मानव, विज्ञान और प्रौद्योगिकी
विज्ञान और प्रौद्योगिकी का दैनिक जीवन में उपयोग
विज्ञान ने हमारे जीवन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया है। दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति में वैज्ञानिक आविष्कार और आधुनिक तकनीक का अहम योगदान है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास ने हमारे जीवन स्तर में सुधार लाया है और जीवन को सरल और तेज बना दिया है।
प्रमुख उदाहरण:
1. परिवहन के साधनों का विकास:
बैलगाड़ी, तांगा आदि से शुरू होकर मोटरसाइकिल, कार, बस, ट्रेन और हवाई जहाज तक का सफर।
आधुनिक परिवहन के साधनों से यात्रा की गति और आराम बढ़ा है।
2. घरेलू कार्यों में विज्ञान का उपयोग:
गैस सिलेंडर, एलपीजी, माइक्रोवेव, वॉशिंग मशीन, फ्रिज आदि।
घरेलू कामों में सहूलियत और समय की बचत।
3. उपकरणों का प्रयोग:
चूल्हा और गैस सिलेंडर की तुलना में खाना बनाने के तरीके में सुधार।
पहियों का आविष्कार: वस्तुओं को लुढ़काकर ले जाने में आसानी।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी का योगदान:
विज्ञान के नियमों और सिद्धांतों का उपयोग करके मानव ने कार्यों को सरल बनाने के लिए विभिन्न साधन विकसित किए हैं, जैसे बैलगाड़ी, ट्रैक्टर आदि।
यही प्रौद्योगिकी है – विज्ञान के नियमों और सिद्धांतों का उपयोग कर मानव हित में संसाधनों का निर्माण करना।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास से मानव जीवन में परिवर्तन
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास से विभिन्न क्षेत्रों में बड़े परिवर्तन हुए हैं:
1. यातायात:
भाप इंजन से रेल और जहाज का निर्माण।
पेट्रोल और डीजल इंजन से कार, बस, ट्रक आदि।
हवाई जहाज, सुपर सोनिक जेट और हेलीकॉप्टर का आविष्कार।
बड़े जहाजों का उपयोग समुद्री मार्ग से माल और सवारी ढोने के लिए।
2. चिकित्सा:
पहले घरेलू उपचार का प्रचलन था, अब प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों में डॉक्टर द्वारा इलाज।
आधुनिक चिकित्सा उपकरण: एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, कैट स्कैनर, एंडोस्कोपी आदि।
जांच सुविधाएं: खून, पेशाब, मल आदि की जांच।
3. जनसंचार:
पहले संदेशवाहक, पत्र, टेलीग्राम, कबूतर आदि के माध्यम से संचार होता था।
अब फैक्स, ई-मेल, पीसीओ, एसटीडी, आईएसडी की सुविधाएं।
मोबाइल फोन और स्मार्टफोन का उपयोग: एसएमएस, वॉइस रिकॉर्डर, वीडियो, फोटो, जीपीएस, बैंकिंग सेवाएं।
4. मनोरंजन:
पहले घुड़सवारी, शतरंज, चौपाल, ढोलक, संगीत आदि मनोरंजन के साधन थे।
अब मोबाइल, कंप्यूटर, वीडियो गेम आदि।
5. उद्योग:
उद्योगों की संख्या बढ़ी है।
बड़े-बड़े कारखाने: टाटा स्टील, भिलाई स्टील प्लांट, नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) आदि।
परमाणु ऊर्जा: रावतभाटा, नारोरा, कलपक्कम आदि में परमाणु ऊर्जा संयंत्र।
6. कृषि:
हरित क्रांति: ट्रैक्टर, थ्रेशर, हार्वेस्टर, डीजल पंप सेट, ट्यूबवेल आदि।
उर्वरक और कीटनाशक: रासायनिक उर्वरक, शोधित बीज।
श्वेत क्रांति: डेयरी उद्योग।
नीली क्रांति: मछली उत्पादन।
पीली क्रांति: तेलहन उत्पादन।
भूरी क्रांति: उर्वरक उत्पादन।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास से विभिन्न क्षेत्रों में मापक परिवर्तन
1. औद्योगिक क्षेत्र:
छोटे से बड़े मशीनों का निर्माण।
रेल इंजन, हवाई जहाज, जलपोत, उपग्रह, उपग्रह प्रक्षेपण, मिसाइल, रॉकेट आदि।
2. जनसंचार:
कंप्यूटर, ई-मेल, इंटरनेट।
कंप्यूटर: रेल आरक्षण, आँकड़ों का रख-रखाव, गणना, टाइपिंग आदि।
इंटरनेट: वैश्विक नेटवर्क, सूचनाओं का आदान-प्रदान।
ई-मेल: संचार का सस्ता साधन, अंतरराष्ट्रीय संदेश भेजना।
3. चिकित्सा:
नई औषधियों और टीकों का विकास।
आधुनिक जांच उपकरण: एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, एंडोस्कोपी।
रोगों की रोकथाम और इलाज में सफलता।
4. राष्ट्रीय सुरक्षा:
मिसाइल और रॉकेट तकनीक का विकास।
उपग्रह प्रक्षेपण और अंतरिक्ष अनुसंधान।
परमाणु ऊर्जा: विद्युत उत्पादन, चिकित्सा, कृषि में लाभकारी कार्य।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास से होने वाली समस्याएँ
औद्योगिक प्रदूषण: नदी और भूमि प्रदूषण।
रासायनिक उर्वरक और कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग: मृदा प्रदूषण, भूमि की उर्वरा शक्ति में कमी।
मनोरंजन के साधनों का बढ़ता उपयोग: ध्वनि प्रदूषण।
बेरोजगारी: मशीनों के उपयोग से मजदूरों की आवश्यकता में कमी।
वनों की कटाई: पर्यावरण संतुलन में बिगाड़, वन्यजीवों की संख्या में कमी।
समाधान
प्राकृतिक संसाधनों का समझदारी से उपयोग।
नए आविष्कारों का समाज के हित में उपयोग।
सीख:
विज्ञान के नियम और सिद्धांत का उपयोग कर कार्य को सरल बनाना ही प्रौद्योगिकी है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी एक दूसरे पर निर्भर हैं।
कृषि क्षेत्र में आशातीत वृद्धि को हरित क्रांति कहते हैं।
विभिन्न क्रांतियाँ
हरित क्रांति:फसल उत्पादन
श्वेत क्रांति:दुग्ध उत्पादन
नीली क्रांति:मत्स्य उत्पादन
पीली क्रांति: तेलहन उत्पादन
भूरी क्रांति: उर्वरक उत्पादन
डॉ. वर्गीज कुरियन श्वेत क्रांति के जनक हैं।
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