बिहार में मुख्यतः समतल भूमि है, लेकिन कुछ पहाड़ी क्षेत्र और पर्वतीय श्रृंखलाएँ भी हैं, जो राज्य की भौगोलिक और सांस्कृतिक विविधता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यहाँ बिहार की प्रमुख पर्वतीय श्रृंखलाएँ और पहाड़ियाँ दी गई हैं:
1. राजगीर की पहाड़ियाँ (Rajgir Hills)
राजगीर पहाड़ियाँ (Rajgir Hills) बिहार राज्य के नालंदा ज़िले के राजगीर नगर के पास स्थित पहाड़ियाँ हैं। इनमें राजगीर को घेरने वाले पाँच पहाड़ो के नाम रत्नगिरी, विपलांचल, वैभगिरी, सोनगिरी और उदयगिरी हैं।
यह एक महत्वपूर्ण हिन्दू, बौद्ध और जैन धार्मिक स्थल हैं। यह पहाड़ियाँ 65 किमी तक चलने वाली दो कतारों में आयोजित हैं जो अपने सबसे ऊँचे बिन्दु में 388 मीटर छू लेती हैं, हालांकि अधिकांश पहाड़ 300 मीटर ऊँची हैं। इन दो पहाड़ श्रेणियों के बीच महाभारत, गौतम बुद्ध, मौर्य साम्राज्य और गुप्त साम्राज्य से सम्बन्धित कई स्थान हैं।
भगवान महावीर तथा महात्मा बुद्ध से सम्बन्ध के कारण जैन व बौद्ध मतों में इनका महत्व है।
कई पर्यटन और तीर्थ स्थल यहाँ बिखरे हुए हैं।
2. कैमूर की पहाड़ियाँ (Kaimur Hills)
कैमूर की पहाड़ियाँ बिहार के कैमूर और रोहतास जिलों में फैली हुई हैं। ये पहाड़ियाँ विंध्याचल पर्वतमाला का हिस्सा हैं और अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक महत्व और जैव विविधता के लिए जानी जाती हैं। कैमूर पहाड़ियों का विस्तार बिहार के पश्चिमी हिस्से से लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से तक फैला हुआ है। प्रमुख स्थल और विशेषताएँ
- रोहतासगढ़ किला (Rohtasgarh Fort)
- स्थान: रोहतास जिला
- महत्व: यह किला प्राचीन काल में सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था। शेरशाह सूरी द्वारा निर्मित इस किले का ऐतिहासिक महत्व है।
- विशेषताएँ: किले में कई प्राचीन मंदिर, मस्जिद, और जलाशय हैं। यह किला ऊँचाई पर स्थित है और यहाँ से अद्भुत दृश्यावलोकन किया जा सकता है।
- तुतला भवानी जलप्रपात (Tutla Bhawani Waterfall)
- स्थान: रोहतास जिला
- महत्व: यह जलप्रपात प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ तुतला भवानी देवी का मंदिर भी स्थित है।
- विशेषताएँ: यह जलप्रपात पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र है और यहाँ ट्रेकिंग और पिकनिक का आनंद लिया जा सकता है।
- कुण्डेश्वरी देवी मंदिर (Kundeshwari Devi Temple)
- स्थान: कैमूर जिला
- महत्व: यह मंदिर धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है और स्थानीय लोगों के बीच एक प्रमुख तीर्थस्थल है।
- विशेषताएँ: मंदिर के पास ही एक प्राचीन जलाशय है, जो इस स्थल की सुंदरता में और भी वृद्धि करता है।
- मुख्य कैमूर वन्यजीव अभयारण्य (Kaimur Wildlife Sanctuary)
- स्थान: कैमूर जिला
- महत्व: यह अभयारण्य वन्यजीव संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है और यहाँ कई प्रकार के वन्यजीव और पक्षी पाए जाते हैं।
- विशेषताएँ: अभयारण्य में वनस्पति और जीव-जंतु की विविधता है, जिसमें तेंदुआ, भालू, हिरण, और विभिन्न प्रकार के पक्षी शामिल हैं।
3. विंध्याचल की पहाड़ियाँ (Vindhya Range)
विन्ध्याचल (Vindhyachal) भारत के पश्चिम-मध्य भाग में स्थ्ति प्राचीन गोलाकार पर्वतों की एक पर्वतमाला है।
यह कई पेचदार खंडों में बंटी हुई है।
ऐतिहासिक रूप से इसे उत्तर भारत और दक्षिण भारत के बीच का विभाजक माना जाता है।
भूवैज्ञानिक दृष्टि से विन्ध्याचल एक पर्वतमाला नहीं, बल्कि मध्य भारत की अनेक पर्वतमालाओं का ऐतिहासिक सामूहिक नाम है, जिनमें सतपुड़ा पर्वतमाला भी गिनी जाती है।
आधुनिक काल में इसे अक्सर मुख्य रूप से उन्हीं ऊँचाईयों की कागार को माना जाता है जो मध्य प्रदेश राज्य में नर्मदा नदी से उत्तर में उस के समांतर चलती है, हालांकि उस से जुड़ी हुई कुछ अन्य पहाड़िया भी इसमें गिनी जाती हैं।
इस परिभाषा में यह पर्वतमाला गुजरात, उत्तर प्रदेश व बिहार, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ तक विस्तारित है।
4. गृद्धकूट की पहाड़ियाँ (Gridhkoot Hills)
