मापन
मापन की आवश्यकता
मापन हमारी दैनिक जीवन की आवश्यक जरूरत है। जैसे- दर्जी शर्ट के कपड़े की लंबाई मापने के लिए मापता है कि वह कपड़ा शर्ट सिलने के लिए पर्याप्त है कि नहीं। सब्जी, फल, अनाज बेचने वाले अपने ग्राहक को सही तौल दे सकें इसके लिए वे तराजू और बाट का उपयोग करते हैं। विद्यालय आप सही समय पर पहुँच सकें इसके लिए घड़ी की आवश्यकता होती है। इसी प्रकार बुखार से पीड़ित रोगी के शरीर का ताप पता लगाने के लिए अभिभावक या डॉक्टर तापमापी (थर्मामीटर) का उपयोग करते हैं।
मापन के उपयोगी उपकरण:
घड़ी तराजू थर्मामीटर
मानक मात्रक की आवश्यकता
प्राचीन काल से ही मनुष्य ने मापन के लिए अलग-अलग मापदंड निर्धारित किए थे। रोमवासी अपने पग अथवा कदम से लंबाई नापते थे। संसार के विभिन्न भाग में लोग लंबाई के माप के रूप में फुट का उपयोग करते थे। उदाहरण के लिए, एक गज कपड़ा लोग बाँह के एक सिरे से अपने ठोड़ी तक मापते थे। लंबाई मापने के लिए एक निश्चित मानक माप की आवश्यकता है, जिससे सभी विद्यार्थी की माप समान आए।
भौतिक राशियों का मापन:
1. मात्रक (Units) – कसी भौतिक राशि के एक निश्चित परिमाण को आधार (मानक) मानकर उस भौतिक राशि को इस मानक के पद में किया जाता है।
2. संख्यात्मक या आंकिक मान (Numerical value) – यह इस बात को बताता है कि मापी गई भौतिक राशि में कोई मात्रक कितनी बार समाहित है।
मापन पद्धति
मापन की यथार्थता हेतु यह आवश्यक है कि मापन का मात्रक (इकाई) ऐसा हो जिससे किसी भी व्यक्ति द्वारा मापने पर माप समान आए। अतः वर्ष 1790 में फ्रांसिसी ने मापन की एक मानक प्रणाली की रचना की जिसे मीट्रिक पद्धति कहते हैं। विज्ञान एवं तकनीक की अनेक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए मापन की प्रणाली का विकास हुआ और वर्तमान में ‘अंतरराष्ट्रीय मात्रक प्रणाली’ (S.I Units) प्रचलित है। भारत में अंतरराष्ट्रीय मानक मात्रक के अनुपालन के लिए राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (NPL) नई दिल्ली में स्थित है।
लंबाई का मापन
दो बिंदुओं के बीच की दूरी को उन बिंदुओं के बीच की लंबाई कहते हैं। लंबाई मापने के लिए मानक मात्रक मीटर है, जिसे संक्षेप में m द्वारा दर्शाते हैं। बड़ी लंबाइयों के मापन के लिए मीटर के दस गुना, सौ गुना तथा हजार गुना बड़े मात्रकों का उपयोग किया जाता है।
पटरी या पैमाने द्वारा लंबाई मापन के सही विधि :
1. पैमाने को वस्तु के समांतर सटाकर इस प्रकार रखना चाहिए कि पैमाने पर अंकित शून्य उस बिंदु पर हो जहाँ से मापन लिया जाना है।
2. पैमाने पर आँख की सही स्थिति लंबवत होनी चाहिए।
भार का मापन
किसी वस्तु की जितनी मात्रा उपस्थिति होती है, उसे उस वस्तु के भार से जाना जाता है। भार मापने के लिए मानक मात्रक किलोग्राम है, जिसे संक्षेप में Kg द्वारा दर्शाते हैं। दैनिक जीवन में आवश्यकतानुसार इसके बड़े तथा छोटे मात्रक का उपयोग किया जाता है। वस्तुओं को तौलने के लिए तराजू तथा पैन बैलेस का उपयोग होता है। प्रयोगशाला में भार के सही मापन के लिए भौतिक तुला का उपयोग होता है।
समय का मापन
समय का मापन घड़ी द्वारा किया जाता है। प्राचीन काल में लोग केवल आकाश में सूर्य की स्थिति को देखकर समय का अनुमान लगा लेते थे। आजकल समय माप के लिए दीवार घड़ी, कलाई घड़ी, टेबल वॉच आदि का उपयोग होता है। समय का मानक मात्रक सेकंड है। दैनिक जीवन में समय का मापन घंटा, मिनट, सेकंड, दिन, माह अथवा वर्ष में किया जाता है।
ताप का मापन
किसी वस्तु की ऊष्मा (गरमी) का विश्वसनीय माप उसके ताप से जाना जाता है। ताप मापने के लिए उपयोग की जाने वाली युक्ति को तापमापी (थर्मामीटर) कहते हैं। ताप का मानक मात्रक केल्विन है। दैनिक जीवन में ताप का चलन मात्रक डिग्री सेल्सियस (°C) तथा डिग्री फारेनहाइट (°F) है।
क्षेत्रफल का मापन
किसी वस्तु का कोई पृष्ठ किसी तल पर जितनी जगह घेरता है, वह उस वस्तु का क्षेत्रफल कहलाता है। इसका मात्रक वर्गमीटर होता है। आयताकार वस्तु का क्षेत्रफल उसकी लंबाई तथा चौड़ाई के गुणनफल के बराबर होता है।
आयतन का मापन
किसी वस्तु द्वारा घेरे गए स्थान को उस वस्तु का आयतन कहते हैं। ठोस के आयतन का मानक मात्रक घनमीटर है। द्रव के आयतन के माप के लिए विभिन्न प्रकार के मापक बर्तनों का उपयोग किया जाता है। इनका आयतन लीटर में किया जाता है।
मापन के विभिन्न उपकरण का उपयोग
दैनिक जीवन में मापन हर जगह शामिल है। कई बार तो हम इसका पता भी नहीं चलता कि हमने कब मापन किया। एक ही राशि, वस्तु या मात्रा की माप के लिए हम कई मापक उपकरण का उपयोग करते हैं।
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