Important Questions For All Chapters – हिंदी Class 10
लघु प्रश्न
1. महादेवी वर्मा का जन्म कब और कहाँ हुआ?
उत्तर: 24 मार्च 1907 को फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश में।
2. महादेवी वर्मा को किस उपाधि से जाना जाता है?
उत्तर: उन्हें “आधुनिक मीरा” कहा जाता है।
3. महादेवी वर्मा ने किस पत्रिका का संपादन किया?
उत्तर: उन्होंने “चाँद” पत्रिका का संपादन किया।
4. महादेवी वर्मा को कौन-कौन से पुरस्कार मिले?
उत्तर: ज्ञानपीठ, भारत भारती और पद्मभूषण।
5. महादेवी वर्मा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कहाँ प्राप्त की?
उत्तर: उन्होंने प्रयाग विश्वविद्यालय से संस्कृत में एम.ए. किया।
6. महादेवी वर्मा का साहित्यिक योगदान किस क्षेत्र में अधिक है?
उत्तर: काव्य और गद्य दोनों में।
7. महादेवी वर्मा की मृत्यु कब हुई?
उत्तर: 11 सितंबर 1987 को।
8. ‘हिमालय’ कविता में कवयित्री हिमालय को क्या कहती हैं?
उत्तर: वह उसे “चिर महान” कहती हैं।
9. ‘हिमालय’ कविता का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: प्रकृति के प्रति मानव का दृष्टिकोण बदलना।
10. ‘हिमालय से’ कविता में हिमालय का कौन सा गुण वर्णित है?
उत्तर: वह सुख और दुःख में समान रहता है।
11. ‘वर्षा सुंदरी’ कविता में कवयित्री वर्षा को किससे उपमित करती हैं?
उत्तर: सजल अंग और मलयज बयार से।
12. ‘रूपसि तेरा घन-केश पाश’ का क्या अर्थ है?
उत्तर: यह वर्षा के घने बादलों की सुंदरता दर्शाता है।
13. कवयित्री ने “घन-केश” में कौन सा अलंकार प्रयोग किया है?
उत्तर: रूपक अलंकार।
14. ‘जगती जगती की मूक प्यास’ पंक्ति में कौन सा अलंकार है?
उत्तर: यमक अलंकार।
15. ‘हिमालय’ कविता में “शीश नभ में गर्वित” का क्या अर्थ है?
उत्तर: हिमालय का गर्व से ऊँचा खड़ा होना।
16. कवयित्री ने “वर्षा” को कौन-कौन से विशेषण दिए हैं?
उत्तर: सद्यस्नात, सुरभित, शीतल।
17. “हिमालय” और “वर्षा” कविताओं का मुख्य स्वर क्या है?
उत्तर: प्रकृति के सौंदर्य और उसके महत्व का वर्णन।
18. महादेवी वर्मा की भाषा शैली कैसी थी?
उत्तर: चित्रमय, कोमल, और संस्कृतनिष्ठ।
दीर्घ प्रश्न
1. महादेवी वर्मा का साहित्यिक परिचय दीजिए।
उत्तर: महादेवी वर्मा छायावाद युग की प्रमुख कवयित्री थीं। उनकी भाषा कोमल, चित्रमय और संवेदनशील है। उन्होंने “नीहार,” “यामा,” और “दीपशिखा” जैसी कृतियाँ लिखीं और नारी स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया।
2. ‘हिमालय से’ कविता का सारांश लिखिए।
उत्तर: कविता में हिमालय को महान और अडिग शक्ति का प्रतीक माना गया है। कवयित्री ने हिमालय के धैर्य, त्याग, और करुणा की प्रशंसा की है। यह मानव को दृढ़ता और सहनशीलता की प्रेरणा देता है।
3. ‘वर्षा सुंदरी’ कविता में वर्षा का सौंदर्य कैसे चित्रित किया गया है?
उत्तर: कवयित्री ने वर्षा को “सद्यस्नात,” “सुरभित,” और “मलयज बयार” से अलंकृत किया है। उन्होंने इसे प्रकृति के सौंदर्य का प्रतीक माना है। यह कविता वर्षा के मधुर प्रभाव और उसकी ऊर्जा को व्यक्त करती है।
4. महादेवी वर्मा की भाषा की विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर: उनकी भाषा मधुर, चित्रात्मक और संस्कृतनिष्ठ खड़ीबोली है। उन्होंने कोमल और संवेदनशील भावनाओं को व्यक्त करने के लिए सांकेतिकता और प्रतीकों का प्रयोग किया। उनकी भाषा में संगीतात्मकता और प्रवाह है।
5. ‘हिमालय’ कविता में हिमालय के कौन-कौन से गुण दर्शाए गए हैं?
