तत्वों का वर्गीकरण एवं गुणधर्म में आवार्तिता
तत्वों का वर्गीकरण
सन् 1800 में 31 तत्वों के बारे में ज्ञात था तथा सन् 1865 में 63 तत्व ज्ञात थे लेकिन आज लगभग 118 तत्वों की खोज हो चुकी है इतने सारे तत्वों और उनके यौगिकों के रासायनिक गुणों का अध्ययन अलग अलग कर पाना बहुत कठिन था। इस कठिनाई को दूर करने के लिए वैज्ञानिकों ने तत्वों का वर्गीकरण करना बहुत आवश्यक समझा। तत्वों का प्रथम वर्गीकरण रूसी वैज्ञानिक मेंडलीफ ने किया था। आधुनिक आवर्त सारणी भी मेंडलीफ द्वारा प्रस्तुत आवर्त सारणी का आधुनिक रूप है। आवर्त सारणी से तत्वों और उनके यौगिकों का अध्ययन सरल और क्रमबद्ध हो गया है।
डोबेराइनर का त्रिक का नियम
डोबेराइनर ने यह ज्ञात किया कि, समान भौतिक व रासायनिक गुण वाले तीन तत्वों को परमाणु भार के बढ़ते क्रम में रखा जाता है तो बीच वाले तत्व का परमाणु भार शेष दोनों तत्वों के परमाणु भार के औसत मान के लगभग बराबर होता है। इसे ही डोबेराइनर का त्रिक का नियम कहते हैं।
उदाहरण –
1. लीथियम, सोडियम तथा पोटैशियम को परमाणु भार के बढ़ते हुए क्रम में रखते हैं तो लीथियम तथा पोटैशियम के परमाणु भार का औसत मान सोडियम के परमाणु भार के बराबर होता है।
तत्व Li Na K
परमाणु भार 7 23 39
औसत मान = \( \frac {7 + 39}{2} \) = 23
अर्थात् Li तथा K के परमाणु भार का औसत मान Na के परमाणु भार के बराबर है।
तत्व Ca Sr Br
परमाणु भार 40 87.6 137.4
औसत मान = \( \frac {40 + 137.4}{2} \) = 88.7
अर्थात् Ca तथा Br के परमाणु भार का औसत मान Sr के परमाणु भार के लगभग बराबर है।
न्यूलैंड का अष्टक नियम
सन् 1865 में अंग्रेज रसायनज्ञ ज़ोन अलेक्जेंडर न्यूलैंड ने यह बताया कि यदि तत्वों को उनके परमाणु भार के बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित किया जाए तो आठवें तत्व के गुण प्रथम तत्व के गुण के समान होते हैं। जिस प्रकार आठवें स्वर की ध्वनि प्रथम स्वर की ध्वनि की पुनरावृत्ति होती है। इसी कारण इसे न्यूलैंड का अष्टक नियम (Newland law of octaves) कहा जाता है।
स्वर | सा | रे | गा | मा | पा | धा | नि |
तत्व | Li | Be | B | C | N | O | F |
Na | Mg | Al | Si | P | s | Cl | |
K | Ca |
यह नियम कैल्शियम (Ca) के बाद के तत्वों पर लागू नहीं होता है।
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