई पहलें की जा रही हैं।
- बैंक शाखाओं का विस्तार:
- ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक शाखाओं का विस्तार किया जा रहा है।
6. वित्तीय साक्षरता:
- वित्तीय साक्षरता बढ़ाने के लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
चुनौतियाँ
- वित्तीय समावेशन: बिहार में अभी भी कई लोग बैंकिंग सेवाओं से वंचित हैं, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में।
- साक्षरता दर कम: कम साक्षरता दर भी वित्तीय सेवाओं के उपयोग में बाधक है।
- बुनियादी ढांचे की कमी: कई क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की कमी के कारण बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करने में मुश्किल होती है।
बिहार में बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं का विकास राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने और नागरिकों को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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