उत्तर: कविता में हिमालय को धैर्य, त्याग, और करुणा का प्रतीक बताया गया है। वह सुख-दुःख में समान रहता है और पूरे विश्व को प्रेरणा देता है। कवयित्री ने इसे प्रकृति का महान संरक्षक माना है।
6. ‘वर्षा सुंदरी’ में “बक-पाँतों का अरविंद हार” का क्या अर्थ है?
उत्तर: इसका अर्थ है बगुलों की पंक्ति को कमल के हार से उपमित करना। यह वर्षा के वातावरण को चित्रमय और सुंदर बनाता है। कवयित्री ने प्रकृति के सौंदर्य को बिंब के माध्यम से व्यक्त किया है।
7. महादेवी वर्मा को “आधुनिक मीरा” क्यों कहा जाता है?
उत्तर: महादेवी वर्मा के काव्य में करुणा और वेदना की प्रधानता है। उनके गीतों में ईश्वर के प्रति गहन प्रेम और आत्मसमर्पण व्यक्त हुआ है। उनके भक्ति और भावना ने उन्हें “आधुनिक मीरा” बना दिया।
8. ‘हिमालय से’ कविता का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: यह कविता मानव को प्रकृति से प्रेरणा लेने की सीख देती है। कवयित्री ने हिमालय को धैर्य और सहनशीलता का प्रतीक माना है। यह कविता मनुष्य को धीर और स्थिर रहने की प्रेरणा देती है।
9. ‘वर्षा सुंदरी’ कविता में कवयित्री ने किस अलंकार का प्रयोग किया है?
उत्तर: कविता में रूपक, उपमा, और यमक अलंकार का सुंदर उपयोग हुआ है। “घन-केश” और “बक-पाँतों का अरविंद हार” इसके प्रमुख उदाहरण हैं। अलंकारों ने कविता को अधिक प्रभावशाली बनाया है।
10. ‘हिमालय’ कविता के आधार पर हिमालय के व्यक्तित्व का वर्णन कीजिए।
उत्तर: हिमालय को कवयित्री ने गर्व, धैर्य और करुणा का प्रतीक बताया है। वह अटल और स्थिर है, लेकिन उसकी करुणा सभी के लिए समान है। हिमालय प्रकृति की शक्ति और सौंदर्य का प्रतीक है।
11. महादेवी वर्मा ने “वर्षा” को किस रूप में देखा है?
उत्तर: उन्होंने वर्षा को ऊर्जा, सौंदर्य, और सजीवता का प्रतीक माना है। वह इसे बादलों, झरनों और बयार के माध्यम से व्यक्त करती हैं। वर्षा जीवन का पुनर्निर्माण करती है।
12. ‘हिमालय’ कविता से आपको क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर: कविता हमें धैर्य, सहनशीलता, और स्थिरता की प्रेरणा देती है। हिमालय की भांति हमें अपने कर्तव्यों में अडिग और करुणामय होना चाहिए। यह प्रकृति के साथ सामंजस्य की सीख भी देती है।
13. ‘जगती जगती की मूक प्यास’ पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: इस पंक्ति में कवयित्री ने संसार की इच्छाओं और प्यास को व्यक्त किया है। यह मानवीय जरूरतों और उनकी पूर्णता की प्रतीक है। यहाँ यमक अलंकार का सुंदर उपयोग हुआ है।
14. महादेवी वर्मा के साहित्यिक योगदान का वर्णन कीजिए।
उत्तर: महादेवी वर्मा ने छायावादी काव्य में करुणा और भावना की अभिव्यक्ति दी। उन्होंने नारी स्वतंत्रता पर लेखन किया और गद्य-लेखन में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी रचनाएँ “नीरजा,” “यामा,” और “दीपशिखा” प्रसिद्ध हैं।
15. ‘वर्षा सुंदरी’ कविता का मूल भाव क्या है?
उत्तर: कविता प्रकृति के सौंदर्य और वर्षा के प्रभाव को चित्रित करती है। इसमें वर्षा को पृथ्वी के नवजीवन और उर्वरता का प्रतीक बताया गया है। कवयित्री ने वर्षा की कोमलता और ऊर्जा का सुंदर वर्णन किया है।
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