प्राकृतिक संसाधन प्रकृति प्रदत्त उपहार हैं जो कि मनुष्य की भौतिक व अभौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं। अन्य शब्दों में, कोई पदार्थ जो कि मूल्यवान और मनुष्य के लिए उपयोगी हो, संसाधन कहलाता है। इन संसाधनों में भौतिक जैसे-भूमि, जल, मृदा एवं खनिज और जैविक जैसे वनस्पति, वन्य जीव एवं जलीय जीव/मात्स्यिकी दोनों शामिल हैं। वास्तव में प्रत्येक पदार्थ की मनुष्य के लिए कुछ न कुछ उपयोगिता है, परन्तु इनका उपयोग उपयुक्त तकनीक की उपलब्धता पर ही संभव है। उदाहरण के लिए, कोयला और पेट्रोलियम सदियों से धरातल के नीचे उपस्थित थे, परन्तु उनके उपयोग हेतु तकनीक का विकास हाल में किया गया। ये पदार्थ संसाधनों में तभी परिवर्तित हुए जबकि वे प्रयोग किये जा सके। इसलिए यह मानवीय क्षमता और आवश्यकता है जो कि संसाधन की उपयोगिता उत्पन्न करती है।
प्राक्रतिक संसाधनों का वर्गीकरण –
प्राकृतिक संसाधन
प्राकृतिक संसाधन प्रकृति में पाए जाने वाले ऐसे जैविक और अजैविक घटक जिनका प्रयोग मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु किया जाता हैं। वह प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं।
यह प्रकृति की देन हैं, जब तक प्राकृतिक संसाधनों का अस्तित्व पृथ्वी में मौजूद हैं तब तक ही मानव का भी अस्तित्व हैं। चूंकि इन संसाधनों की प्राप्ति हमें पृथ्वी से होती है इसलिए इन्हें पृथ्वी संसाधन भी कहा जाता हैं।
सूर्य हमारे दैनिक जीवन मे बहुत आवशयक जय इसकी उपयोगिता निम्नलिखित है –
1. जल चक्र बनाए रखने में।
2. वायुमंडल मे वायु प्रवाह बनाये रखने के लिए।
3. जलवायु को नियंत्रित करने मे।
4. पौधों को भोजन बनाने के लिए ऊर्जा प्रदान करने मे।
5. घर मे नमी, सिलम को दूर करने तथा कपड़े सूखने मे।
वायु
हमरे पास पास चारो तरफ से पृथ्वी को वायु ने घेर रखा है। यह हमें दिखती नहीं है केवल अनुभव कर सकते है। वायु हमरे लिए बहुत आवशयक है। जल और भोजन के बिना तो हम कुछ समय के लिए जीवित रह सकते है परन्तु वायु के बिना हम एक शरण भी जीवित रह सकते। इसीलिए वायु हमरे जीवन के लिए अतयंत महत्वपूर्ण है।
जल
जल ही जीवन है। हम जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते है। हमरे शरीर का लगभग 70 प्रतिशत भाग जल है। जल हमरे रक्त को तरल बनता है तथा शरीर है रक्त का प्रवाह करता है। आदि हमरे शरीर की अनन्य जौरातो को भी पूर्ण करता है। इसके अलावा दैनिक जीवन के विभिन्न कार्यों मे भी पानी की आवश्कयता होती है।
भूमि
वायु और जल की तरह भुकी भी हमारे जीवन का आधार है। भूमि ही है जो हमें फल, अन्न, सब्जियाँ, ओषधि, इमरती लकड़ियां प्रदान करने वाले पौधे और वृक्षों को जीवन का आधार देती है। भूमि ही जल तथा खनिजों का भंडार है। खेती एवं वनो के लिए भूमि का होना अत्यंत आवशयक है।
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