Important Questions For All Chapters – हिंदी Class 10
लघु प्रश्न
1. रसखान का वास्तविक नाम क्या था?
उत्तर: रसखान का वास्तविक नाम सैयद इब्राहीम था।
2. रसखान का जन्म कब और कहाँ हुआ?
उत्तर: 1533 ई. में दिल्ली में इनका जन्म हुआ।
3. रसखान किस भक्ति शाखा से संबंधित थे?
उत्तर: वे कृष्ण-भक्ति की सगुण शाखा से संबंधित थे।
4. रसखान के गुरु का नाम क्या था?
उत्तर: उनके गुरु का नाम गुसाईं विट्ठलनाथ था।
5. रसखान की भाषा कौन सी थी?
उत्तर: उन्होंने ब्रज भाषा में काव्य रचना की।
6. रसखान की मृत्यु कब हुई?
उत्तर: 1618 ई. के आसपास इनकी मृत्यु हुई।
7. रसखान की प्रमुख रचनाओं के नाम बताएँ।
उत्तर: ‘प्रेमवाटिका’, ‘सुजान रसखान’, ‘अष्टयाम’।
8. रसखान की काव्य शैली कैसी थी?
उत्तर: इनकी शैली सरल, प्रभावी और मुक्तक थी।
9. रसखान का उपनाम क्यों पड़ा?
उत्तर: उनकी रचनाओं में रस की गहराई थी।
10. ‘प्रेमवाटिका’ में किस छंद का प्रयोग हुआ है?
उत्तर: ‘प्रेमवाटिका’ दोहा छंद में लिखी गई है।
11. रसखान के काव्य में कौन-कौन से भाव हैं?
उत्तर: भक्ति और शृंगार के भाव प्रमुख हैं।
12. ‘सुजान रसखान’ में कुल कितने छंद हैं?
उत्तर: इसमें कुल 139 छंद शामिल हैं।
13. रसखान किस वस्तु के प्रति प्रेम-भाव रखते थे?
उत्तर: कृष्ण और ब्रज की भूमि के प्रति।
14. रसखान ने किस छंद शैली को पुनर्जीवित किया?
उत्तर: उन्होंने सवैया और कवित्त शैली को।
15. रसखान ने किस काल में काव्य रचना की?
उत्तर: भक्तिकाल में उनकी रचनाएँ लिखी गईं।
16. रसखान को ‘काग भाग्य’ का क्या अर्थ समझ आया?
उत्तर: कौआ भाग्यशाली है, माखन रोटी खाई।
17. रसखान किस ब्रज-भूमि से प्रेरित थे?
उत्तर: कालिंदी तट और कदंब की डाल से।
18. रसखान ने मुरली को क्या माना है?
उत्तर: गोपियों ने मुरली को अपनी सौतन माना।
19. रसखान की भाषा में कौन सा गुण अधिक है?
उत्तर: उनकी भाषा में प्रसाद गुण अधिक है।
20. रसखान के काव्य का मुख्य विषय क्या है?
उत्तर: कृष्ण की बाल लीलाएँ और रूप-सौंदर्य।
दीर्घ प्रश्न
1. रसखान ने मनुष्य, पशु, पक्षी और पत्थर के रूप में कौन-कौन सी इच्छाएँ व्यक्त की हैं?
उत्तर: रसखान ने मनुष्य रूप में ब्रज में रहने, पशु रूप में नंद की गायों के झुंड में रहने, पक्षी रूप में यमुना के किनारे कदंब की डाल पर बसेरा करने और पत्थर रूप में गोवर्धन पर्वत का हिस्सा बनने की इच्छाएँ व्यक्त की हैं।
2. ‘मोर-पखा सिर ऊपर राखिहौं’ कविता में गोपी का स्वभाव कैसे प्रकट होता है?
उत्तर: इस कविता में गोपी का स्वभाव कृष्ण के प्रति समर्पण और प्रेम को दर्शाता है। वह कहती है कि मुरलीधर के प्रिय वस्त्र, गहने और गोधन संग घूमने का स्वांग करेगी लेकिन मुरली को अपने अधरों पर नहीं लगाएगी।
3. कृष्ण के प्रति गोपियों की भावनाएँ किन-किन रूपों में व्यक्त हुई हैं?
उत्तर: गोपियों की भावनाएँ प्रेम, जलन, और समर्पण के रूप में प्रकट हुई हैं। वे मुरली को अपनी सौत मानती हैं और कृष्ण के प्रति उनकी आत्मीयता हर पंक्ति में झलकती है।
4. ‘काग के भाग बड़े सजनी’ इस पंक्ति का क्या भावार्थ है?
