Important Questions For All Chapters – हिंदी एकांकी Class 9
लघु प्रश्न
1. सेठ गोविन्ददास का जन्म कब और कहाँ हुआ?
उत्तर: सन् 1896 ई. में जबलपुर (मध्य प्रदेश) में।
2. सेठ गोविन्ददास का पहला नाटक कौन-सा था?
उत्तर: ‘विश्व-प्रेम’।
3. ‘व्यवहार’ एकांकी के मुख्य पात्र कौन हैं?
उत्तर: रघुराजसिंह, नर्मदाशंकर, चूरामन, और क्रान्तिचन्द्र।
4. रघुराजसिंह कौन थे?
उत्तर: एक जमींदार।
5. क्रान्तिचन्द्र का चरित्र कैसा है?
उत्तर: साहसी और विद्रोही।
6. ‘व्यवहार’ एकांकी का पहला दृश्य कहाँ आधारित है?
उत्तर: रघुराजसिंह के महल की बालकनी में।
7. सेठ गोविन्ददास को लेखन की प्रेरणा कहाँ से मिली?
उत्तर: वल्लभ सम्प्रदाय के धार्मिक उत्सवों और रासलीलाओं से।
8. सेठ गोविन्ददास का साहित्य किस शैली पर आधारित है?
उत्तर: भारतीयता और पाश्चात्य शैली।
9. नर्मदाशंकर कौन हैं?
उत्तर: रघुराजसिंह के स्टेट के मैनेजर।
10. ‘व्यवहार’ एकांकी में किसान क्यों नाराज थे?
उत्तर: जमींदार की नीतियों और शोषण के कारण।
11. सेठ गोविन्ददास की मृत्यु कब हुई?
उत्तर: सन् 1974 ई. में।
12. ‘व्यवहार’ एकांकी में भोज का आयोजन किसलिए किया गया था?
उत्तर: रघुराजसिंह की बहन की शादी के अवसर पर।
13. चूरामन कौन था?
उत्तर: एक गरीब किसान।
14. क्रान्तिचन्द्र ने किसानों को क्या सिखाने का प्रयास किया?
उत्तर: अपने अधिकारों के लिए खड़े होने का साहस।
15. रघुराजसिंह ने किसानों पर कौन-सा उपकार किया?
उत्तर: कर्ज माफ करना और लगान कम करना।
16. जमींदार के भोज का किसानों ने क्यों विरोध किया?
उत्तर: शोषण और अपमान के कारण।
17. सेठ गोविन्ददास किस विचारधारा से प्रभावित थे?
उत्तर: गांधीवाद।
18. ‘व्यवहार’ एकांकी का मुख्य संदेश क्या है?
उत्तर: किसानों के अधिकार और शोषण के खिलाफ खड़े होने का।
19. ‘व्यवहार’ एकांकी में किसानों का प्रतिनिधि कौन है?
उत्तर: क्रान्तिचन्द्र।
20. सेठ गोविन्ददास की भाषा शैली कैसी है?
उत्तर: पात्रानुकूल, सरल और सहज।
दीर्घ प्रश्न
1. ‘व्यवहार’ एकांकी का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: यह एकांकी समाज में शोषण और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का संदेश देती है। किसानों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया गया है।
2. रघुराजसिंह का चरित्र कैसा है?
उत्तर: रघुराजसिंह एक उदार और सोचने-विचारने वाला जमींदार है। हालांकि, उसे किसानों के असली संघर्षों का ज्ञान धीरे-धीरे होता है।
3. क्रान्तिचन्द्र का व्यक्तित्व कैसा है?
उत्तर: क्रान्तिचन्द्र एक जागरूक और साहसी युवा है। वह किसानों को शोषण के खिलाफ खड़ा होने का साहस देता है।
4. ‘व्यवहार’ एकांकी में किसानों का भोज क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: यह भोज किसानों की शोषित स्थिति और जमींदारों की नीति का प्रतीक है। किसानों ने इसे उनके शोषण का विरोध करने का जरिया बनाया।
5. सेठ गोविन्ददास के साहित्य का मुख्य आधार क्या है?
उत्तर: उनके साहित्य में भारतीयता और सामाजिक समस्याओं का चित्रण होता है। वे गांधीवादी विचारों से भी प्रभावित थे।
6. नर्मदाशंकर का स्वभाव कैसा है?
उत्तर: नर्मदाशंकर एक रूढ़िवादी और जमींदार का समर्थक व्यक्ति है। वह पुरानी परंपराओं को बनाए रखने में विश्वास रखता है।
7. क्रान्तिचन्द्र ने किसानों को क्या संदेश दिया?
उत्तर: उसने किसानों को बताया कि उनका असली शत्रु जमींदार है। उन्होंने एकता और साहस के महत्व को समझाया।
8. ‘व्यवहार’ एकांकी का शीर्षक सार्थक क्यों है?
उत्तर: यह शीर्षक समाज में शोषक और शोषित वर्ग के बीच के व्यवहार को दर्शाता है। इसका फोकस सामाजिक अन्याय पर है।
9. चूरामन का चरित्र कैसा है?
उत्तर: चूरामन एक गरीब किसान है जो अपने जीवन की दुविधाओं में फंसा है। वह अपने बेटे क्रान्तिचन्द्र के विचारों को समझने में असमर्थ है।
10. ‘व्यवहार’ में रघुराजसिंह किसानों के लिए क्या करता है?
उत्तर: वह कर्ज माफ करता है, लगान कम करता है, और बिना नजराने के जमीनें देता है। लेकिन किसान इसे वास्तविक उपकार नहीं मानते।
11. जमींदार और किसान के संबंधों को कैसे दर्शाया गया है?
उत्तर: जमींदार और किसान के संबंध शोषण और असमानता पर आधारित हैं। जमींदार किसानों को हमेशा अपने अधीन रखना चाहते हैं।
12. सेठ गोविन्ददास ने नाटक क्यों लिखे?
उत्तर: उन्होंने नाटक लिखकर समाज की समस्याओं को उजागर करने और बदलाव लाने की कोशिश की। उनके नाटक भारतीयता और सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित हैं।
13. ‘व्यवहार’ में किसानों का विरोध क्या दर्शाता है?
उत्तर: यह किसानों की जागरूकता और अपने अधिकारों के प्रति उनके संघर्ष का प्रतीक है।
14. रघुराजसिंह का किसानों के प्रति दृष्टिकोण कैसे बदलता है?
उत्तर: शुरुआत में वह किसानों को मदद करने की सोचता है, लेकिन अंत में उसे समझ आता है कि शोषणकारी व्यवस्था के अंदर रहकर किसानों का सच्चा भला नहीं हो सकता।
15. ‘व्यवहार’ एकांकी में सेठ गोविन्ददास ने क्या सिखाया है?
उत्तर: उन्होंने सिखाया कि अन्याय के खिलाफ खड़े होना और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना ही सही ‘व्यवहार’ है।
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