Important Questions For All Chapters – हिन्दी Class 7
1. गुरु तेग बहादुर जी का जन्म कब और कहाँ हुआ?
- गुरु तेग बहादुर जी का जन्म 18 अप्रैल 1621 को अमृतसर, पंजाब में हुआ था।
2. गुरु तेग बहादुर जी के बचपन का नाम क्या था?
- उनका बचपन का नाम “त्यागमल” था।
3. गुरु तेग बहादुर नाम कैसे पड़ा?
- उनके पिता ने उनकी वीरता देखकर उनका नाम “त्यागमल” से “तेग बहादुर” रख दिया।
4. गुरु तेग बहादुर जी किसके पुत्र थे?
- वे गुरु हरगोविंद जी के पुत्र थे।
5. गुरु तेग बहादुर जी सिक्खों के कौन से गुरु थे?
- वे सिक्खों के नौवें गुरु थे।
6. गुरु जी का मन आध्यात्मिक चिंतन की ओर क्यों अग्रसर हुआ?
- युद्ध के दौरान हुए भीषण रक्तपात से उनका मन आध्यात्मिक चिंतन की ओर मुड़ गया।
7. गुरु जी ने कितने वर्षों तक बाबा बकाला में साधना की?
- उन्होंने लगभग 20 वर्षों तक साधना की।
8. गुरु जी ने किस स्थान का निर्माण करवाया?
- उन्होंने आनंदपुर साहिब का निर्माण करवाया।
9. गुरु जी ने किन क्षेत्रों में भ्रमण किया?
- उन्होंने प्रयाग, बनारस, पटना, असम आदि क्षेत्रों में भ्रमण किया।
10. गुरु तेग बहादुर जी ने समाज में क्या सिखाया?
- उन्होंने दया, प्रेम, और सहानुभूति का महत्व सिखाया।
11. गुरु जी ने अंधविश्वास और रूढ़ियों के लिए क्या किया?
- उन्होंने इनका विरोध किया और समाज में नए आदर्श स्थापित किए।
12. गुरु जी ने औरंगजेब से क्या कहा?
- उन्होंने कहा कि बलपूर्वक धर्म परिवर्तन इस्लाम के आदर्शों के विरुद्ध है।
13. गुरु तेग बहादुर जी को किस स्थान पर शहीद किया गया?
- उन्हें दिल्ली के चाँदनी चौक पर शहीद किया गया।
14. गुरु जी की शहादत की याद में कौन सा गुरुद्वारा बना?
- गुरुद्वारा शीशगंज साहिब उनकी शहादत की याद में बना।
15. गुरु जी को किस नाम से पुकारा जाता है?
- उन्हें “हिंद की चादर” और “भारत की ढाल” कहा जाता है।
16. गुरु जी ने कौन-कौन से निर्माण कार्य किए?
- उन्होंने कुएँ और धर्मशालाएँ बनवाईं।
17. गुरु जी का बलिदान किस लिए था?
- उनका बलिदान मानवता और धर्म की रक्षा के लिए था।
18. गुरु तेग बहादुर जी ने क्या संदेश दिया?
- उन्होंने कहा कि किसी को न डराना चाहिए और न ही डरना चाहिए।
19. गुरु जी ने किन सिद्धांतों की रक्षा की?
- उन्होंने धर्म, मानवीय मूल्यों और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा की।
20. गुरु जी को इतिहास में कैसे याद किया जाता है?
- उन्हें धर्म और मानवता की रक्षा के लिए प्राण त्यागने वालों में अद्वितीय माना जाता है।
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