Important Questions For All Chapters – अनिवार्य संस्कृत Class 8
सहसा विदधीत न क्रियाम्
प्रश्न 1 : सप्तमशताब्द्यां महाराष्ट्रप्रान्ते कः राजा आसीत्?
अनुवाद: सातवीं शताब्दी में महाराष्ट्र में कौन राजा था?
उत्तर: सप्तमशताब्द्यां महाराष्ट्रप्रान्ते राजा विष्णुवर्धनः आसीत्।
अनुवाद: सातवीं शताब्दी में महाराष्ट्र में राजा विष्णुवर्धन थे।
प्रश्न 2 : राजा विष्णुवर्धनस्य राजसभायां कः महाकवि: आसीत्?
अनुवाद: राजा विष्णुवर्धन की राजसभा में कौन महाकवि थे?
उत्तर: तस्य राजसभायां महाकवि: भारवि: आसीत्।
अनुवाद: उनकी राजसभा में महाकवि भारवि थे।
प्रश्न 3 : भारविणः किञ्च महाकाव्यं प्रसिद्धम् आसीत्?
अनुवाद: भारवि का कौन सा महाकाव्य प्रसिद्ध था?
उत्तर: भारविणः महाकाव्यं ‘किरातार्जुनीयम्’ प्रसिद्धम् आसीत्।
अनुवाद: भारवि का महाकाव्य ‘किरातार्जुनीयम्’ प्रसिद्ध था।
प्रश्न 4 : भारवि: विद्याम् कथं अर्जितवान्?
अनुवाद: भारवि ने विद्या कैसे अर्जित की?
उत्तर: भारवि: बाल्यकाले महता परिश्रमेण विद्याम् अर्जितवान्।
अनुवाद: भारवि ने बचपन में बड़े परिश्रम से विद्या अर्जित की।
प्रश्न 5 : भारवि: कस्य सह शास्त्रार्थं अकरोत्?
अनुवाद: भारवि ने किसके साथ शास्त्रार्थ किया?
उत्तर: भारवि: पण्डितै: सह शास्त्रार्थं अकरोत्।
अनुवाद: भारवि ने पंडितों के साथ शास्त्रार्थ किया।
प्रश्न 6 : भारवि: काव्यं कुत्र अश्रावयत्?
अनुवाद: भारवि ने कविताएँ कहाँ सुनाईं?
उत्तर: भारवि: कविसम्मेलनेषु काव्यं अश्रावयत्।
अनुवाद: भारवि ने कवि-सम्मेलनों में कविताएँ सुनाईं।
प्रश्न 7 : भारविणः पिता तस्य प्रति कथं व्यवहारं अकरोत्?
अनुवाद: भारवि के पिता ने उनके साथ कैसा व्यवहार किया?
उत्तर: भारविणः पिता तस्य पाण्डित्यस्य आलोचनाम् अकरोत्।
अनुवाद: भारवि के पिता ने उनके पांडित्य की आलोचना की।
प्रश्न 8 : पिता भारविणः काव्यं कुत्र आलोचितवान्?
अनुवाद: भारवि के पिता ने उनकी कविता की आलोचना कहाँ की?
उत्तर: पिता भारविणः काव्यं राजसभायां आलोचितवान्।
अनुवाद: भारवि के पिता ने उनकी कविता की राजसभा में आलोचना की।
प्रश्न 9 : भारवि: पित्रा आलोचना श्रुत्वा कथं अभवत्?
अनुवाद: पिता की आलोचना सुनकर भारवि कैसे हो गए?
उत्तर: भारवि: पित्रा आलोचना श्रुत्वा रुष्ट: उद्धिग्नश्च अभवत्।
अनुवाद: भारवि पिता की आलोचना सुनकर क्रोधित और व्याकुल हो गए।
प्रश्न 10 : भारवि: रात्रौ निद्रां किम् लब्धवान्?
अनुवाद: क्या भारवि रात में सो पाए?
उत्तर: भारवि: रात्रौ निद्रां न लब्धवान्।
अनुवाद: भारवि रात में सो नहीं पाए।
प्रश्न 11 : भारवि: रात्रौ किं श्रुतवान्?
अनुवाद: भारवि ने रात में क्या सुना?
उत्तर: भारवि: मातापित्रो: वार्तालापं श्रुतवान्।
अनुवाद: भारवि ने माता-पिता का वार्तालाप सुना।
प्रश्न 12 : भारविणः माता पिता किम् कथयामासताम्?
अनुवाद: भारवि के माता-पिता ने क्या कहा?
उत्तर: अस्माकं पुत्र: महाकवि: महापण्डितश्च।
अनुवाद: हमारा पुत्र महाकवि और महापंडित है।
प्रश्न13 : भारवि: पित्रा तिरस्कृतः कुत्र अकरोत्?
अनुवाद: भारवि को पिता ने कहाँ तिरस्कृत किया?
उत्तर: भारवि: राजसभायां तिरस्कृतः।
अनुवाद: भारवि को राजसभा में तिरस्कृत किया गया।
प्रश्न14 : भारवि: पश्चात्तापं कुर्वन् किम् पद्यं प्रणीतवान्?
अनुवाद: भारवि ने पश्चात्ताप करते हुए कौन सा श्लोक लिखा?
उत्तर: सहसा विदधीत न क्रियाम्, अविवेकः परमापदां पदम्।
अनुवाद: बिना सोचे-समझे कोई कार्य नहीं करना चाहिए; अविवेक संकट का कारण बनता है।
प्रश्न 15 : गुणलुब्धा: सम्पदः कं वृणुते?
अनुवाद: गुणों से आकर्षित संपदाएँ किसे चुनती हैं?
उत्तर: गुणलुब्धा: सम्पदः विमृश्यकारिणं वृणुते।
अनुवाद: गुणों से आकर्षित संपदाएँ सोच-समझकर कार्य करने वाले व्यक्ति को चुनती हैं।
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