1. सर्वजनसुखं कुतः सम्भवति? (सभी के सुख कैसे संभव हैं?)
उत्तर: बन्धुत्वं विना सर्वजनसुखं न सम्भवति।
(बंधुत्व के बिना सभी का सुख संभव नहीं है।)
2. “वसुधैव कुटुम्बकम्” इत्युक्तं केन? (वसुधैव कुटुंबकम् किसने कहा?)
उत्तर: मनीषिणा निर्दिष्टम्।
(एक ज्ञानी व्यक्ति ने कहा।)
3. सर्वत्र अशान्ते: कारणं किं? (हर जगह अशांति का कारण क्या है?)
उत्तर: बन्धुताया: अभाव:।
(बंधुत्व की कमी।)
4. मानव: अशान्त: कुतः दृश्यते? (मनुष्य अशांत क्यों दिखता है?)
उत्तर: परस्पर सम्बन्धानां कटुतया।
(आपसी संबंधों में कटुता के कारण।)
5. विगतयोः द्वयोः विश्वयुद्धयोः फलम् किं आसीत्? (दो विश्वयुद्धों का परिणाम क्या था?)
उत्तर: विनाशलीला।
(विनाश का खेल।)
6. तृतीयस्य युद्धस्य सम्भावना किम् करोति? (तीसरे युद्ध की संभावना क्या करती है?)
उत्तर: मानवजातिं आक्रान्तां करोति।
(मानव जाति को भयभीत करती है।)
7. अन्तरराष्ट्रीय शान्तिस्थापनार्थ कः प्रयत्नं करोति? (अंतरराष्ट्रीय शांति स्थापित करने का प्रयास कौन करता है?)
उत्तर: संयुक्तराष्ट्रसंघः।
(संयुक्त राष्ट्र।)
8. मानवस्य दुःखस्य मूलं कारणं किं? (मनुष्य के दुःख का मुख्य कारण क्या है?)
उत्तर: स्वार्थपरायणता।
(स्वार्थपरायणता।)
9. सर्वेषु मानवेषु किं समानं प्रवहति? (सभी मनुष्यों में समान क्या बहता है?)
उत्तर: समानं रक्तं प्रवहति।
(समान रक्त बहता है।)
10. मानवस्य नियन्ता कः अस्ति? (मनुष्य का नियंता कौन है?)
उत्तर: नियन्तैक: एव अस्ति।
(सिर्फ एक नियंता है।)
11. मानवेषु अशान्ते: मुख्यं कारणं किं? (मनुष्यों में अशांति का मुख्य कारण क्या है?)
उत्तर: विश्वबन्धुताया: अभाव:।
(विश्वबंधुत्व की कमी।)
12. शान्ति: जीवने कदा दुर्लभा भवति? (जीवन में शांति कब दुर्लभ हो जाती है?)
उत्तर: प्रेम्ण: बन्धुताया: च अभावेन।
(प्रेम और बंधुत्व की कमी से।)
13. विश्वबन्धुत्वस्य भावना किम् अपेक्षिता? (विश्वबंधुत्व की भावना की क्या आवश्यकता है?)
उत्तर: सर्वेषु नितान्तम् अपेक्षिता।
(यह सभी में आवश्यक है।)
14. विश्वबन्धुत्वं किं कथ्यते? (विश्वबंधुत्व किसे कहा जाता है?)
उत्तर: विश्वस्य सर्वान् जनान् प्रति बन्धुताया: भाव: विश्वबन्धुत्वं इति कथ्यते।
(सभी मनुष्यों के प्रति बंधुत्व की भावना को विश्वबंधुत्व कहा जाता है।)
15. विश्वबन्धुत्वस्य महत्त्वं किं? (विश्वबंधुत्व का महत्व क्या है?)
उत्तर: शान्तिमयाय जीवनाय विश्वबन्धुत्वस्य भावना महत्त्वं भजते।
(शांतिपूर्ण जीवन के लिए विश्वबंधुत्व की भावना का महत्व है।)
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