Important Questions For All Chapters – हिंदी Class 10
लघु प्रश्न
1. सुभद्राकुमारी चौहान का जन्म कब और कहाँ हुआ?
उत्तर: उनका जन्म 16 अगस्त 1904 को निहालपुर, प्रयागराज में हुआ।
2. सुभद्राजी की प्रमुख रचनाएँ कौन-कौन सी हैं?
उत्तर: ‘मुकुल,’ ‘त्रिधारा,’ ‘बिखरे मोती,’ और ‘उन्मादिनी।’
3. सुभद्राजी के काव्य का मुख्य स्वर क्या है?
उत्तर: उनके काव्य का मुख्य स्वर वीर और वात्सल्य रस है।
4. सुभद्राजी ने किन आंदोलनों में भाग लिया?
उत्तर: उन्होंने असहयोग आंदोलन और स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया।
5. सुभद्राजी की भाषा शैली की विशेषता क्या है?
उत्तर: उनकी भाषा सरल, स्पष्ट, और ओजस्वी खड़ीबोली थी।
6. ‘झाँसी की रानी की समाधि पर’ कविता में किसकी प्रशंसा की गई है?
उत्तर: झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की।
7. कवयित्री ने झाँसी की रानी को किन विशेषणों से अलंकृत किया है?
उत्तर: वीर, मरदानी, और आहुति-सी।
8. रानी की समाधि को कवयित्री ने क्यों अधिक प्रिय बताया है?
उत्तर: क्योंकि इसमें स्वतंत्रता की आशा की चिनगारी निहित है।
9. कविता में रानी के बलिदान को किससे तुलना की गई है?
उत्तर: यज्ञ की आहुति और ज्वाला से।
10. रानी की समाधि के बारे में कवयित्री का क्या दृष्टिकोण है?
उत्तर: यह स्वतंत्रता संग्राम का पवित्र प्रतीक है।
11. ‘झाँसी की रानी’ कविता में कौन-कौन से अलंकार हैं?
उत्तर: उपमा और श्लेष अलंकार।
12. कवयित्री ने झाँसी की रानी के बलिदान को कैसे चित्रित किया है?
उत्तर: इसे स्वर्ण से अधिक मूल्यवान बताया है।
13. झाँसी की रानी की समाधि पर कवयित्री का क्या संदेश है?
उत्तर: बलिदान से राष्ट्र का गौरव बढ़ता है।
14. कवयित्री ने झाँसी की रानी की विजय माला को किससे तुलना की है?
उत्तर: भग्न विजय माला-सी।
15. ‘झाँसी की रानी की समाधि पर’ कविता का मुख्य संदेश क्या है?
उत्तर: स्वतंत्रता के लिए आत्मोत्सर्ग की प्रेरणा।
दीर्घ प्रश्न
1. सुभद्राकुमारी चौहान का साहित्यिक योगदान क्या है?
उत्तर: सुभद्राकुमारी चौहान ने स्वतंत्रता संग्राम में कविता के माध्यम से योगदान दिया। उनकी कविताएँ राष्ट्रीयता, वीरता, और वात्सल्य रस से ओत-प्रोत हैं। ‘झाँसी की रानी’ और ‘वीरों का कैसा हो वसंत’ उनकी प्रसिद्ध कविताएँ हैं।
2. ‘झाँसी की रानी की समाधि पर’ कविता का केन्द्रीय भाव क्या है?
उत्तर: कविता का केन्द्रीय भाव झाँसी की रानी के बलिदान का गुणगान है। कवयित्री ने रानी की समाधि को स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक बताया। यह कविता बलिदान और देशभक्ति की प्रेरणा देती है।
3. सुभद्राजी की भाषा-शैली की विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर: उनकी भाषा सरल, प्रवाहपूर्ण, और खड़ीबोली में है। कवयित्री ने नारी-सुलभ ममता और वीरता को सजीव रूप में प्रस्तुत किया। उनकी शैली में ओज और भावात्मकता प्रमुख हैं।
4. कवयित्री ने झाँसी की रानी के बलिदान को कैसे चित्रित किया है?
उत्तर: रानी के बलिदान को यज्ञ की आहुति और स्वर्ण भस्म से तुलना की गई है। यह बलिदान देश के लिए सबसे पवित्र और मूल्यवान बताया गया है। कविता में यह प्रेरणा और श्रद्धा का प्रतीक है।
5. ‘झाँसी की रानी की समाधि पर’ कविता में कौन-कौन से अलंकार हैं?
उत्तर: कविता में उपमा और श्लेष अलंकार हैं। उदाहरण: “आहुति-सी गिर चढ़ी चिता पर” और “भग्न विजय माला-सी।” ये अलंकार कविता के सौंदर्य को बढ़ाते हैं।
6. झाँसी की रानी की समाधि को कवयित्री ने क्यों अधिक प्रिय बताया है?
उत्तर: समाधि में स्वतंत्रता की आशा की चिनगारी और बलिदान की गाथा छिपी है। यह समाधि प्रेरणा और सम्मान का प्रतीक है। रानी से अधिक यह समाधि देशभक्ति का प्रतीक है।
7. सुभद्राकुमारी चौहान की कविताओं में राष्ट्रीयता का क्या महत्व है?
उत्तर: उनकी कविताएँ स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लोगों में जोश और उत्साह भरती थीं। राष्ट्रीयता, त्याग, और बलिदान उनकी कविताओं के मूल तत्व हैं। ‘झाँसी की रानी’ जैसी कविताएँ युवाओं को प्रेरित करती हैं।
8. ‘झाँसी की रानी की समाधि पर’ कविता में बलिदान को कैसे महत्व दिया गया है?
उत्तर: बलिदान को यज्ञ की आहुति और राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिए अनिवार्य बताया गया है। रानी के बलिदान ने स्वतंत्रता संग्राम को नई ऊर्जा दी। यह कविता बलिदान को सर्वोच्च कर्तव्य मानती है।
9. सुभद्राकुमारी चौहान की कविताओं में वीर रस का क्या योगदान है?
उत्तर: वीर रस उनकी कविताओं का मुख्य रस है, जो जोश और साहस भरता है। ‘झाँसी की रानी’ में वीर रस का ओजस्वी प्रयोग स्वतंत्रता संग्राम की महत्ता दर्शाता है। उनकी कविताएँ बलिदान की प्रेरणा देती हैं।
10. ‘झाँसी की रानी की समाधि पर’ कविता का संदेश क्या है?
उत्तर: कविता बलिदान, स्वतंत्रता के प्रति निष्ठा, और देशभक्ति का संदेश देती है। कवयित्री ने बलिदान को राष्ट्र का सबसे पवित्र कर्तव्य बताया है। यह कविता स्वतंत्रता संग्राम के महत्व को रेखांकित करती है।
11. कवयित्री ने झाँसी की रानी को किन विशेषणों से अलंकृत किया है?
उत्तर: रानी को ‘वीर बाला,’ ‘मरदानी,’ और ‘आहुति-सी’ जैसे विशेषणों से अलंकृत किया है। ये विशेषण रानी की वीरता और बलिदान को दर्शाते हैं। कविता में ये विशेषण राष्ट्रीय गौरव को बढ़ाते हैं।
12. झाँसी की रानी की समाधि का कवयित्री के दृष्टिकोण से महत्व क्या है?
उत्तर: समाधि स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक है, जो आशा और बलिदान का संदेश देती है। इसमें रानी का यश और राष्ट्र के प्रति उनका समर्पण निहित है। यह समाधि देशभक्ति और प्रेरणा का स्रोत है।
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