बिहार राज्य सूचना आयोग (Bihar State Information Commission) एक वैधानिक निकाय है जिसे बिहार सरकार द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 15 के अनुसार जून 2006 में स्थापित किया गया था। आयोग का मुख्य उद्देश्य सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 में सौंपे गए जनादेश को पूरा करना है।
बीएसआईसी के कार्य:
- सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त आवेदनों पर सुनवाई और उनका निपटान करना।
- सार्वजनिक प्राधिकरणों द्वारा सूचना के अनुरोधों को अस्वीकार करने पर अपीलों पर सुनवाई करना।
- सूचना के अधिकार अधिनियम के उल्लंघन के मामलों में जुर्माना लगाना।
- सूचना के अधिकार के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
- सार्वजनिक प्राधिकरणों को सूचना के अधिकार अधिनियम के अनुपालन में सहायता करना।
सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत, नागरिकों को निम्नलिखित अधिकार प्राप्त हैं:
- किसी भी सार्वजनिक प्राधिकरण से किसी भी विषय पर सूचना प्राप्त करने का अधिकार।
- सूचना के निरीक्षण और प्रतिलिपि प्राप्त करने का अधिकार।
- सार्वजनिक प्राधिकरणों के कामकाज में निरीक्षण करने का अधिकार।
- सार्वजनिक प्राधिकरणों के कार्यों में भाग लेने का अधिकार।
बिहार राज्य सूचना आयोग का महत्व:
- पारदर्शिता और उत्तरदायित्व (Transparency and Accountability):
- आयोग सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करता है।
- यह नागरिकों को सरकारी जानकारी प्राप्त करने का अधिकार प्रदान करता है जिससे सरकारी कार्यों में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को रोका जा सके।
- नागरिक अधिकारों की सुरक्षा (Protection of Citizen Rights):
- सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत नागरिकों को उनके अधिकारों की सुरक्षा करना।
- सूचना प्राप्त करने में कठिनाई का सामना करने वाले नागरिकों को न्याय प्रदान करना।
- सरकारी सुधार (Government Reforms):
- आयोग द्वारा सुझाए गए सुधारों और सिफारिशों के माध्यम से सरकारी कार्यों में सुधार लाना।
- सरकारी कार्यों की पारदर्शिता और उत्तरदायित्व बढ़ाना।
- जागरूकता और शिक्षा (Awareness and Education):
- सूचना के अधिकार के महत्व और इसके प्रभावी उपयोग के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
- नागरिकों और सरकारी अधिकारियों को सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्रशिक्षण और शिक्षा प्रदान करना।
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