Important Questions For All Chapters – हिंदी Class 9
लघु प्रश्न
1. रहीम का पूरा नाम क्या था?
उत्तर: अब्दुर्रहीम खानखाना।
2. रहीम का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर: सन् 1556 ई. में लाहौर में।
3. रहीम के पिता का नाम क्या था?
उत्तर: बैरम खाँ।
4. रहीम का पालन-पोषण किसने किया?
उत्तर: मुगल सम्राट अकबर ने।
5. रहीम ने कौन-कौन सी भाषाएँ सीखी थीं?
उत्तर: हिन्दी, संस्कृत, अरबी, फारसी, तुर्की।
6. रहीम किसके भक्त थे?
उत्तर: श्रीकृष्ण के।
7. रहीम को अकबर के दरबार में क्या स्थान मिला?
उत्तर: नवरत्नों में।
8. रहीम की मृत्यु कब हुई?
उत्तर: सन् 1627 ई. में।
9. रहीम ने किस भाषा में कविताएँ लिखीं?
उत्तर: ब्रज भाषा में।
10. रहीम के नीति के दोहे किस पुस्तक में संग्रहित हैं?
उत्तर: रहीम सतसई।
11. ‘बरवै नायिका भेद’ किस छंद में लिखा गया है?
उत्तर: बरवै छंद।
12. रहीम के पिता के साथ क्या घटना हुई?
उत्तर: उनकी हत्या मुबारक खाँ ने की।
13. रहीम की प्रमुख रचनाएँ कौन-कौन सी हैं?
उत्तर: रहीम सतसई, श्रृंगार सतसई।
14. रहीम की भाषा-शैली कैसी है?
उत्तर: सरल, व्यावहारिक और प्रवाहपूर्ण।
15. ‘मदनाष्टक’ में क्या चित्रित है?
उत्तर: श्रीकृष्ण और गोपियों की लीलाएँ।
16. रहीम किस प्रकार के व्यक्ति थे?
उत्तर: दयालु और नीतिज्ञ।
17. रहीम ने किस प्रकार की संगति से बचने को कहा है?
उत्तर: कुसंगति।
18. रहीम के अनुसार सज्जन को क्यों मनाना चाहिए?
उत्तर: क्योंकि वह मूल्यवान होता है।
19. रहीम की रचनाओं में मुख्य विषय क्या है?
उत्तर: नीति, भक्ति और शृंगार।
20. रहीम ने किस प्रकार के शब्दों का प्रयोग किया?
उत्तर: ब्रज, अवधी और खड़ीबोली के।
दीर्घ प्रश्न
1. रहीम का जीवन-परिचय संक्षेप में बताइए।
उत्तर: रहीम का जन्म 1556 ई. में लाहौर में हुआ। उनके पिता बैरम खाँ अकबर के संरक्षक थे, जिनकी हत्या के बाद अकबर ने रहीम और उनकी माता को अपने संरक्षण में लिया। रहीम ने कई भाषाएँ सीखीं और अकबर के दरबार के नवरत्नों में शामिल हुए।
2. अकबर ने रहीम के लिए क्या किया?
उत्तर: बैरम खाँ की हत्या के बाद अकबर ने रहीम और उनकी माता को अपने पास बुलाया। रहीम को उच्च शिक्षा दिलाई और उन्हें दरबार में महत्वपूर्ण स्थान दिया। उनकी प्रतिभा के कारण उन्हें नवरत्नों में शामिल किया गया।
3. रहीम की साहित्यिक सेवाएँ क्या थीं?
उत्तर: रहीम ने ब्रज, अवधी और खड़ीबोली भाषाओं में कविताएँ लिखीं और कई ग्रंथों का अनुवाद किया। उनके नीति के दोहे दैनिक जीवन की सच्चाइयों को सरलता से व्यक्त करते हैं। भक्ति, शृंगार और नैतिकता उनकी कविताओं के मुख्य विषय हैं।
4. ‘रहीम सतसई’ का महत्व क्या है?
