प्रश्न 1 : कवि ने मानवता के लिए ईश्वर से किस प्रकार की प्रार्थना की है?
उत्तर : कवि ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि वे उसे ऐसा बनाएँ जो संसार के लोगों की भलाई और मानव के हित के लिए समर्पित हो।
प्रश्न 2 : ‘चर महान’ का क्या अर्थ है?
उत्तर : ‘चर महान’ का अर्थ है सदा महान।
प्रश्न 3 : कवि ने ‘भय, संशय, अभ’ को क्यों छोड़ने की बात की है?
उत्तर : कवि ने भय, संशय, और अभ को छोड़ने की बात इसलिए की है ताकि मनुष्य का जीवन शांतिपूर्ण और सकारात्मक बन सके।
प्रश्न 4 : ‘मानव के हित समान’ का क्या अर्थ है?
उत्तर : इसका अर्थ है जो समान रूप से सभी मनुष्यों के हित के लिए कार्य करे।
प्रश्न 5 : कवि ने किस प्रकार के जीवन के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है?
उत्तर : कवि ने ऐसा जीवन माँगा है जो सौंदर्यपूर्ण, शांति से भरा और दूसरों के कल्याण के लिए उपयोगी हो।
प्रश्न 6 : कवि का जन्म और निधन कब हुआ?
उत्तर : कवि सुमित्रानंदन पंत का जन्म सन् 1900 में कौसानी ग्राम में हुआ और उनका निधन 28 दिसंबर, 1977 को हुआ।
प्रश्न 7 : कवि के अनुसार, संसार के कल्याण के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर : कवि के अनुसार, संसार के कल्याण के लिए भय, संशय, और अहंकार से मुक्त होकर परोपकार और मानवता की भावना से कार्य करना आवश्यक है।
प्रश्न 8 : ‘चर’ शब्द का अर्थ और उसका उपयोग बताइए।
उत्तर : ‘चर’ शब्द का अर्थ है ‘सदैव’। इसका उपयोग विशेषण के रूप में हुआ है, जैसे – चर नवीन, चर अमर।
प्रश्न 9 : सुमित्रानंदन पंत को कौन-कौन से प्रमुख पुरस्कार मिले?
उत्तर : सुमित्रानंदन पंत को उनकी काव्य रचना ‘चिदंबरा’ के लिए सन् 1968 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
प्रश्न 10 : कवि ने मानव जीवन का ‘प्रभात’ लाने की बात क्यों कही है?
उत्तर : कवि ने मानव जीवन का प्रभात लाने की बात इसलिए कही है ताकि जीवन में नई ऊर्जा, शांति, और सौंदर्य का संचार हो सके।
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