परिचय:
ऊर्जा का हमारे जीवन में अत्यधिक महत्व है। यह हमारे दैनिक कार्यों जैसे सोने, जागने, चलने-फिरने, खाना पकाने, और औद्योगिक गतिविधियों के लिए आवश्यक होती है। जीवन के हर क्षेत्र में ऊर्जा की जरूरत होती है। ऊर्जा के स्रोतों को सीमित और असीमित (नवीकरणीय) में विभाजित किया गया है।
ऊर्जा के स्रोत:
1. सीमित स्रोत (अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत):
परिभाषा: ये वे ऊर्जा स्रोत हैं जो पुनः प्राप्त नहीं किए जा सकते। इनका निर्माण लाखों वर्षों में होता है।
उदाहरण:
- कोयला: जीवाश्म ईंधन, जो जैविक पदार्थों के गहरे दबाव और ताप के कारण बनता है।
- पेट्रोलियम उत्पाद: जैसे पेट्रोल, डीजल, और मिट्टी का तेल। ये समुद्री जीवों और वनस्पतियों के अवशेषों से बने होते हैं।
- प्राकृतिक गैस: यह मुख्य रूप से मीथेन गैस होती है।
विशेषताएँ:
- इनसे वायु प्रदूषण होता है।
- ये सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं।
- इनके समाप्त होने पर इन्हें पुनः प्राप्त करना संभव नहीं है।
2. असीमित स्रोत (नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत):
परिभाषा: ये ऊर्जा स्रोत प्रकृति में हमेशा उपलब्ध रहते हैं और इन्हें पुनः प्राप्त किया जा सकता है।
उदाहरण:
- सौर ऊर्जा (Solar Energy)
- पवन ऊर्जा (Wind Energy)
- जल ऊर्जा (Hydro Energy)
- बायोगैस (Biogas)
- जैविक पदार्थों से ऊर्जा (Biomass Energy)
विशेषताएँ:
- पर्यावरण के अनुकूल।
- प्रदूषण मुक्त।
- पुनः उपयोग किए जा सकते हैं।
विभिन्न ऊर्जा स्रोतों का विस्तृत विवरण:
1. सौर ऊर्जा (Solar Energy):
सूर्य से प्राप्त ऊर्जा को सौर ऊर्जा कहते हैं। यह ऊर्जा पृथ्वी पर सबसे महत्वपूर्ण और असीमित ऊर्जा का स्रोत है।
उपयोग:
- सोलर कुकर (Solar Cooker):
- सूर्य की ऊर्जा का उपयोग करके खाना पकाने का उपकरण।
- सोलर कुकर में कांच का ढक्कन और काले रंग की सतह होती है जो सूर्य की ऊष्मा को अवशोषित करती है।
- सौर सेल (Solar Cell):
- सूर्य की ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है।
- सौर पैनल में कई सौर सेल जुड़े होते हैं। इनका उपयोग बैटरियों को चार्ज करने और उपकरण चलाने में होता है।
- सौर जल ऊष्मक (Solar Water Heater):
- पानी गर्म करने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग।
- अस्पताल और होटलों में प्रचलित।
2. पवन ऊर्जा (Wind Energy):
वायु के प्रवाह से प्राप्त ऊर्जा को पवन ऊर्जा कहते हैं।
उपयोग:
- पवन चक्की के ब्लेड घुमाकर बिजली उत्पादन।
- पंप और आटा चक्की चलाने में भी उपयोग।
विशेष स्थान:
- तमिलनाडु, गुजरात जैसे राज्यों में पवन ऊर्जा संयंत्र।
3. जल ऊर्जा (Hydro Energy):
बहते जल की गतिज ऊर्जा से विद्युत ऊर्जा का उत्पादन किया जाता है। इसे जल विद्युत संयंत्र कहते हैं।
प्रक्रिया:
- नदी पर बांध बनाकर पानी एकत्र किया जाता है।
- टरबाइन पर गिरने वाले जल से बिजली उत्पन्न होती है।
विशेष संयंत्र:
- भाखड़ा-नांगल (पंजाब), टिहरी (उत्तराखंड)।
4. जैविक ऊर्जा (Biomass Energy):
गोबर, कचरा, और कृषि अपशिष्टों से बायोगैस का उत्पादन किया जाता है।
गोबर गैस संयंत्र:
- गोबर को टैंक में डालकर गैस उत्पन्न की जाती है।
- इस गैस में मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड होती है।
5. नाभिकीय ऊर्जा (Nuclear Energy):
परमाणु विखंडन की प्रक्रिया से प्राप्त ऊर्जा।
उपयोग:
- बिजली उत्पादन।
- परमाणु रिएक्टरों में नियंत्रित विखंडन।
विशेष स्थान:
- कुदनकुलम (तमिलनाडु), तारापुर (महाराष्ट्र)।
ऊर्जा का संरक्षण:
ऊर्जा संरक्षण के उपाय:
- अनावश्यक विद्युत उपकरण बंद रखें।
- सौर ऊर्जा और नवीकरणीय स्रोतों का अधिक उपयोग करें।
- सार्वजनिक वाहनों का उपयोग करें।
- ऊर्जा बचाने वाले उपकरणों (जैसे LED बल्ब) का उपयोग करें।
- भोजन पकाने में सोलर कुकर और प्रेशर कुकर का उपयोग।
ऊर्जा संकट:
- ऊर्जा की बढ़ती माँग और सीमित स्रोतों की कमी के कारण ऊर्जा संकट उत्पन्न होता है।
- समाधान:
- नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग।
- ऊर्जा अपव्यय रोकना।
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