Important Questions For All Chapters – हिंदी Class 10
लघु प्रश्न
1. बिहारीलाल का जन्म कब और कहाँ हुआ?
उत्तर: 1603 ई. में बसुआ गोविंदपुर, ग्वालियर में हुआ।
2. बिहारीलाल के पिता का नाम क्या था?
उत्तर: उनके पिता का नाम पंडित केशवराय चौबे था।
3. बिहारीलाल की प्रमुख कृति कौन सी है?
उत्तर: उनकी प्रमुख कृति “बिहारी सतसई” है।
4. बिहारी सतसई में कुल कितने दोहे हैं?
उत्तर: इसमें कुल 719 दोहे शामिल हैं।
5. बिहारीलाल की भाषा कौन सी थी?
उत्तर: उन्होंने ब्रज भाषा का उपयोग किया।
6. बिहारीलाल की शैली का क्या नाम है?
उत्तर: उनकी शैली मुक्तक शैली है।
7. बिहारी सतसई के विषय कौन-कौन से हैं?
उत्तर: भक्ति, नीति, ऋतु और श्रृंगार इसके विषय हैं।
8. बिहारीलाल किस काल के कवि थे?
उत्तर: वे रीतिकाल के प्रमुख कवि थे।
9. बिहारीलाल किस राजा के आश्रित कवि थे?
उत्तर: वे जयपुर के मिर्जा राजा जयसिंह के आश्रित थे।
10. बिहारी सतसई में कौन-कौन से रस पाए जाते हैं?
उत्तर: श्रृंगार, भक्ति, और नीति रस मुख्य हैं।
11. बिहारी सतसई को “गागर में सागर” क्यों कहा गया?
उत्तर: इसके दोहे छोटे होते हुए भी गहन अर्थ रखते हैं।
12. बिहारीलाल ने अपने काव्य में किस छंद का उपयोग किया?
उत्तर: उन्होंने दोहा छंद का प्रयोग किया।
13. बिहारीलाल का निधन कब हुआ?
उत्तर: 1663 ई. में उनका निधन हुआ।
14. बिहारी सतसई का सबसे प्रमुख रस कौन सा है?
उत्तर: इसमें श्रृंगार रस की प्रधानता है।
15. बिहारीलाल ने अपनी कविता में कौन से अलंकारों का प्रयोग किया?
उत्तर: अनुप्रास, रूपक और विरोधाभास का प्रयोग किया।
16. बिहारीलाल ने किस राजा को एक दोहे से प्रभावित किया?
उत्तर: उन्होंने राजा जयसिंह को कर्तव्यपरायण बनाया।
17. बिहारी सतसई के दोहे किस छंद के अंतर्गत आते हैं?
उत्तर: वे मुक्तक छंद के अंतर्गत आते हैं।
18. “जौ चाहत, चटक न घटै” में कवि ने किस गुण को सराहा?
उत्तर: कवि ने प्रेम की स्थिरता को सराहा।
19. बिहारी सतसई में प्रेम का कौन सा रूप दिखाया गया?
उत्तर: इसमें लौकिक और अलौकिक दोनों प्रेम दिखाए गए।
20. बिहारीलाल के दोहे का कौन सा गुण प्रसिद्ध है?
उत्तर: छोटे आकार में गहन अर्थ व्यक्त करना।
दीर्घ प्रश्न
1. बिहारी सतसई को “गागर में सागर” क्यों कहा गया है?
उत्तर: बिहारी सतसई के दोहे छोटे होते हुए भी गहन अर्थ रखते हैं। इन दोहों में भक्ति, श्रृंगार, और नीति के उच्च विचार समाहित हैं। हर दोहा पाठक के हृदय पर गहरी छाप छोड़ता है।
2. बिहारीलाल की भाषा की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर: बिहारीलाल ने ब्रज भाषा का प्रयोग किया, जो मधुर और परिमार्जित है। उनकी भाषा में अनुप्रास और विरोधाभास जैसे अलंकारों का सुंदर उपयोग हुआ है। उनकी भाषा सहज, प्रवाहमय और भावपूर्ण है।
3. बिहारी सतसई में श्रृंगार रस का वर्णन कीजिए।
उत्तर: श्रृंगार रस में बिहारी ने प्रेम, विरह, और मिलन के भावों को अभिव्यक्त किया है। उन्होंने कृष्ण-राधा के प्रेम और प्राकृतिक सौंदर्य का मनोहारी चित्रण किया है। उनके दोहे श्रृंगार रस के उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
4. बिहारीलाल ने “जप, माला, छापा, तिलक” पंक्ति में क्या संदेश दिया है?
