Important Questions For All Chapters – हिन्दी Class 8
छोटे प्रश्न
1. कवि ने कर्मवीरों की कौन-सी विशेषता बताई है?
- कर्मवीर बाधाओं से घबराते नहीं और समय का सदुपयोग करते हैं।
2. कवि के अनुसार समय का सही उपयोग कौन करता है?
- जो आज का काम आज ही करता है और मेहनत से जी नहीं चुराता।
3. कर्मवीर दूसरों से सहायता की अपेक्षा क्यों नहीं करते?
- क्योंकि वे अपने काम की जिम्मेदारी स्वयं लेते हैं।
4. कर्मवीर बाधाओं का सामना कैसे करते हैं?
- वे हिम्मत और धैर्य के साथ बाधाओं का सामना करते हैं।
5. हरिऔध जी का जन्म कब और कहाँ हुआ?
- उनका जन्म 15 अप्रैल 1865 को उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ जिले के निजामाबाद में हुआ।
6. कवि ने समय को बर्बाद करने वाले लोगों के बारे में क्या कहा है?
- जो लोग काम करने की जगह बातें बनाते हैं, वे सफल नहीं होते।
7. कर्मवीर की सफलता का राज क्या है?
- उनकी मेहनत, दृढ़ता और बाधाओं से न घबराना।
8. हरिऔध जी का निधन कब हुआ?
- उनका निधन 6 मार्च 1947 को हुआ।
9. कवि के अनुसार कौन असफल नहीं होता?
- जो अपने काम में लगे रहते हैं और हिम्मत नहीं हारते।
10. हरिऔध जी की प्रमुख रचनाओं में कौन-सी रचना खड़ी बोली का प्रथम महाकाव्य है?
- “प्रिय प्रवास” खड़ी बोली का प्रथम महाकाव्य है।
लंबे प्रश्न
1. कवि ने कर्मवीरों की किन विशेषताओं का वर्णन किया है?
- कवि ने बताया कि कर्मवीर कठिन से कठिन कार्य में भी कभी हार नहीं मानते। वे बाधाओं से नहीं घबराते, समय का सदुपयोग करते हैं और दूसरों पर निर्भर नहीं रहते।
2. कवि के अनुसार समय का महत्व क्या है?
- समय का सही उपयोग सफलता की कुंजी है। जो व्यक्ति आज का काम आज करता है और समय को बर्बाद नहीं करता, वही जीवन में आगे बढ़ता है।
3. कवि ने कर्मवीर को दूसरों के लिए आदर्श क्यों कहा है?
- कर्मवीर अपने साहस, मेहनत और समर्पण के कारण दूसरों के लिए प्रेरणा बनते हैं। वे अपने उदाहरण से दूसरों को प्रेरित करते हैं।
4. हरिऔध जी का साहित्यिक योगदान क्या है?
- हरिऔध जी ने खड़ी बोली में कविताएँ और महाकाव्य लिखे। उनकी रचनाओं में “प्रिय प्रवास”, “वैदेही वनवास” और “रस-कलश” प्रमुख हैं। वे हिन्दी साहित्य में एक महान कवि माने जाते हैं।
5. कवि ने बाधाओं का सामना करने का क्या तरीका बताया है?
- कवि ने बताया कि बाधाओं से घबराने के बजाय उनका साहस और धैर्य के साथ सामना करना चाहिए। कठिनाइयाँ वीरों का रास्ता रोक नहीं सकतीं।
6. हरिऔध जी का जीवन और शिक्षा कैसी रही?
- हरिऔध जी का जन्म आजमगढ़ में हुआ और उनकी उच्च शिक्षा काशी हिंदू विश्वविद्यालय में हुई। वे 1941 तक अवैतनिक शिक्षक के रूप में सेवा देते रहे।
7. कवि ने कठिन कार्यों के लिए क्या संदेश दिया है?
- कवि ने संदेश दिया है कि कठिन कार्यों से घबराने के बजाय, उन्हें मेहनत और हिम्मत से पूरा करना चाहिए। कोई भी काम असंभव नहीं होता।
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