Important Questions For All Chapters – हिंदी Class 9
लघु प्रश्न
1. रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर: 7 मई 1861 को कोलकाता में।
2. टैगोर को किस रचना के लिए नोबल पुरस्कार मिला?
उत्तर: ‘गीतांजलि’ के लिए।
3. टैगोर ने शांति निकेतन की स्थापना कब की?
उत्तर: 1901 में।
4. तोता स्वभाव से कैसा था?
उत्तर: गानेवाला और फुदकनेवाला।
5. तोते को शिक्षित करने का काम किसे सौंपा गया?
उत्तर: राजा के भानजे को।
6. पंडितों ने तोते के आवास के लिए क्या सुझाव दिया?
उत्तर: सोने का पिंजरा बनाने का।
7. राजा ने भानजे को क्या इनाम दिया?
उत्तर: सोने का हार।
8. तोते का गाना क्यों बंद हो गया?
उत्तर: क्योंकि उसका मुँह किताबों से ठूस दिया गया।
9. तोते का दोष क्या था?
उत्तर: उजाले की ओर देखने और पिंजरे से बाहर जाने की कोशिश।
10. तोते के डैने क्यों काटे गए?
उत्तर: क्योंकि वह उन्हें फड़फड़ाता था।
11. पिंजरे की देखभाल कौन करता था?
उत्तर: राजा के भानजे और उनके सहयोगी।
12. तोता कैसे मरा?
उत्तर: भूख और दम घुटने से।
13. निंदकों ने राजा से क्या कहा?
उत्तर: पिंजरे की उन्नति हो रही है, तोते की नहीं।
14. तोते की शिक्षा का क्या परिणाम हुआ?
उत्तर: तोता मर गया।
15. राजा ने निंदकों के साथ कैसा व्यवहार किया?
उत्तर: उनके कान उमेठने का आदेश दिया।
दीर्घ प्रश्न
1. तोते की शिक्षा का उद्देश्य और परिणाम क्या था?
उत्तर: राजा ने तोते को शिक्षित करने का आदेश दिया, लेकिन इसका उद्देश्य केवल दिखावा था। सोने का पिंजरा, किताबों का अंबार, और पंडितों की बैठकें केवल बाहरी दिखावे तक सीमित रहीं। तोते को सही शिक्षा नहीं मिली, और अंततः वह भूख और दम घुटने से मर गया। यह प्रयास शिक्षा के नाम पर केवल बर्बादी दिखाता है।
2. तोते को शिक्षित करने के लिए कौन-कौन से उपाय किए गए?
उत्तर: सबसे पहले सोने का पिंजरा बनाया गया। फिर ढेर सारी किताबें लिखवाई गईं और तोते के मुँह में ठूँस दी गईं। उसकी प्राकृतिक इच्छाओं को दबाने के लिए उसके डैने काट दिए गए। यह सब दिखावटी शिक्षा का हिस्सा था।
3. राजा ने निंदकों के साथ कैसा व्यवहार किया?
उत्तर: जब निंदकों ने बताया कि पिंजरे की उन्नति हो रही है, तोते की नहीं, राजा ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया। राजा ने निंदकों को हलवा और मौड़े न मिलने का बहाना बनाकर चुप करा दिया। इसके बाद निंदकों के कान उमेठने का आदेश दिया। यह राजा की तानाशाही को दर्शाता है।
4. पंडितों और भानजे का व्यवहार शिक्षा के प्रति कैसा था?
उत्तर: पंडित और भानजा शिक्षा के नाम पर केवल धन कमाने में लगे रहे। उन्होंने तोते को सही शिक्षा देने के बजाय दिखावे और बाहरी सजावट पर ध्यान दिया। तोते की जरूरतों और स्वाभाविक स्वतंत्रता को अनदेखा किया गया। यह व्यवहार शिक्षा के वास्तविक उद्देश्य को नकारता है।
5. तोते की कहानी शिक्षा व्यवस्था पर क्या व्यंग्य करती है?
उत्तर: यह कहानी शिक्षा के दिखावे और गलत तरीकों पर व्यंग्य करती है। शिक्षा का मकसद आत्मिक और बौद्धिक विकास है, लेकिन यहाँ यह केवल दिखावे और धन की बर्बादी तक सीमित है। तोते की स्वाभाविक स्वतंत्रता छीनकर उसे दबा दिया गया। यह शिक्षा का गलत रूप है।
6. राजा ने तोते की शिक्षा को कैसे देखा?
उत्तर: राजा ने शिक्षा को केवल बाहरी रूप से देखा। पिंजरे की सजावट, किताबों के अंबार, और व्यवस्था देखकर वह प्रसन्न हो गया। उसने तोते के वास्तविक हालात को नजरअंदाज किया। इससे उसकी संकीर्ण सोच का पता चलता है।
7. तोते की स्वाभाविक इच्छाओं को कैसे दबाया गया?
उत्तर: तोते के डैने काट दिए गए ताकि वह उड़ न सके। उसका मुँह किताबों से भर दिया गया ताकि वह गा न सके। उसके पिंजरे को लोहे की साँकल से बाँध दिया गया। इन अत्याचारों से उसकी प्राकृतिक स्वतंत्रता छीन ली गई।
8. तोते का गाना बंद होने का क्या कारण था?
उत्तर: तोते का मुँह किताबों के पन्नों से भर दिया गया था। उसके प्राकृतिक गुणों और इच्छाओं को दबा दिया गया। वह न गा सकता था, न चिल्ला सकता था। यह शिक्षा के नाम पर एक अत्याचार था।
9. तोते की मृत्यु का जिम्मेदार कौन था और क्यों?
उत्तर: तोते की मृत्यु के लिए राजा, भानजा, और पंडित जिम्मेदार थे। उन्होंने शिक्षा के नाम पर तोते को प्रताड़ित किया और उसकी स्वाभाविकता छीन ली। उसकी भूख, प्यास, और स्वतंत्रता की अनदेखी की गई। यह एक दिखावटी और अमानवीय व्यवस्था का परिणाम था।
10. इस कहानी में शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य क्या होना चाहिए था?
उत्तर: शिक्षा का उद्देश्य तोते के स्वाभाविक गुणों का विकास करना होना चाहिए था। उसे उसकी स्वतंत्रता और खुशी के साथ जीने देना चाहिए था। दिखावे और बाहरी सजावट के बजाय उसके मनोवैज्ञानिक विकास पर ध्यान देना चाहिए था। यह कहानी इस सच्चाई को उजागर करती है।
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