गृद्धकूट पर्वत (Vulture’s Peak) बिहार के राजगीर क्षेत्र में स्थित एक प्रमुख पहाड़ी स्थल है, जिसे बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यधिक महत्व दिया जाता है। यह पर्वत राजगीर की पहाड़ियों का हिस्सा है और बौद्ध धर्म के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गृद्धकूट पर्वत की विशेषताएँ
- धार्मिक महत्व
- बौद्ध धर्म: गृद्धकूट पर्वत बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थल है। यह माना जाता है कि भगवान बुद्ध ने यहाँ पर कई महत्वपूर्ण उपदेश दिए थे। विशेष रूप से, यह स्थल भगवान बुद्ध के प्रवचन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है।
- पवित्र स्थल: यहाँ भगवान बुद्ध ने अपने अनुयायियों को ‘सुत्तपिटक’ नामक ग्रंथ की शिक्षा दी थी, जो बौद्ध धर्म के प्रमुख ग्रंथों में से एक है।
- विश्व शांति स्तूप (Vishwa Shanti Stupa)
- स्थान: गृद्धकूट पर्वत के शिखर पर स्थित है।
- महत्व: यह स्तूप शांति और अहिंसा का प्रतीक है और इसे जापानी बौद्ध संघ द्वारा निर्मित किया गया था। यहाँ पर शांति और ध्यान के लिए कई धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
- विशेषताएँ: स्तूप के चारों ओर सुंदर दृश्यावलोकन और पवित्र वातावरण है, जो इसे एक प्रमुख तीर्थस्थल बनाता है।
- रोपवे (Cable Car)
- विशेषताएँ: गृद्धकूट पर्वत तक पहुँचने के लिए एक रोपवे की सुविधा भी उपलब्ध है, जो पर्यटकों को आसानी से पर्वत की चोटी तक ले जाती है। इस रोपवे से पर्वत और आसपास के क्षेत्र के अद्भुत दृश्य देखे जा सकते हैं।
- प्राकृतिक सौंदर्य
- वनस्पति और वन्यजीव: गृद्धकूट पर्वत हरे-भरे वनस्पतियों और वन्यजीवों से घिरा हुआ है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता और शांति का अनुभव करने के लिए यह एक आदर्श स्थल है।
- दृश्यावलोकन: पर्वत की चोटी से आसपास के इलाकों का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है, जो पर्वत की सुंदरता को और बढ़ाता है।
- धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ
- पर्वतीय क्षेत्र: गृद्धकूट पर्वत का क्षेत्र धार्मिक पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण है और यहाँ अक्सर बौद्ध धर्म से संबंधित धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं।
5. मन्दार पर्वत
मन्दार पर्वत: पौराणिक महत्व और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम
मन्दार पर्वत बिहार राज्य के बांका जिले में स्थित एक लगभग 700 फीट (210 मी॰) ऊँचा पहाड़ है। हिंदू धर्म में इसका बहुत महत्व है, क्योंकि पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवताओं और दानवों ने इसी पर्वत को मथनी बनाकर समुद्र मंथन किया था।
पौराणिक महत्व
- समुद्र मंथन: मन्दार पर्वत को समुद्र मंथन के लिए मथनी के रूप में इस्तेमाल किया गया था। इस मंथन से अमृत के साथ-साथ कई रत्न और विष भी निकले थे।
- शिव का नीलकंठ रूप: समुद्र मंथन से निकले विष को पीकर भगवान शिव ने संसार को बचाया था। इसीलिए उन्हें नीलकंठ भी कहा जाता है।
- धार्मिक स्थल: मन्दार पर्वत पर कई प्राचीन मंदिर स्थित हैं, जो भगवान शिव को समर्पित हैं।
प्राकृतिक सौंदर्य
मन्दार पर्वत न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह प्राकृतिक सौंदर्य से भी परिपूर्ण है। यहां हरियाली, झरने और शांत वातावरण आपको मोहित कर देगा।
- हरियाली: पर्वत पर विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे पाए जाते हैं जो इसे हरा-भरा बनाते हैं।
- झरने: पर्वत पर कई झरने हैं जो प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ाते हैं।
- शांत वातावरण: पर्वत पर शांत वातावरण आपको तनाव से मुक्त करने में मदद करता है।
पर्यटन स्थल
मन्दार पर्वत एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यहां आने वाले पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के साथ-साथ धार्मिक स्थलों का भी दर्शन करते हैं।
- मन्दारेश्वर मंदिर: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यह मन्दार पर्वत का सबसे महत्वपूर्ण मंदिर है।
- पापहरणी तालाब: यह तालाब मन्दार पर्वत के पैर में स्थित है और इसे पवित्र माना जाता है।
- अन्य मंदिर: मन्दार पर्वत पर कई अन्य मंदिर भी स्थित हैं, जैसे कि सूर्य मंदिर, पार्वती मंदिर आदि।
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