Important Questions For All Chapters – अनिवार्य संस्कृत Class 8
विभक्तीनां प्रयोगा
प्रश्न 1 : कुलं, शीलं, सत्यं, प्रज्ञा च कस्य कारणेन विनश्यति?
अनुवाद: कुल, शील, सत्य, और प्रज्ञा किस कारण से नष्ट हो जाते हैं?
उत्तर: दारिद्र्येण विनश्यति।
अनुवाद: गरीबी के कारण नष्ट हो जाते हैं।
प्रश्न 2 : कः गुणान् भूषयति?
अनुवाद: गुणों को कौन सुशोभित करता है?
उत्तर: रूपं गुणान् भूषयति।
अनुवाद: रूप गुणों को सुशोभित करता है।
प्रश्न 3 : शीलं किम् भूषयति?
अनुवाद: शील को क्या सुशोभित करता है?
उत्तर: शीलं कुलं भूषयति।
अनुवाद: शील कुल को सुशोभित करता है।
प्रश्न 4 : सिद्धिः किम् भूषयति?
अनुवाद: सिद्धि किसे सुशोभित करती है?
उत्तर: सिद्धिः विद्यां भूषयति।
अनुवाद: सिद्धि विद्या को सुशोभित करती है।
प्रश्न 5 : भोगः किम् भूषयति?
अनुवाद: भोग किसे सुशोभित करता है?
उत्तर: भोगः धनं भूषयति।
अनुवाद: भोग धन को सुशोभित करता है।
प्रश्न 6 : मृगा: केन सह अनुव्रजन्ति?
अनुवाद: मृग किसके साथ चलते हैं?
उत्तर: मृगा: मृगै: सह अनुव्रजन्ति।
अनुवाद: मृग अन्य मृगों के साथ चलते हैं।
प्रश्न 7 : मूर्खाः केन सह तिष्ठन्ति?
अनुवाद: मूर्ख किसके साथ रहते हैं?
उत्तर: मूर्खाः मूर्खैः सह तिष्ठन्ति।
अनुवाद: मूर्ख अन्य मूर्खों के साथ रहते हैं।
प्रश्न 8 : परोपकाराय कस्य वचांसि भवन्ति?
अनुवाद: परोपकार के लिए किसके वचन होते हैं?
उत्तर: परोपकाराय वन्द्यस्य वचांसि भवन्ति।
अनुवाद: परोपकार के लिए महान व्यक्ति के वचन होते हैं।
प्रश्न 9 : विषादपि किं ग्राह्यम्?
अनुवाद: विष से भी क्या ग्रहण करना चाहिए?
उत्तर: विषादपि अमृतं ग्राह्यम्।
अनुवाद: विष से भी अमृत ग्रहण करना चाहिए।
प्रश्न 10 : अमेध्यादपि किं ग्राह्यम्?
अनुवाद: अपवित्र वस्तु से क्या ग्रहण करना चाहिए?
उत्तर: अमेध्यादपि कांचनं ग्राह्यम्।
अनुवाद: अपवित्र वस्तु से भी सोना ग्रहण करना चाहिए।
प्रश्न 11 : हस्तस्य भूषणं किम्?
अनुवाद: हाथ का आभूषण क्या है?
उत्तर: हस्तस्य भूषणं दानं अस्ति।
अनुवाद: हाथ का आभूषण दान है।
प्रश्न 12 : सत्यं कस्य भूषणं अस्ति?
अनुवाद: सत्य किसका आभूषण है?
उत्तर: सत्यं कण्ठस्य भूषणं अस्ति।
अनुवाद: सत्य गले का आभूषण है।
प्रश्न 13 : शास्त्रं कस्य भूषणं अस्ति?
अनुवाद: शास्त्र किसका आभूषण है?
उत्तर: शास्त्रं श्रोत्रस्य भूषणं अस्ति।
अनुवाद: शास्त्र कान का आभूषण है।
प्रश्न 14 : कः बान्धवः भवति?
अनुवाद: सच्चा मित्र कौन होता है?
उत्तर: यः उत्सवे, व्यसने, श्मशाने च तिष्ठति सः बान्धवः।
अनुवाद: जो उत्सव, संकट, और श्मशान में साथ खड़ा रहता है, वही सच्चा मित्र है।
प्रश्न 15 : किन परिस्थितियों में मित्र की पहचान होती है?
अनुवाद: किन अवसरों पर मित्र की पहचान होती है?
उत्तर: उत्सवे, व्यसने, दुर्भिक्षे, राष्ट्रविप्लवे च।
अनुवाद: उत्सव, संकट, अकाल, और राष्ट्र संकट में।
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