मेंडलीफ की आवर्त सारणी नियम के गुण एवं दोष, तत्वों का वर्गीकरण का आधार
मेंडलीफ का आवर्त नियम
वैज्ञानिक मेंडलीफ ने सन 1869 में तत्वों के भौतिक व रासायनिक गुणों तथा उनके परमाणु भारो के संबंध का एक आवर्त नियम प्रस्तुत किया जिसे मेंडलीफ का आवर्त नियम (mendeleef periodic law) कहते हैं। इस नियम के अनुसार, तत्वों के भौतिक व रासायनिक गुण उनके परमाणु भारो के आवर्ती फलन होते हैं।
अर्थात् तत्वों को उनके परमाणु भारो के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करने पर नियमित अंतराल के बाद गुणों की पुनरावृत्ति होती है।
मेंडलीफ की आवर्त सारणी के गुण
1. मेंडलीफ की मूल आवर्त सारणी को 12 क्षैतिज पंक्तियों में रखा गया जिन्हें श्रेणियां कहते हैं।
2. श्रेणियों को 7 क्षैतिज स्तंभों तथा 8 ऊर्ध्वाधर पंक्तियों में रखा गया जिन्हें क्रमश आवर्त तथा समूह कहते हैं।
3. एक ही समूह में उपस्थित तत्वों की संयोजकता समान होती है।
4. इस सारणी में रिक्त स्थान छोड़े गए जो अज्ञात तत्वों को प्रकट करते हैं।
5. समान गुण वाले तत्वों के परमाणु भार या तो लगभग समान होते हैं।
Note – मेंडलीफ ने आवर्त सारणी में कुछ रिक्त स्थान छोड़े थे तथा उनका अनुमान था कि इन रिक्त स्थानों की पूर्ति नए तत्वों की खोज से होगी। इस आवर्त सारणी की सहायता से नए तत्वों की खोज में आसानी हुई एवं अब सभी तत्वों की खोज हो चुकी है जिनके लिए मेंडलीफ ने स्थान छोड़े थे और इन तत्वों के गुण लगभग वही देखे गए जो मेंडलीफ अपनी आवर्त सारणी में इन तत्वों की खोज से पहले बता दिए थे।
मेंडलीफ की आवर्त सारणी के दोष
1. मेंडलीफ की आवर्त सारणी में धातु और अधातुओं को अलग-अलग स्थान नहीं दिया गया है।
2. समान गुणों वाले तत्वों को अलग-अलग स्थानों पर रखा गया तथा असमान गुणों वाले तत्वों को एक ही स्थान पर रखा गया है।
3. इस सारणी में समस्थानिकों को कोई स्थान नहीं दिया गया।
4. इस सारणी में कहीं-कहीं पर तत्वों के परमाणु भारो का क्रम ठीक प्रकार नहीं है।
5. आवर्त सारणी में हाइड्रोजन का कोई एक निरूपित स्थान ना होना।
मेंडलीफ द्वारा प्रस्तुत आवर्त नियम का संशोधन किया गया तथा एक नियम प्रस्तुत किया गया जिसे आधुनिक आवर्त नियम कहते हैं। तत्वों की आधुनिक आवर्त सारणी जिसे दीर्घाकार आवर्त सारणी कहते हैं। इस पर हमने एक अलग से लेख तैयार किया है।
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