संस्कृत MCQ Chapter 9 नील-शृगालः Class 6 Sanskrit UP Board यूपी बोर्ड 1. शृगालः कुत्र वसति? (शृगाल कहाँ रहता था?) नगरम् (शहर) अरण्यम् (जंगल) ग्रामः (गाँव)Question 1 of 152. शृगालः कस्य भीतः अभवत्? (शृगाल किससे डर गया?) सिंहस्य (सिंह से) कुक्कुरेभ्यः (कुत्तों से) व्याघ्रस्य (बाघ से)Question 2 of 153. शृगालः कस्मिन् पतितः? (शृगाल किसमें गिर गया?) जलनादे (पानी के हौज में) नीलभाण्डे (नीले हौज में) रक्तभाण्डे (लाल हौज में)Question 3 of 154. नीलशृगालः आत्मनः किं विचिन्तितवान्? (नीले शृगाल ने अपने बारे में क्या सोचा?) अहम् अरण्यस्य राजा अस्मि। (मैं जंगल का राजा हूँ।) अहम् नगरस्य राजा अस्मि। (मैं शहर का राजा हूँ।) अहम् ग्रामस्य रक्षकः अस्मि। (मैं गाँव का रक्षक हूँ।)Question 4 of 155. शृगालः कः अभवत्? (शृगाल कौन बन गया?) नगराधिपः (शहर का शासक) अरण्यराजः (जंगल का राजा) ग्रामाध्यक्षः (गाँव का प्रधान)Question 5 of 156. शृगालः कस्मिन् स्थले गत्वा नीलवर्णम् दृष्टवान्? (शृगाल ने कहाँ जाकर अपना नीला रंग देखा?) अरण्ये (जंगल में) नगरस्य समीपे (शहर के पास) नदीतटे (नदी के किनारे)Question 6 of 157. शृगालः वनदेवतां किं उक्तवान्? (शृगाल ने वनदेवी से क्या कहा?) मां वनराजं कुरु। (मुझे जंगल का राजा बना दो।) मां नगरं नय। (मुझे शहर ले चलो।) मां ग्रामे स्थापय। (मुझे गाँव में रखो।)Question 7 of 158. सर्वे शृगालाः तं किं कुर्वन्तः आसन्? (सभी शृगाल उसके साथ क्या कर रहे थे?) हसितवन्तः (हँस रहे थे) नम्रतया वदन्तः (आदर से बोल रहे थे) अनुसृतवन्तः (अनुसरण कर रहे थे)Question 8 of 159. कः तस्य वास्तविक रूपं प्रकटितवान्? (उसका असली रूप किसने उजागर किया?) अन्यः सिंहः (दूसरा शेर) वृधः शृगालः (बूढ़ा शृगाल) व्याघ्रः (बाघ)Question 9 of 1510. शृगालः केन सह ध्वनिं कृतवान्? (शृगाल ने किसके साथ आवाज की?) अन्यैः शृगालैः (अन्य शृगालों के साथ) सिंहैः (सिंहों के साथ) व्याघ्रैः (बाघों के साथ)Question 10 of 1511. नीलशृगालः कुत्र पतितः? (नीला शृगाल कहाँ गिरा?) नद्या मध्ये (नदी के बीच) नीलभाण्डे (नीले हौज में) गृहे (घर में)Question 11 of 1512. शृगालः कस्य समीपे विचरति? (शृगाल किसके पास घूमता है?) नगरस्य समीपे (शहर के पास) अरण्यस्य मध्ये (जंगल के बीच) ग्रामस्य अन्ते (गाँव के अंत में)Question 12 of 1513. सर्वे शृगालाः कस्मै नमन्ति? (सभी शृगाल किसे प्रणाम करते हैं?) सिंहाय (सिंह को) नीलशृगालाय (नीले शृगाल को) व्याघ्राय (बाघ को)Question 13 of 1514. नीलशृगालः आत्मनः नीलवर्णं दृष्ट्वा किं कृतवान्? (नीले शृगाल ने अपना रंग देखकर क्या किया?) वनं गच्छति (जंगल चला गया) ग्रामं प्रविशति (गाँव में प्रवेश किया) नगरं गच्छति (शहर चला गया)Question 14 of 1515. नीलशृगालः अन्यान् शृगालान् किं उक्तवान्? (नीले शृगाल ने अन्य शृगालों से क्या कहा?) "मां वनदेवतायाः प्रतिनिधिं जानीय" (मुझे वनदेवी का प्रतिनिधि मानो।) "मां नगरं नय" (मुझे शहर ले जाओ।) "मां गृहे स्थापय" (मुझे घर में रखो।)Question 15 of 15 Loading...
Leave a Reply