वन
भू क्षेत्र जहाँ वृक्षों का घनत्व सामान्य से अधिक है उसे वन (जंगल) कहते हैं। विभिन्न मापदंडों पर आधारित जंगल की कई परिभाषाएँ हैं । वनों ने पृथ्वी के लगभग 9.5% भाग को घेर रखा है जो कुल भूमिक्षेत्र का लगभग 30% भाग है।
वन हमारे लिए किस प्रकार उपयोगी है
वनों को लोग “प्राकृतिक औषधालय” भी कहते है। वनों मई बहुत सी जड़ी बूटियाँ, औषधियाँके रूप मई मिलते है-
भारत के प्रमुख राज्यों के वन्यजीव अभ्यारण्य एवं राष्ट्रीय उद्यान निम्नलिखित है –
वन्य जीवों के संरक्षण सम्बन्धी कार्यक्रम –
1. लुप्त प्रजातियॉं का प्रजनन केंद्र कुकुरैल वन, लखनऊ मई 1984 -85 मे स्थापित हुआ।
2. राष्टीय चम्बल वन्यजीव विहार योजना उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ततः राजस्थान की संयुक्त योजना है जो मगर व घड़ियाल के संरक्षण हेतु शुरू की गई है।
3. घड़ियाल प्रजनन केंद्र दो है – कुकुरैल वन (लखनऊ) तथा कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार (बहराइच)।
सामाजिक वानिकी योजना-
1. ऑपरेशन ग्रीन योजना प्रदेश मे वृक्षारोपण के प्रोत्साहन एवं संवर्धन के लिए 01 जुलाई, 2001 से योजना शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य प्रदेश मे हरित क्षेत्र का विस्तार एवं वनो का उन्नयन करना है।
2. वन महोत्सव 1952 से देश के साथ साथ प्रदेश मे भी 01 जुलाई से 07 जुलाई तक मनाया जाता है।
3. उत्तर प्रदेश वानिकी परियोजना विश्व बैंक की सहायता से 19 मार्च 1998 से शुरू की गई थी।
हमारे जीवन मे वनो के महत्व को दृष्टिगत रखते हुए 21 मार्च को विश्व वन दिवस मनाया जाता है।
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