Important Questions For All Chapters – हिन्दी Class 8
गोस्वामी तुलसीदास
प्रश्न 1: तुलसीदास का जन्म कहाँ हुआ था और उनके माता-पिता का नाम क्या था?
उत्तर: तुलसीदास का जन्म यमुना के किनारे राजापुर (चित्रकूट) में हुआ। उनके पिता का नाम आत्मा राम दुबे और माता का नाम हुलसी था।
प्रश्न 2: तुलसीदास का पालन-पोषण किसने किया?
उत्तर: तुलसीदास का पालन-पोषण संत नरहरिदास ने किया और उन्होंने रामकथा सुनाई।
प्रश्न 3: तुलसीदास ने किस महाकाव्य की रचना की?
उत्तर: तुलसीदास ने “रामचरित मानस” की रचना की, जो राम के चरित्र और जीवन मूल्यों का वर्णन करता है।
प्रश्न 4: तुलसीदास के जीवन में रत्नावली की क्या भूमिका थी?
उत्तर: रत्नावली तुलसीदास की पत्नी थीं। उनके कटु शब्दों ने तुलसीदास को ईश्वर-भक्ति की ओर प्रेरित किया।
प्रश्न 5: तुलसीदास को राम के दर्शन कहाँ हुए?
उत्तर: तुलसीदास को हनुमानजी की सहायता से चित्रकूट में भगवान राम के दर्शन हुए।
प्रश्न 6: “रामचरित मानस” की रचना तुलसीदास ने कहाँ पूरी की?
उत्तर: तुलसीदास ने “रामचरित मानस” की रचना काशी के अस्सी घाट पर दो वर्ष, सात माह और छब्बीस दिनों में पूरी की।
प्रश्न 7: “रामचरित मानस” में किन विषयों का वर्णन है?
उत्तर: इसमें जीवन के हर पहलू जैसे भाई-भाई, गुरु-शिष्य, राजा-प्रजा और सत्य-असत्य के संबंधों का वर्णन है।
प्रश्न 8: तुलसीदास के अनुसार सबसे बड़ा धर्म और पाप क्या है?
उत्तर: सबसे बड़ा धर्म दूसरों की भलाई करना है और सबसे बड़ा पाप दूसरों को कष्ट पहुँचाना है।
प्रश्न 9: तुलसीदास की अन्य प्रमुख रचनाएँ कौन-कौन सी हैं?
उत्तर: उनकी अन्य रचनाएँ हैं – विनय पत्रिका, कवितावली, दोहावली और गीतावली।
प्रश्न 10: तुलसीदास की मृत्यु कब और कहाँ हुई?
उत्तर: तुलसीदास का निधन संवत 1680 में काशी के अस्सी घाट पर हुआ।
प्रश्न 11: तुलसीदास के समय का शासक कौन था?
उत्तर: तुलसीदास के समय मुगल सम्राट अकबर का शासन था।
प्रश्न 12: अब्दुर्रहीम खानखाना ने तुलसीदास की प्रशंसा में क्या कहा?
उत्तर: उन्होंने कहा, “सुरतिय, नरतिय, नागतिय, यह चाहत सब कोय। गोद लिए हुलसी फिरै, तुलसी सो सुत होय।”
प्रश्न 13: तुलसीदास ने “रामचरित मानस” किस भाषा में लिखा?
उत्तर: उन्होंने इसे जनभाषा (अवधी) में लिखा, जिससे आम लोग इसे समझ सकें।
प्रश्न 14: तुलसीदास के अनुसार राम की रावण पर विजय का क्या महत्व है?
उत्तर: यह विजय अच्छाई की बुराई पर और सत्य की असत्य पर जीत का प्रतीक है।
प्रश्न 15: तुलसीदास को क्यों अमूल्य रत्न माना जाता है?
उत्तर: तुलसीदास को उनकी भक्ति, साहित्य और जीवन के आदर्शों के कारण हिंदी भाषा का अमूल्य रत्न माना जाता है।
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