उत्तर: ‘रहीम सतसई’ में नीति पर आधारित लगभग 300 दोहे संकलित हैं। इन दोहों में दैनिक जीवन की गहरी सच्चाइयों को सरलता और प्रवाहपूर्ण भाषा में व्यक्त किया गया है। यह पुस्तक जनसामान्य के लिए शिक्षाप्रद और प्रेरणादायक है।
5. ‘मदनाष्टक’ में क्या चित्रित है?
उत्तर: ‘मदनाष्टक’ में श्रीकृष्ण और गोपियों की प्रेम लीलाओं का सरस चित्रण है। इसमें प्रेम और भक्ति के साथ भगवान की लीलाओं का सुंदर वर्णन है। यह ग्रंथ भक्ति और शृंगार रस का उत्कृष्ट उदाहरण है।
6. रहीम के नीति दोहों का क्या प्रभाव है?
उत्तर: रहीम के नीति दोहे जीवन की सच्चाइयों और व्यवहारिकता को सरल भाषा में समझाते हैं। ये दोहे नैतिकता, प्रेम और जीवन के सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। इनका सीधा प्रभाव पाठकों के हृदय पर पड़ता है।
7. रहीम के अनुसार सच्चे मित्र की पहचान क्या है?
उत्तर: रहीम ने सच्चे मित्र को हर परिस्थिति में साथ निभाने वाला बताया है। सच्चा मित्र विपत्ति में भी साथ नहीं छोड़ता और हमेशा सुख-दुख में सहायक होता है। झूठा मित्र केवल स्वार्थी होता है और कठिन समय में दूर चला जाता है।
8. रहीम की भाषा-शैली का वर्णन कीजिए।
उत्तर: रहीम की भाषा सरल, स्पष्ट और प्रवाहपूर्ण है। इसमें ब्रज, अवधी और खड़ीबोली के शब्दों का सुंदर प्रयोग मिलता है। उनकी कविताएँ सभी वर्गों के लिए बोधगम्य और प्रभावशाली हैं।
9. रहीम ने कुसंगति के बारे में क्या कहा?
उत्तर: रहीम ने कुसंगति को हानिकारक बताया, लेकिन सज्जनों पर इसका प्रभाव नहीं पड़ता। जैसे चंदन पर विष नहीं चढ़ता, वैसे ही सज्जन कुसंगति में भी अपनी अच्छाई बनाए रखते हैं। कुसंगति से सज्जनों को भी बचना चाहिए।
10. रहीम ने प्रेम को कैसे समझाया है?
उत्तर: रहीम ने प्रेम को नाजुक धागे की तरह बताया है, जिसे तोड़ा नहीं जाना चाहिए। यदि प्रेम में दरार पड़ती है तो वह फिर से जुड़ नहीं पाता, और यदि जुड़ता भी है तो गाँठ पड़ जाती है। यह प्रेम की स्थिरता और नाजुकता को दर्शाता है।
11. रहीम ने श्रीकृष्ण के प्रति अपनी भक्ति कैसे व्यक्त की?
उत्तर: रहीम ने श्रीकृष्ण के प्रेम और लीलाओं का अपने ग्रंथों में सुंदर वर्णन किया। उनकी भक्ति सच्ची और सरल थी, जो मुसलमान होते हुए भी उनकी गहरी आस्था को दिखाती है। उन्होंने ‘मदनाष्टक’ में श्रीकृष्ण की लीलाओं का सरस चित्रण किया है।
12. ‘रहीम सतसई’ के दोहे जनसामान्य में क्यों प्रसिद्ध हैं?
उत्तर: ‘रहीम सतसई’ के दोहे जीवन की सच्चाइयों और नैतिकता को सरल शब्दों में व्यक्त करते हैं। इनकी भाषा और भाव पाठकों के हृदय को सीधे प्रभावित करते हैं। ये दोहे हर वर्ग के लोगों के लिए शिक्षाप्रद और प्रेरणादायक हैं।
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