Important Question For All Chapters – हिन्दी Class 7
छोटे प्रश्न
1. इस कविता के कवि कौन हैं?
- इस कविता के कवि शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ हैं।
2. कवि ने हार को क्या कहा है?
- कवि ने हार को एक विराम कहा है।
3. कवि जीवन को किससे तुलना करते हैं?
- कवि जीवन को महासंग्राम कहते हैं।
4. कवि दया की भीख क्यों नहीं माँगना चाहते?
- क्योंकि कवि आत्मसम्मान और स्वाभिमान में विश्वास रखते हैं।
5. कवि क्या माँगने से इंकार करते हैं?
- कवि वरदान माँगने से इंकार करते हैं।
6. कवि का भय हार या जीत में कैसा है?
- कवि हार या जीत में भयभीत नहीं होते।
7. कवि किस पथ पर डटे रहने की बात करते हैं?
- कवि संघर्ष के पथ पर डटे रहने की बात करते हैं।
8. कवि किस चीज को व्यर्थ त्यागना नहीं चाहते?
- कवि अपनी हृदय की वेदना को व्यर्थ त्यागना नहीं चाहते।
9. कवि का जीवन दर्शन क्या है?
- संघर्ष करना और हार न मानना कवि का जीवन दर्शन है।
10. कवि ने अपनी कविता में किसका विरोध किया है?
- कवि ने दया, भीख और वरदान माँगने का विरोध किया है।
लंबे प्रश्न
1. कवि ने हार को विराम क्यों कहा है?
- कवि ने हार को विराम कहा है क्योंकि वे इसे अंत नहीं मानते। उनके लिए हार केवल एक रुकावट है, जिसके बाद जीवन संग्राम फिर से शुरू होता है।
2. कवि वरदान माँगने से क्यों इंकार करते हैं?
- कवि स्वाभिमान और आत्मसम्मान को महत्व देते हैं। वे किसी से वरदान माँगना अपनी आत्मनिर्भरता के खिलाफ समझते हैं।
3. ‘तिल-तिल मिटूँगा पर दया की भीख मैं लूँगा नहीं’ पंक्ति का क्या अर्थ है?
- इस पंक्ति का अर्थ है कि कवि कठिनाइयों में भी झुकना नहीं चाहते। वे आत्मसम्मान के साथ संघर्ष करते हुए अपना जीवन व्यतीत करेंगे।
4. कवि के अनुसार जीत और हार का उनके मन पर क्या प्रभाव पड़ता है?
- कवि कहते हैं कि हार या जीत से वे भयभीत नहीं होते। वे संघर्ष के पथ पर डटे रहते हैं, चाहे परिणाम जो भी हो।
5. ‘लघुता न अब मेरी छुओ’ पंक्ति का क्या अर्थ है?
- इस पंक्ति का अर्थ है कि कवि दूसरों से अपनी छोटी सोच या कमजोरी को उजागर न करने का आग्रह करते हैं।
6. कवि संघर्ष के प्रति अपना दृष्टिकोण कैसे व्यक्त करते हैं?
- कवि कहते हैं कि चाहे जितनी मुश्किलें आएं, वे संघर्ष के रास्ते से नहीं हटेंगे। वे अपने कर्तव्य पथ पर अडिग रहेंगे।
7. ‘चाहे हृदय को ताप दो’ इस पंक्ति से कवि क्या कहना चाहते हैं?
- इस पंक्ति में कवि कहते हैं कि चाहे उन्हें कितनी भी पीड़ा या सजा दी जाए, वे अपने मार्ग से पीछे नहीं हटेंगे।
8. कवि ने जीवन को ‘महासंग्राम’ क्यों कहा है?
- जीवन में आने वाली चुनौतियों और संघर्षों को कवि महासंग्राम मानते हैं, जिसमें साहस और आत्मविश्वास से लड़ना पड़ता है।
9. ‘अपने हृदय की वेदना मैं व्यर्थ त्यागूँगा नहीं’ पंक्ति का क्या अर्थ है?
- इस पंक्ति का अर्थ है कि कवि अपनी भावनाओं और दर्द को यूँ ही छोड़ने या अनदेखा करने के लिए तैयार नहीं हैं।
10. कवि ने पाठकों को क्या प्रेरणा दी है?
- कवि ने पाठकों को आत्मसम्मान, संघर्ष, और कर्तव्य पथ पर डटे रहने की प्रेरणा दी है। उन्होंने हार और दया की भीख से दूर रहने की सीख दी है।
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