किसी भी कार्यकर्ता के कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा (Energy) कहते हैं। ऊँचाई से गिरते हुए जल में ऊर्जा है क्योंकि उससे एक पहिये को घुमाया जा सकता है जिससे बिजली पैदा की जा सकती है। ऊर्जा की सरल परिभाषा देना कठिन है। ऊर्जा वस्तु नहीं है।
ऊर्जा के स्रोत
नव्यकरणीय स्रोत
यह ऐसी ऊर्जा है जो प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर करती है। इसमें सौर ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा, पवन, ज्वार, जल और बायोमास के विभिन्न प्रकारों को शामिल किया जाता है। उल्लेखनीय है कि यह कभी भी समाप्त नहीं हो सकती है और इसे लगातार नवीनीकृत किया जाता है। जैसे जल, पवन, सूर्य आदि।
अनव्यकरणीय स्रोत
जीवाश्म ईंधन की खोज के बाद ये सबसे महत्त्वपूर्ण खनिज ऊर्जा स्रोतों में से एक हैं। ये ऊर्जा संसाधन सीमित हैं। इसका अर्थ है कि ये अनवीकरणीय संसाधनों और एक बार उपभोग कर लिये जायें तो ये समाप्त हो जायेंगे। प्रमुख प्रकार के तीन जीवाश्म ईंधन हैं- कोयला, तेल और प्राकृतिक गैस, एवं विश्व भर में इस आधार पर ये लगभग 90% ऊर्जा उपभोग के लिये प्रदान करते हैं।
वर्तमान समय मे हमें नव्यकरणीय स्रोतों का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए। और अनव्यकरणीय स्रोतों का काम उपयोग करना चाहिए।
सौर ऊर्जा
वह ऊर्जा है जो सीधे सूर्य से प्राप्त की जाती है। वैसे तो सौर ऊर्जा का इस्तेमाल पेड़-पौधों, जीव जंतुओं एवं जलवायु द्वारा किया विभिन्न स्तर पर किया जाता है लेकिन आजकल सौर ऊर्जा से विद्युत् उत्पन्न करने का भी प्रचलन बढ़ गया है। सौर ऊर्जा से विद्युत् उत्पन्न करने के लिए सोलर पैनल का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अंतर्गत सूर्य की ऊर्जा को सोलर पावर प्लांट के माध्यम से विद्युत् ऊर्जा मे बदला जाता है।
सोलर लालटेन
सौर ऊर्जा उपकरण किसी भी स्थान पर स्थापित किया जा सकता है। इसका प्रयोग लोग अपने घरो मे बिजली का बल्ब जलाने, खाना पकाने, पंखा आदि चलने मे कर रहे है। यह नव्यकरणीय स्रोत है। इसका प्रयोग पर्यावरण संतुलन की दृष्टि से भी उपयोगी है।
सोलर कुकर
सोलर कुकर वह उपकरण है जो खाना पकाने के लिये सूर्य की ऊर्जा का उपयोग करता है। इसके कई लाभ हैं, जो इस प्रकार हैं: -रसोई गैस, मिट्टी तेल, विद्युत ऊर्जा, कोयले अथवा लकड़ी की कोई आवश्यकता नहीं… -रसोई गैस, मिट्टी तेल, विद्युत ऊर्जा, कोयले अथवा लकड़ी की कोई आवश्यकता नहीं होती। -ईंधन पर कोई खर्चा करने की आवश्यकता नहीं है।
पवन ऊर्जा
पवन स्थल या समुद्र में बहने वाली हवा की एक गति है। पवन चक्की के ब्लेड जिससे जुड़े होते है उनके घुमाने से पवन चक्की घुमने लगती है जिससे पवन ऊर्जा उत्पन्न होती है। पवन ऊर्जा द्वारा गेहूँ पीसने, धान कूटने, तेल पेरने, तथा भूमिगत जल निकालने का कार्य किया जाता है।
जल ऊर्जा
जल का प्रयोग हम पीने मे, सिंचाई मे, उद्योगों आदि मे करते है। जल, विद्युत् ऊर्जा का नव्यकरणीय स्रोत है। इससे प्रदूषण नहीं होता परन्तु ये बांध अनेक पर्यावरण समस्याएं पैदा करती है। भारत मे प्रमुख जल विद्युत् संयंत्र भाखड़ा नांगल, हीराकुंड, दामोदर आदि है।
ज्वारीय ऊर्जा
समुद्र में आने वाले ज्वार-भाटा की उर्जा को उपयुक्त टर्बाइन लगाकर विद्युत शक्ति में बदल दिया जाता है। इसमें दोनो अवस्थाओं में विद्युत शक्ति पैदा होती है – जब पानी ऊपर चढ़ता है तब भी और जब पानी उतरने लगता है तब भी। इसे ही ज्वारीय शक्ति कहते हैं।
बायोगैस ऊर्जा
बायोगैस ऊर्जा का एक ऐसा स्रोत है, जिसका उपयोग बार-बार किया जा सकता हैं। इसका इस्तेमाल घरेलू तथा कृषि कार्यों के लिए भी किया जाता हैं। किन्तु इससे वायु प्रदूषण होता था और ऊर्जा की हानि भी। अब इनके द्वारा उत्तम गैसीय ईंधन प्राप्त किया जाता है। इन्हे जैव गैस भी कहते है।
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