MCQ Chapter 2 Class 12 Sahityik Hindi Gadya UP Board यूपी बोर्ड भाग्य और पुरुषार्थ 1. जैनेन्द्र जी ने पुरुषार्थ को किससे जोड़ा है?भाग्य की दिशाअहंकार की वृद्धिकर्म और भाग्य का तालमेलकेवल परिश्रमQuestion 1 of 202. 'भाग्य' के उदय को जैनेन्द्र जी ने किससे तुलना की है?चंद्र उदय सेसूर्योदय सेग्रहण सेझरने सेQuestion 2 of 203. जैनेन्द्र जी के विचारों के अनुसार, भाग्यवादी बनने का क्या परिणाम होता है?सफलता मिलती हैपुरुषार्थ क्षीण होता हैभाग्य बदल जाता हैविचारशीलता बढ़ती हैQuestion 3 of 204. जैनेन्द्र जी ने दुःख को किस औषधि से तुलना की है?चमत्कारी औषधिभगवान का अमृतजीवन का कष्टपुरुषार्थ का आधारQuestion 4 of 205. जैनेन्द्र जी के अनुसार पुरुषार्थ का अर्थ क्या है?केवल मेहनतसहयोग और आत्मविसर्जनबल-प्रदर्शनकेवल सफलता प्राप्त करनाQuestion 5 of 206. जैनेन्द्र जी ने अपने निबंध में 'अकर्म' को कैसे परिभाषित किया है?कर्म का अभावकर्त्तव्य का क्षयनिष्क्रियताआलस्यQuestion 6 of 207. 'भाग्य' के प्रति सही दृष्टिकोण के लिए जैनेन्द्र जी ने क्या सुझाया है?ईश्वर से प्रार्थना करनाभाग्य की ओर रुख करनापुरुषार्थ का त्यागभाग्य को छोड़नाQuestion 7 of 208. जैनेन्द्र जी ने 'पुरुषार्थ' को किस भावना से जोड़ा है?अहंकारवासनासहयोग और स्नेहकेवल परिश्रमQuestion 8 of 209. जैनेन्द्र जी ने 'भाग्य और पुरुषार्थ' निबंध में किस बात पर बल दिया है?केवल पुरुषार्थ परकेवल भाग्य परदोनों के समन्वय परदोनों के विरोध परQuestion 9 of 2010. जैनेन्द्र जी के अनुसार, सही पुरुषार्थ का क्या उद्देश्य है?केवल सफलताआत्मा की मुक्तिभाग्य के साथ सहयोगकठिन परिश्रमQuestion 10 of 2011. जैनेन्द्र जी ने भाग्यवादी दृष्टिकोण को किस प्रकार नकारा है?इसे प्रगति में बाधा बतायाइसे आवश्यक मानाइसे पुरुषार्थ का हिस्सा बतायाइसे सुधारात्मक बतायाQuestion 11 of 2012. जैनेन्द्र जी की भाषा-शैली में प्रमुख विशेषता क्या है?सरलताप्रश्नात्मकतादर्शन और मनोविज्ञान का समावेशउपरोक्त सभीQuestion 12 of 2013. जैनेन्द्र जी ने 'पुरुष' को किससे जोड़ा है?भाग्य सेपशु सेसमाज सेधर्म सेQuestion 13 of 2014. जैनेन्द्र जी ने भाग्य को किस तरह के तत्व के रूप में माना है?स्वतंत्रसंलग्नविरोधीनिष्क्रियQuestion 14 of 2015. 'भाग्य' के प्रति सही दृष्टिकोण को जैनेन्द्र जी ने क्या कहा है?इसे स्वीकार करनाइसे चुनौती देनाइसे त्याग देनाइसे समझनाQuestion 15 of 2016. जैनेन्द्र जी के अनुसार दुःख में कौन सी अवस्था प्राप्त होती है?धन्यतामोहशून्यतासंतोषQuestion 16 of 2017. 'पुरुषार्थ और भाग्य' का संबंध कैसा है?विरोधीसमानपूरकप्रतिस्पर्धीQuestion 17 of 2018. जैनेन्द्र जी ने पुरुषार्थ को किसके लिए आवश्यक माना है?अहंकार की वृद्धिजीवन के उद्देश्य की प्राप्तिकेवल सफलता के लिएकेवल सामाजिक प्रतिष्ठा के लिएQuestion 18 of 2019. 'भाग्य' को जैनेन्द्र जी ने क्या कहा है?अमान्यसत्यकल्पनामूर्खताQuestion 19 of 2020. जैनेन्द्र जी के अनुसार, "सूर्य" का उदय क्या है?पृथ्वी का घूमनासूर्य का चमकनारात का अंतप्रकृति का नियमQuestion 20 of 20 Loading...
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