Important Questions For All Chapters – हिन्दी Class 6
प्रश्न 1 : भरत कौन थे, और वे किसके पुत्र थे?
उत्तर: भरत हस्तिनापुर के राजा दुष्यंत (ययाति) और शकुंतला के पुत्र थे।
प्रश्न 2 : भरत को बचपन में कौन-सा साहसी कार्य करते देखा गया?
उत्तर: भरत बचपन में शेर के बच्चे के साथ खेलते थे और उनके दाँत गिनते थे।
प्रश्न 3 : ऋषि दुर्वासा ने शकुंतला को कौन-सा शाप दिया?
उत्तर: ऋषि दुर्वासा ने शकुंतला को शाप दिया कि राजा दुष्यंत उसे भूल जाएंगे।
प्रश्न 4 : राजा दुष्यंत शकुंतला को क्यों भूल गए?
उत्तर: राजा दुष्यंत ने शकुंतला को इसलिए भुला दिया क्योंकि वे ऋषि दुर्वासा के शाप के प्रभाव में थे।
प्रश्न 5 : शकुंतला ने राजा दुष्यंत को पहचान दिलाने के लिए क्या सबूत दिया था?
उत्तर: शकुंतला ने राजा दुष्यंत को उनकी दी हुई अंगूठी दिखाने की कोशिश की, लेकिन वह अंगूठी खो गई थी।
प्रश्न 6 : भरत का जन्म कहाँ हुआ था?
उत्तर: भरत का जन्म ऋषि कण्व के आश्रम में हुआ था।
प्रश्न 7 : राजा दुष्यंत ने भरत को देखकर क्या अनुभव किया?
उत्तर: राजा दुष्यंत ने भरत को शेर के बच्चे के साथ खेलते देखा और उनके साहस और तेजस्विता से प्रभावित हुए।
प्रश्न 8 : भरत ने अपने राज्य का विस्तार कहाँ तक किया?
उत्तर: भरत ने अपने राज्य का विस्तार उत्तर और मध्य भारत तक किया।
प्रश्न 9 : भरत के शासन की प्रमुख विशेषता क्या थी?
उत्तर: भरत ने अपने शासन को सुव्यवस्थित करने के लिए उसे अलग-अलग विभागों में बाँटा और समाज में न्याय और एकता स्थापित की।
प्रश्न 10 : हमारे देश का नाम ‘भारत’ किसके नाम पर रखा गया?
उत्तर: हमारे देश का नाम ‘भारत’ भरत के नाम पर रखा गया।
प्रश्न 11 : ऋषि कण्व ने शकुंतला को किसके पास भेजा?
उत्तर: ऋषि कण्व ने शकुंतला को राजा दुष्यंत के पास भेजा।
प्रश्न 12 : राजा दुष्यंत को शकुंतला की याद कब आई?
उत्तर: राजा दुष्यंत को शकुंतला की याद तब आई जब उन्हें वह अंगूठी मिली जो उन्होंने शकुंतला को दी थी।
प्रश्न 13 : भरत को उनके बचपन में किस नाम से पुकारा जाता था?
उत्तर: भरत को उनके बचपन में ‘सर्वदमन’ नाम से पुकारा जाता था।
प्रश्न 14 : चक्रवर्ती सम्राट बनने के लिए भरत ने कौन-सा यज्ञ किया?
उत्तर: भरत ने अश्वमेध यज्ञ किया और चक्रवर्ती सम्राट बने।
प्रश्न 15 : भरत ने अपने शासनकाल में कौन-कौन से सुधार किए?
उत्तर: भरत ने अपने शासन को विभागों में बाँटकर सुव्यवस्थित किया, न्याय स्थापित किया, और सामाजिक एकता को मजबूत बनाया।
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