बिहार के अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीएम), जिन्हें उप जिलाधिकारी (एसडीओ) या सब डिवीजनल मैजिस्ट्रेट (SDM) भी कहा जाता है, जिलाधिकारी (डीएम) के अधीन किसी अनुमंडल का प्रभार संभालने वाले महत्वपूर्ण अधिकारी होते हैं।
एसडीएम की भूमिका, कार्य और अधिकार राज्य के अनुसार भिन्न हो सकते हैं, लेकिन सामान्य तौर पर, वे निम्नलिखित के लिए जिम्मेदार होते हैं:
भूमिका:
- अनुमंडल में विकास कार्यक्रमों का कुशल संचालन और पर्यवेक्षण करना
- अनुमंडल में कानून व्यवस्था बनाए रखना
- अनुमंडल में विभिन्न सरकारी विभागों के बीच समन्वय स्थापित करना
कार्य:
- अनुमंडल में विभिन्न विकास योजनाओं जैसे मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत अभियान आदि का क्रियान्वयन करना
- कृषि, सिंचाई, पशुपालन, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में विकास कार्यक्रमों की देखरेख करना
- अनुमंडल में विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारियों को निर्देश जारी करना
- अनुमंडल में कानून व्यवस्था से संबंधित शिकायतों का समाधान करना
- अनुमंडल में अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करना
- अनुमंडल के बजट का प्रबंधन करना
- अनुमंडल के कर्मचारियों का पर्यवेक्षण करना
अधिकार:
- अनुमंडल में विभिन्न विकास योजनाओं को मंजूरी देने का अधिकार
- अनुमंडल में विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारियों को निर्देश जारी करने का अधिकार
- अनुमंडल में कानून व्यवस्था से संबंधित शिकायतों की जांच करने और उनका निपटान करने का अधिकार
- अनुमंडल में अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार
- अनुमंडल के कर्मचारियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अधिकार
SDM की भूमिका महत्वपूर्ण है क्योंकि वे:
- अनुमंडल में विकास और आर्थिक समृद्धि लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
- अनुमंडल में बुनियादी सुविधाओं का विकास करके नागरिकों के जीवन स्तर को ऊंचा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
- अनुमंडल में कानून व्यवस्था बनाए रखने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
बिहार में अनुमंडल पदाधिकारी (SDM) और जिलाधिकारी (DM) के बीच अंतर:
- डीएम पूरे जिले का प्रभार संभालता है, जबकि एसडीएम जिले के एक अनुमंडल का प्रभार संभालता है।
- डीएम एसडीएम से वरिष्ठ अधिकारी होता है और एसडीएम को निर्देश जारी कर सकता है।
- डीएम के पास एसडीएम की तुलना में अधिक शक्तियां और अधिकार होते हैं।
जवाबदेही:
- डीएम: राज्य सरकार के प्रति जवाबदेह होता है।
- एसडीएम: डीएम के प्रति जवाबदेह होता है।
निष्कर्ष:
एसडीएम और डीएम दोनों ही भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। डीएम जिले का मुखिया होता है और उसके पास अधिक शक्तियां और अधिकार होते हैं, जबकि एसडीएम डीएम को सहायता प्रदान करता है और अनुमंडल स्तर पर प्रशासनिक कार्यों का प्रबंधन करता है।
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