प्रश्न 1 : दपं मा कु इत्यस्य अर्थः कः?
उत्तर : दपं मा कु इत्यस्य अर्थः “घमंड मत करो”।
प्रश्न (Hindi): “दपं मा कु” का क्या अर्थ है?
उत्तर (Hindi): “दपं मा कु” का अर्थ है “घमंड मत करो।”
प्रश्न 2 : “मा भज दैन्यम्” इत्युक्तम्। दैन्यम् किम्?
उत्तर : दैन्यम् अर्थः दीनता।
प्रश्न (Hindi): “मा भज दैन्यम्” में दैन्यम् का क्या अर्थ है?
उत्तर (Hindi): “दैन्यम्” का अर्थ है दीनता।
प्रश्न 3 : “मा वद मया” इत्यस्य आशयः कः?
उत्तर : “मा वद मया” इत्यस्य अर्थः “झूठ मत बोलो।”
प्रश्न (Hindi): “मा वद मया” का क्या मतलब है?
उत्तर (Hindi): इसका मतलब है “झूठ मत बोलो।”
प्रश्न 4 : विपन्नं किं पालय?
उत्तर : विपन्नं दुःखी जनं पालय।
प्रश्न (Hindi): विपन्न को क्या करना चाहिए?
उत्तर (Hindi): विपन्न यानी दुःखी व्यक्ति की रक्षा करनी चाहिए।
प्रश्न 5 : “तनयं पाठय” इत्यस्य तात्पर्यम् किम्?
उत्तर : “तनयं पाठय” इत्यस्य तात्पर्यम् “पुत्र को पढ़ाओ।”
प्रश्न (Hindi): “तनयं पाठय” का क्या तात्पर्य है?
उत्तर (Hindi): इसका तात्पर्य है “पुत्र को पढ़ाओ।”
प्रश्न 6 : जगदीश्वरं चिन्तनं किमर्थं कु?
उत्तर : जगदीश्वरं चिन्तनं शान्तये कु।
प्रश्न (Hindi): जगदीश्वर का चिंतन क्यों करें?
उत्तर (Hindi): शांति के लिए जगदीश्वर का चिंतन करें।
प्रश्न 7 : दर्पं मा कुरु इत्युक्तम्। दर्पः कः?
उत्तर : दर्पः अभिमानः।
प्रश्न (Hindi): “दर्पं मा कुरु” में दर्प का क्या अर्थ है?
उत्तर (Hindi): “दर्प” का अर्थ है अभिमान।
प्रश्न 8 : “मा भज शोकम्” इत्यस्य कारणं किम्?
उत्तर : शोकः दुःखं जनयति, अतः शोकं मा भज।
प्रश्न (Hindi): “मा भज शोकम्” क्यों कहा गया है?
उत्तर (Hindi): शोक दुःख उत्पन्न करता है, इसलिए शोक से बचें।
प्रश्न 9 : “मुदितमना भव” इत्यर्थः कः?
उत्तर : “मुदितमना भव” इत्यर्थः “प्रसन्न मन से रहो।”
प्रश्न (Hindi): “मुदितमना भव” का क्या अर्थ है?
उत्तर (Hindi): इसका अर्थ है “प्रसन्न मन से रहो।”
प्रश्न 10 : जननी-जनक-विहीनं किं कर्तव्यम्?
उत्तर : जननी-जनक-विहीनं बालकं लालय।
प्रश्न (Hindi): माता-पिता से रहित बालक के लिए क्या करना चाहिए?
उत्तर (Hindi): माता-पिता से रहित बालक का पालन-पोषण करना चाहिए।
प्रश्न 11 : अनर्थं न कुरु इत्यस्य संदेशः कः?
उत्तर : अनर्थं न कुरु इत्यस्य संदेशः “बुरे कार्य मत करो।”
प्रश्न (Hindi): “अनर्थं न कुरु” का संदेश क्या है?
उत्तर (Hindi): इसका संदेश है “बुरे कार्य मत करो।”
प्रश्न 12 : “चित्तविकारं दूरे अपनय” इत्युक्तम्। तस्यार्थः कः?
उत्तर : चित्तविकारं दूरे अपनय इत्यस्य अर्थः “मन के दोषों को दूर करो।”
प्रश्न (Hindi): “चित्तविकारं दूरे अपनय” का क्या मतलब है?
उत्तर (Hindi): इसका मतलब है “मन के दोषों को दूर करो।”
प्रश्न 13 : “उदारं कृत्यम्” इत्यस्य तात्पर्यम् किम्?
उत्तर : “उदारं कृत्यम्” इत्यस्य तात्पर्यम् “उत्तम कार्य करो।”
प्रश्न (Hindi): “उदारं कृत्यम्” का तात्पर्य क्या है?
उत्तर (Hindi): इसका तात्पर्य है “उत्तम कार्य करो।”
प्रश्न 14 : “दोषं वारय” इत्यस्य कः संदेशः?
उत्तर : “दोषं वारय” इत्यस्य संदेशः “दोषों को दूर करो।”
प्रश्न (Hindi): “दोषं वारय” का क्या संदेश है?
उत्तर (Hindi): इसका संदेश है “दोषों को दूर करो।”
प्रश्न 15 : “मा नय व्यर्थ समयम्” इत्यर्थः कः?
उत्तर : “मा नय व्यर्थ समयम्” इत्यर्थः “समय को व्यर्थ मत गवाओ।”
प्रश्न (Hindi): “मा नय व्यर्थ समयम्” का क्या अर्थ है?
उत्तर (Hindi): इसका अर्थ है “समय को व्यर्थ मत गवाओ।”
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