Important Questions For All Chapters – हिंदी Class 9
छोटे प्रश्न
1. आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी का जन्म कब और कहाँ हुआ?
उत्तर: 1907 में, बलिया जिले के “आरत दुबे का छपरा” गाँव में।
2. द्विवेदी जी की शिक्षा कहाँ से हुई?
उत्तर: काशी हिंदू विश्वविद्यालय से।
3. द्विवेदी जी को कौन-सी उपाधि से सम्मानित किया गया?
उत्तर: पद्मभूषण।
4. गुरु नानकदेव का जन्मदिन किस तिथि को मनाया जाता है?
उत्तर: कार्तिक पूर्णिमा।
5. गुरु नानकदेव के शिष्यों को क्या कहा गया?
उत्तर: सिख।
6. गुरु नानकदेव का प्रमुख संदेश क्या था?
उत्तर: प्रेम और समानता।
7. आचार्य द्विवेदी ने कौन-से प्रमुख उपन्यास लिखे?
उत्तर: ‘पुनर्नवा’, ‘बाणभट्ट की आत्मकथा’।
8. गुरु नानकदेव ने किस धर्म का विरोध किया?
उत्तर: धर्म में फैले आडंबर और कुसंस्कारों का।
9. द्विवेदी जी की भाषा-शैली कैसी है?
उत्तर: संस्कृतनिष्ठ और प्रभावशाली।
10. गुरु नानकदेव के उपदेशों का संग्रह किसमें है?
उत्तर: ग्रंथ साहिब।
11. द्विवेदी जी ने किन ग्रंथों पर आलोचना लिखी?
उत्तर: सूर-साहित्य, कबीर।
12. गुरु नानकदेव ने किन-किन के भेदभाव मिटाने का प्रयास किया?
उत्तर: हिंदू और मुसलमान।
13. गुरु नानकदेव के अनुसार सच्चा धर्म क्या है?
उत्तर: प्रेम और सच्चाई।
14. गुरु नानकदेव ने क्या जीवन पद्धति अपनाने का सुझाव दिया?
उत्तर: गृहस्थ जीवन और सच्चे प्रेम की साधना।
15. गुरु नानकदेव की वाणी कैसी थी?
उत्तर: सरल, मधुर और प्रभावशाली।
लंबे प्रश्न
1. गुरु नानकदेव का जन्म किस समय हुआ और समाज की स्थिति कैसी थी?
उत्तर: गुरु नानकदेव का जन्म लगभग पाँच सौ वर्ष पूर्व हुआ, जब समाज कुसंस्कारों और भेदभावों में उलझा था। जाति, धर्म और संकीर्ण मानसिकता से समाज विभाजित था। उन्होंने इन समस्याओं का समाधान प्रेम और समानता के माध्यम से किया।
2. गुरु नानकदेव ने समाज को कौन-सा संदेश दिया?
उत्तर: गुरु नानकदेव ने प्रेम, समानता और सच्चाई का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि जाति और धर्म के बंधन व्यर्थ हैं। केवल सच्चे प्रेम और सहानुभूति से ही ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है।
3. गुरु नानकदेव का विचार समाज पर कैसे प्रभाव डालता है?
उत्तर: उनके विचारों ने लोगों को आडंबर और पाखंड से बाहर निकलने की प्रेरणा दी। उन्होंने सिखाया कि सभी मनुष्य समान हैं और प्रेम ही सच्चा धर्म है। उनके उपदेश आज भी समाज में प्रेरणा देते हैं।
4. द्विवेदी जी की भाषा-शैली की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर: द्विवेदी जी की भाषा संस्कृतनिष्ठ, प्रभावशाली और प्रौढ़ है। उन्होंने निबंधों में उर्दू, फारसी और अंग्रेजी शब्दों का भी प्रयोग किया। उनकी शैली सरल और बोधगम्य होने के साथ-साथ गहराई लिए होती है।
5. गुरु नानकदेव को ‘शरत पूर्णिमा के चंद्रमा’ से क्यों तुलना की गई है?
उत्तर: जैसे शरत पूर्णिमा का चंद्रमा शांत, उज्ज्वल और स्निग्ध होता है, वैसे ही गुरु नानकदेव के विचार मधुर और प्रेरणादायक थे। उन्होंने बिना किसी पर आघात किए समाज में सुधार लाया।
6. गुरु नानकदेव के अनुसार सच्चा धर्म क्या है?
उत्तर: सच्चा धर्म प्रेम और सच्चाई है, जो मनुष्य के भीतर है। बाहरी आडंबर और कर्मकांड धर्म नहीं हैं। सच्चे प्रेम और सच्चाई से ही मुक्ति प्राप्त की जा सकती है।
7. गुरु नानकदेव के जीवन का उद्देश्य क्या था?
उत्तर: उनका उद्देश्य समाज में समानता, प्रेम और सहानुभूति का प्रचार करना था। उन्होंने जाति और धर्म के भेदभाव को समाप्त करने की चेष्टा की। उनके जीवन का संदेश मानवता के लिए था।
8. गुरु नानकदेव की वाणी का समाज पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: उनकी वाणी में सादगी, प्रभाव और प्रेम था। इसने समाज में जागरूकता और बदलाव लाया। उनकी वाणी ने धार्मिक कट्टरता और भेदभाव को मिटाने में सहायता की।
9. गुरु नानकदेव ने किस प्रकार के धर्म का विरोध किया?
उत्तर: उन्होंने बाहरी आडंबरों, जातिगत भेदभाव और संकीर्ण विचारों का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सच्चा धर्म प्रेम और समानता में है। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं।
10. गुरु नानकदेव के अनुसार जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि क्या है?
उत्तर: उनके अनुसार सच्चा प्रेम और ईश्वर का नाम ही जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। यह मनुष्य को अहंकार और भेदभाव से मुक्त करता है।
11. द्विवेदी जी ने किस प्रकार से हिंदी साहित्य को समृद्ध किया?
उत्तर: उन्होंने निबंध, उपन्यास और आलोचनात्मक साहित्य के माध्यम से हिंदी साहित्य को समृद्ध किया। भक्ति साहित्य और मध्यकालीन धर्म-साधना पर उनके कार्य अद्वितीय हैं।
12. कार्तिक पूर्णिमा को गुरु नानकदेव से क्यों जोड़ा गया है?
उत्तर: कार्तिक पूर्णिमा को गुरु नानकदेव के आविर्भाव का उत्सव माना जाता है। यह तिथि उनकी उज्ज्वल, शीतल और प्रेरणादायक छवि को दर्शाती है। इस दिन उनके विचारों और जीवन को याद किया जाता है।
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