Important Questions For All Chapters – हिन्दी Class 6
1. महाराणा प्रताप का जन्म कहाँ हुआ था और उनके पिता का नाम क्या था?
उत्तर: महाराणा प्रताप का जन्म उदयपुर में हुआ था और उनके पिता का नाम राणा उदयसिंह था।
2. महाराणा प्रताप की पत्नी ने भूख के समय क्या बनाया था?
उत्तर: महाराणा प्रताप की पत्नी ने भूख के समय घास की रोटियाँ बनाई थीं।
3. महाराणा प्रताप ने किस नीति के तहत युद्ध किया?
उत्तर: महाराणा प्रताप ने छापामार युद्ध नीति अपनाई।
4. हल्दीघाटी का युद्ध किनके बीच हुआ था?
उत्तर: हल्दीघाटी का युद्ध महाराणा प्रताप और मुगल सेना के बीच हुआ था।
5. महाराणा प्रताप के घोड़े का नाम क्या था?
उत्तर: महाराणा प्रताप के घोड़े का नाम चेतक था।
6. महाराणा प्रताप के किस मंत्री ने उन्हें धन की सहायता दी थी?
उत्तर: भामाशाह ने महाराणा प्रताप को धन की सहायता दी थी।
7. महाराणा प्रताप का सबसे बड़ा संकल्प क्या था?
उत्तर: उनका संकल्प था कि जब तक वे चित्तौड़ वापस नहीं जीतेंगे, तब तक महल में नहीं सोएंगे और पत्तल पर ही भोजन करेंगे।
8. महाराणा प्रताप ने किन-किन कठिनाइयों का सामना किया?
उत्तर: उन्होंने जंगलों में परिवार सहित भटकना, घास की रोटियाँ खाना, और संसाधनों की कमी जैसे कष्टों का सामना किया।
9. महाराणा प्रताप का जीवन हमें क्या प्रेरणा देता है?
उत्तर: उनका जीवन स्वतंत्रता, स्वाभिमान और साहस की प्रेरणा देता है।
10. हल्दीघाटी युद्ध में सरदार झाला ने क्या किया?
उत्तर: सरदार झाला ने महाराणा को बचाने के लिए अपना बलिदान दिया और दुश्मनों का ध्यान अपनी ओर खींचा।
11. महाराणा प्रताप को किन गुणों के लिए याद किया जाता है?
उत्तर: उन्हें साहस, बलिदान, स्वाभिमान और स्वतंत्रता प्रेम के लिए याद किया जाता है।
12. महाराणा प्रताप ने मुगलों के विरुद्ध कितने वर्षों तक संघर्ष किया?
उत्तर: महाराणा प्रताप ने 20 वर्षों से अधिक समय तक मुगलों से संघर्ष किया।
13. महाराणा प्रताप ने अपने जीवनकाल में किन क्षेत्रों को पुनः प्राप्त किया?
उत्तर: उन्होंने चित्तौड़ को छोड़कर मेवाड़ के अधिकांश क्षेत्रों को पुनः प्राप्त किया।
14. महाराणा प्रताप ने अपने अनुज शक्तिसिंह को कब क्षमा किया?
उत्तर: शक्तिसिंह ने युद्ध के समय मदद की, तब महाराणा प्रताप ने उन्हें क्षमा किया।
15. महाराणा प्रताप के साहस के बारे में अंग्रेज इतिहासकार टॉड ने क्या लिखा?
उत्तर: उन्होंने लिखा, “अरावली की कोई भी घाटी ऐसी नहीं है जो महाराणा प्रताप के पवित्र कार्यों से पवित्र न हुई हो।”
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