गुप्त साम्राज्य
गुप्त साम्राज्य भारत मे लगभग 320 ई मे स्थापित हुई। इस राजवंश ने भारत के विशाल भू भाग पर लगभग दो सो वर्षो तक शासन किया। कुषाणों के पतन के पश्चात् उत्तर भारत में बहुत से राजवंशों का उदय हुआ जिनमे सबसे शक्तिशाली व सुदृढ़ राजवंश था गुप्त वंश। प्रारंभिक गुप्त संभवतः कुषाणों के सामंत रहे होंगे। भारतीय इतिहास के प्रथम व्यवस्थित साम्राज्य मौर्य वंश के बाद यदि कोई महत्वपूर्ण वंश हुआ है तो वह गुप्त वंश ही है।
श्रीगुप्त
गुप्तों का प्रथम ऐतिहासिक शासक श्रीगुप्त था। चीनी यात्री इत्सिंग (671-695 ई.) भी श्रीगुप्त का उल्लेख करता है। उसके बाद घटोरकच राजा बना। चन्द्रगुप्त इस वंश का पहला प्रसिद्ध राजा था। जिसने महाराजाधिराज की उपाधि धारण की तथा एक नए संवत विक्रम संवत को चलाया।
समुद्रगुप्त
समुद्रगुप्त गुप्त राजवंश के दूसरे राजा थे। अपने कौशल के दम पर उन्होंने पूरे भारत को जीत लिया था। यही कारण था कि उन्हें भारत का नेपोलियन कहा जाने लगा था। देश में मौर्य काल के पतन के बाद कई राज्यों और राजाओं का उदय हुआ लेकिन कोई मौर्य का मुकाबला नहीं कर सका। परंतु समुद्रगुप्त एक ऐसे शासक थे जिन्होंने मौर्य काल को चुनौती दी और राज्य विस्तार शासन में उनसे भी आगे बढ़ गए।
प्रयाग प्रशस्ति
उन्होंने अपने दरबारी कवी हरिषेण ने इलहाबाद स्थित अशोक के स्तम्भ पर समुद्रगुप्त का अभिलेख खुदवाया। यहाँ समुद्रगुप्त की प्रशंसा मे लिखी गई थी। इसे प्रयाग प्रशस्ति के नाम से जाना गया। विजय प्राप्ति के बाद उसने अश्वमेघ यज्ञ किया। समुद्रगुप्त ने सोने के सिक्को का निर्माण करवाया जिसमे अश्वमेघ के घोड़े अंकित है।
चन्द्रगुप्त द्वितीय
समुद्रगुप्त के बाद उसका पुत्र चन्दगुप्त द्वितीय राजगद्दी पर बैठ। चन्द्रगुप्त 400 वर्षो से मालवा व गुजरात मे शासन कर रहे शासको को हराया और विक्रमादित्य की उपाधि धारण की।
कुमारगुप्त / स्कन्दगुप्त
चन्द्रगुप्त के बाद कुमारगुप्त गद्दी पैट बैठे। इमके शासन काल मे गुप्त साम्राज्य पर हूणों ने आक्रमण कर दिया। हूणों मध्य एशिया की कुर गुप्त राजाओ ने हूणों के आक्रमण को रोको।
गुप्त साम्राज्यों की उपलब्धियाँ
1. संगीत
2. कला
3. साहित्य
4. विज्ञान
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