Important Question For All Chapters – हिन्दी Class 7
छोटे प्रश्न
1. राजस्थान के अलवर जिले में जल-प्रबंधन की सफलता के मुख्य कारण क्या हैं?
उत्तर: समाज की एकजुट मेहनत और पारम्परिक जल-प्रबंधन विधियाँ।
2. अखरी नदी के संरक्षण के लिए क्या पहल की गई?
उत्तर: अखरी संसद का गठन और सख्त नियम लागू किए गए।
3. अखरी संसद का मुख्य कार्य क्या है?
उत्तर: पानी के उपयोग के उचित कानून बनाना और उनका पालन कराना।
4. राजेन्द्र सिंह को राजस्थान में किस उद्देश्य से पहुँचना पड़ा?
उत्तर: समाज की दशा सुधारने और जल-संरक्षण के लिए।
5. पारम्परिक जल-प्रबंधन का मुख्य उद्देश्य क्या था?
उत्तर: बरसाती पानी को रोककर उसका उपयोग सुनिश्चित करना।
6. जल-प्रबंधन से गाँवों में क्या सकारात्मक परिवर्तन हुए?
उत्तर: भू-जल स्तर बढ़ा, हरियाली लौटी, और पलायन रुका।
7. कौन-सी वैज्ञानिक तकनीक जल-संरक्षण में उपयोगी है?
उत्तर: रिमोट सेंसिंग तकनीक।
8. राजेन्द्र सिंह को किस सम्मान से नवाजा गया?
उत्तर: मैग्सेसे पुरस्कार।
9. गोपालपुरा गाँव में जल-संरक्षण कार्य कैसे शुरू हुआ?
उत्तर: चंदा और श्रमदान से चैतरे वाला जोहड़ बनाया गया।
10. जल-संरक्षण के कार्यों का असर अन्य जिलों में कैसे पड़ा?
उत्तर: कई गाँव इस मुहिम से प्रेरित होकर जुड़ गए।
लंबे प्रश्न
1. राजस्थान में जल-प्रबंधन के लिए राजेन्द्र सिंह ने क्या-क्या कदम उठाए?
उत्तर: राजेन्द्र सिंह ने पारम्परिक जल-प्रबंधन की विधियों को अपनाकर छोटे बाँध, जोहड़ और तालाब बनाए। उन्होंने समाज को एकजुट किया और श्रमदान से जल-संरक्षण का कार्य शुरू किया।
2. अखरी संसद का गठन क्यों और कैसे किया गया?
उत्तर: अखरी नदी के संरक्षण के लिए अखरी संसद का गठन किया गया, जिसमें 75 गाँवों के लोग हिस्सा लेते हैं। यह संसद पानी के उपयोग और संरक्षण के नियम बनाती और उन पर अमल करती है।
3. जल-प्रबंधन से अलवर जिले में किस प्रकार के परिवर्तन आए?
उत्तर: जल-प्रबंधन से सूखी नदियाँ जीवंत हो गईं, हरियाली लौट आई, और फसल उत्पादन बढ़ा। गाँवों का पलायन रुका और लोगों का जीवन बेहतर हुआ।
4. राजस्थान में जल-संरक्षण की परम्परागत विधियाँ क्या थीं?
उत्तर: परम्परागत विधियों में छोटे बाँध, जोहड़, और सूखे कुओं को गहराकर पुनर्जीवित करना शामिल था। बरसाती पानी को रोककर उसका सही प्रबंधन किया जाता था।
5. गोपालपुरा गाँव के जोहड़ निर्माण का क्या महत्व था?
उत्तर: गोपालपुरा में चैतरे वाला जोहड़ बनाकर जल-संरक्षण की शुरुआत हुई। इससे बारिश का पानी रुका, गाँव में पानी की समस्या हल हुई और लोग प्रेरित हुए।
6. रिमोट सेंसिंग तकनीक जल-संरक्षण में कैसे मददगार है?
उत्तर: रिमोट सेंसिंग तकनीक से धरती की आंतरिक रचना का पता चलता है, जिससे जल-संरक्षण के लिए सही स्थान चुना जा सकता है। यह तकनीक खासकर पहाड़ी इलाकों में उपयोगी है।
7. राजस्थान में जल-संरक्षण से कृषि और पशुपालन पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर: जल-संरक्षण से फसल-चक्र बदला, हरियाली लौटी, और पशुओं को पानी मिला। इससे ग्रामीण जीवन में स्थिरता आई।
8. राजेन्द्र सिंह को गाँव के बुजुर्गों से क्या सीखने को मिला?
उत्तर: गाँव के बुजुर्गों ने राजेन्द्र सिंह को “पढ़ाई से पहले पानी” की सलाह दी, जिससे वे जल-संरक्षण के महत्व को समझे और इस दिशा में काम शुरू किया।
9. जल-संरक्षण से महिलाओं और बच्चों के जीवन में क्या बदलाव आए?
उत्तर: जल-संरक्षण से महिलाओं को पानी के लिए लंबी यात्रा नहीं करनी पड़ी और वे घर-परिवार पर ध्यान देने लगीं। बच्चे पाठशाला जाने लगे।
10. राजस्थान के जल-संरक्षण प्रयासों से अन्य राज्यों को क्या प्रेरणा मिली?
उत्तर: राजस्थान के प्रयासों ने मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों को जल-संरक्षण के लिए परम्परागत और वैज्ञानिक तरीकों को अपनाने के लिए प्रेरित किया।
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