1. संसारस्य उद्धाराय कः उपदेशः पुनः गेयः?
(संसार के उद्धार के लिए कौन-सा उपदेश पुनः गाया जाना चाहिए?)
उत्तर: गीता पुनः गेयाः।
(उत्तर: गीता पुनः गाई जानी चाहिए।)
2. मनुष्याः इदानीं कः जाता:?
(मनुष्य आजकल क्या बन गए हैं?)
उत्तर: दानवा जाता:।
(उत्तर: दानव बन गए हैं।)
3. कः लोकस्य विपन्नतां कारणं?
(लोक की विपन्नता का कारण क्या है?)
उत्तर: उपदेशामृतं त्यक्त्वा।
(उत्तर: उपदेशामृत को त्यागना।)
4. बालकाः कस्य विस्मृतिं नेया:?
(बालकों को किसकी विस्मृति नहीं होनी चाहिए?)
उत्तरः: स्वीयाः विस्मृतिं।
(उत्तर: स्वीय विस्मृति।)
5. दयालो! कस्मै दयादृष्टिः सदा देया?
(दयालु! किस पर दया दृष्टि सदा देनी चाहिए?)
उत्तर: दीनेषु।
(उत्तर: दीनों पर।)
6. कः त्यक्त्वा लोकः विपन्नः अभवत्?
(किसे त्यागने पर लोक विपन्न हुआ?)
उत्तर: उपदेशामृतं।
(उत्तर: उपदेशामृत।)
7. कस्य मूढ़ठता द्रुतं नेया?
(किसकी मूढ़ता तुरंत समाप्त करनी चाहिए?)
उत्तर: देशाद्।
(उत्तर: देश की।)
8. बालकानां स्वीयाः विस्मृतिं कः नेयः?
(बालकों की स्वीय विस्मृति कौन समाप्त करेगा?)
उत्तरः प्रभु:।
(उत्तर: प्रभु।)
9. कः प्रार्थनां कुर्वन्ति?
(कौन प्रार्थना करता है?)
उत्तरः: विनीताः।
(उत्तर: विनीतजन।)
10. किमधिकं ब्रूमः?
(और क्या कहें?)
उत्तर: विनीतप्रार्थनैकेयम्।
(उत्तर: विनीत प्रार्थना ही पर्याप्त है।)
11. दयालो! दीनरक्षायाः प्रतिज्ञा कदा हेया?
(दयालु! दीनों की रक्षा का वचन कब त्याज्य है?)
उत्तरः कदापि न।
(उत्तर: कभी नहीं।)
12. प्रभो! बालकाः कः विस्मृतिं नेयाः?
(प्रभु! बालकों की कौन विस्मृति समाप्त करे?)
उत्तरः प्रभु स्वयं।
(उत्तर: प्रभु स्वयं।)
13. तदेषा मूढ़ठता का: द्रुतं नेया?
(यह मूढ़ता किसकी तुरंत समाप्त करनी चाहिए?)
उत्तर: देशाद्।
(उत्तर: देश की।)
14. दयालो! को कस्मै प्रतिज्ञां ददाति?
(दयालु! कौन किसे वचन देता है?)
उत्तरः प्रभु दीनेषु दयां।
(उत्तर: प्रभु दीनों को दया।)
15. कः गीता पुनः गेयाः?
(किसे गीता पुनः गानी चाहिए?)
उत्तर: प्रभु।
(उत्तर: प्रभु।)
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