उत्तर: इस पंक्ति में कवि ने भक्ति के बाहरी स्वरूप को व्यर्थ बताया है। उन्होंने सच्चे मन और प्रेम से भक्ति करने की प्रेरणा दी है। यह दोहा आडंबरहीन भक्ति का संदेश देता है।
5. बिहारीलाल ने अपने काव्य में कौन-कौन से अलंकारों का प्रयोग किया है?
उत्तर: बिहारीलाल ने अनुप्रास, रूपक, विरोधाभास, और उपमा अलंकार का सुंदर प्रयोग किया। उनके अलंकार उनकी भाषा में सौंदर्य और गहराई लाते हैं। इन अलंकारों से उनके दोहे और भी प्रभावशाली बनते हैं।
6. “श्याम रंग में डूबने से चित्त उज्ज्वल हो जाता है” विरोधाभास का वर्णन करें।
उत्तर: इस दोहे में कवि ने कहा है कि श्याम रंग में डूबने पर चित्त उज्ज्वल हो जाता है। यह प्रेम की गहराई को दिखाता है, जिसमें डूबने पर मन शुद्ध और निर्मल हो जाता है। यह विरोधाभास अलंकार का उत्कृष्ट उदाहरण है।
7. बिहारीलाल की नीति संबंधी काव्य विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर: बिहारी के नीति संबंधी दोहे समाज को नैतिकता और व्यवहारिक ज्ञान का संदेश देते हैं। उनके दोहों में व्यंग्य के साथ सत्य का सुंदर चित्रण है। नीति के माध्यम से उन्होंने जीवन को सुधारने का प्रयास किया।
8. बिहारीलाल ने प्रेम और प्रकृति का वर्णन कैसे किया है?
उत्तर: बिहारी ने प्रेम के विभिन्न रूपों और प्रकृति के सौंदर्य को अपने दोहों में चित्रित किया। राधा-कृष्ण का प्रेम और ऋतुओं का वर्णन उनके काव्य का हिस्सा है। उनके काव्य में प्रेम और प्रकृति का संतुलन दिखता है।
9. बिहारी सतसई में “हरित बाँस की बाँसुरी” का वर्णन कीजिए।
उत्तर: इस दोहे में कवि ने बाँसुरी को इंद्रधनुष की तरह रंग-बिरंगी बताया है। यह कृष्ण की बंसी और उसके आसपास के सौंदर्य को दर्शाता है। यह कृष्ण-भक्ति और उनकी लीला के प्रति कवि की प्रेम भावना को प्रकट करता है।
10. बिहारी ने अपने काव्य में नीति और श्रृंगार को कैसे जोड़ा है?
उत्तर: बिहारी ने नीति और श्रृंगार रस को अपने काव्य में कुशलता से जोड़ा है। उन्होंने प्रेम के साथ जीवन के व्यवहारिक पहलुओं को प्रस्तुत किया है। यह उनकी साहित्यिक गहराई और समर्पण को दर्शाता है।
11. बिहारी सतसई के एक दोहे में भक्ति का उदाहरण दीजिए।
उत्तर: “जप, माला, छापा, तिलक, सरै न एकौ काम।
मन काँचै नाचे वृथा, साँचे राँचै राम।।”
इस दोहे में बिहारी ने सच्ची भक्ति के महत्व को उजागर किया है और आडंबरों की निंदा की है।
12. “बिहारी सतसई” को लोकप्रिय बनाने वाले प्रमुख कारण क्या हैं?
उत्तर: “बिहारी सतसई” में छोटे छंदों के माध्यम से गहन अर्थ व्यक्त किया गया है। इसमें भक्ति, नीति, और श्रृंगार के सुंदर उदाहरण मिलते हैं। इसकी भाषा, अलंकार, और शैली ने इसे अमर बना दिया।
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