भरतनाट्यम की नृत्य मुद्रा
क्रोधित हंसी सोचते हुए दुःखी
1. व्यापार और कृषि की आय से राजाओ ने व्यापार से मंदिर का निर्माण शुरू करवाया।
2. इन निर्माणों मे राजाओ ने विशेष रूचि थी।
3. हिन्दू धर्म से विभिन्न पंथो के हिन्दू , वैष्णव व शैव राजाओ ने अपनी अपनी मान्यताओं के देवी देवता थे।
4. इन मंदिरो की दीवारों पर सूंदर सुन्दर मुर्तिया बानी थी।
विरूपाक्ष मंदिर
चालुक्य राजाओं द्वारा बनाया गया वातापी का विरूपाक्ष मंदिर बहुत पषिद है
महाबलीपुरम ने बने रथ मंदिर
पल्लवों द्वारा चेन्नई के पास मे बने महाबलीपुरम रथ मंदिर।
कैलाश मन्दिर, एलोरा
राष्टकूट शासक कृष्ण प्रथम ने एलोरा मे कैलाश मंदिर विशाल चट्टान को कटवाकर बनवाया।
बृहदेश्वर मंदिर
चोल राजाओ ने तंजौर मे 14 मंजिलो वाला मंदिर का निर्माण करवाया।
नटराज की मूर्ति
धार्मिक स्थिति
1. दक्षिण भारत के शासक हिन्दू धर्म को मानते थे।
2. वे धर्मो के प्रति उदार थे।
3. वे बौद्ध एवं जैन धर्म के विहारों तथा मंदिरो के निर्माण हेतु दान दिया करते थे।
4. समाज मे विष्णु तथा शिव की विशेष पूज होती थी।
5. शंकराचार्यो ने मठो की स्थापना की।
सामाजिक स्थिति
1. दक्षिण भारत का समाज भी वर्ण वव्यस्था पर आधारित था।
2. इस समय समाज मे दो वर्ग थे – ब्राह्मण और गैर ब्राह्मण।
3. वे सभी अपने कर्तव्यों का पालन करते थे।
4. राज्यों मे धनी और गरीब दोनों मे अंतर था।
शासन वव्यस्था
1. दक्षिण भारत के राज्यों की शासन व्यवस्था मे राजा ही सर्वोपरि थे।
2. राजा की सहायता के लियु मंत्री तथा कर्मचारी होते थे।
3. उन मंत्रियों और कर्मचारियों की नियुक्ति राजा स्वयं करता था।
4. इस प्रकार उन मंत्रियों और कर्मचारियों पर उनका नियंत्रण था।
चोलो की शासन प्रणाली भोत विकसित और सुव्यवस्थित थ।
1. समस्त साम्राज्य को राष्टम कहते थे।
2. प्रांतों को मंडलम।
3. जनपद को नाडु।
4. गाँवों को कुर्रम।
बोरोबुदुर का बुद्ध मंदिर
अंकोरवाट मंदिर
कंबोडिया स्थित अंकोरवाट का मंदिर बोरोबुदूर के मंदिर विश्व की धरोहर है। इसकी दीवारों मे रामायण पर महाभारत की कहनियाँ उभरी हुई मूर्तियों मे अंकित है।
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