उत्तर: कवि रसखान ने काग को भाग्यशाली माना है क्योंकि वह कृष्ण के हाथों से माखन-रोटी छीनकर खा सका। यह पंक्ति कृष्ण की बाल लीलाओं और उनके प्रति कवि के प्रेम को दर्शाती है।
5. रसखान ने अपने काव्य में ब्रजभूमि का सौंदर्य कैसे चित्रित किया है?
उत्तर: रसखान ने ब्रजभूमि के कदंब वृक्ष, यमुना तट, और गोवर्धन पर्वत का अद्भुत वर्णन किया है। उनके काव्य में ब्रज की प्राकृतिक सुंदरता और कृष्ण की लीलाओं का गहन चित्रण मिलता है।
6. ‘सवैया’ छंद में रसखान ने कौन-कौन सी भावनाएँ व्यक्त की हैं?
उत्तर: रसखान ने सवैया छंद में कृष्ण के प्रति भक्ति, प्रेम, और समर्पण व्यक्त किया। उन्होंने मनुष्य, पशु, पक्षी, और पत्थर बनने की इच्छाओं के माध्यम से अपने हृदय की गहराई को दर्शाया है।
7. कृष्ण की मुरली को गोपियाँ अपनी सौत क्यों मानती हैं?
उत्तर: गोपियाँ कृष्ण की मुरली को अपनी सौत मानती हैं क्योंकि कृष्ण हर समय मुरली बजाते रहते हैं और उसे अधरों पर रखते हैं। इससे गोपियों को ईर्ष्या होती है।
8. ‘धूरि भरे अति सोभित स्यामजू’ पंक्ति में कौन-सा दृश्य प्रस्तुत किया गया है?
उत्तर: इस पंक्ति में बालकृष्ण का धूल में सना रूप वर्णित है। उनकी चोटी, पैजनी, और काछनी में उनके बाल रूप का आकर्षण झलकता है, जो गोपियों को मुग्ध कर देता है।
9. रसखान के काव्य में भावात्मक गहराई का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर: ‘जा दिन तें वह नंद को छोहरा, या बन धेनु चराय’ में कवि ने कृष्ण के वन गमन के बाद ब्रज की दशा का चित्रण किया है। यह पंक्ति ब्रजवासियों की पीड़ा और कृष्ण के प्रति उनके प्रेम को दर्शाती है।
10. रसखान ने कृष्ण के रूप-सौंदर्य का वर्णन कैसे किया है?
उत्तर: रसखान ने कृष्ण के मोरपंख, पीतांबर, और बंसी धारण किए हुए स्वरूप को वर्णित किया। उनकी मुस्कान, चितवन, और सहजता का चित्रण प्रेम और भक्ति को गहराई देता है।
11. रसखान की ‘मोर-पखा’ कविता गोपियों के किस स्वभाव को उजागर करती है?
उत्तर: इस कविता में गोपियाँ कृष्ण के प्रति समर्पित और उनके प्रेम में रची-बसी दिखाई देती हैं। वे उनकी हर आदत से प्रेम करती हैं, लेकिन मुरली से ईर्ष्या भी करती हैं।
12. ‘जो खग हौं तो बसेरो करौं’ कविता में कवि ने कौन-कौन सी कल्पनाएँ की हैं?
उत्तर: कवि ने पक्षी बनने की इच्छा व्यक्त की है, ताकि वह यमुना के तट पर कदंब वृक्ष की डाल पर बसेरा कर सके। यह पंक्ति कृष्ण की लीलाओं और ब्रजभूमि के प्रति कवि के असीम प्रेम को दर्शाती है।
13. कृष्ण के प्रति रसखान की भक्ति और प्रेम का क्या स्वरूप है?
उत्तर: रसखान ने अपने काव्य में कृष्ण के बाल रूप और उनकी लीलाओं के प्रति गहन प्रेम दिखाया। उनकी भक्ति प्रेम और समर्पण से ओतप्रोत है, जिसमें ब्रजभूमि का विशेष स्थान है।
14. ‘कदंब की डारन’ पंक्ति में कौन-सा अलंकार प्रयुक्त हुआ है?
उत्तर: इस पंक्ति में अनुप्रास और यमक अलंकार का प्रयोग हुआ है। ‘कदंब’ और ‘कूल’ के माध्यम से ब्रजभूमि का प्राकृतिक चित्रण हुआ है।
15. रसखान के काव्य की भाषा और शैली का वर्णन कीजिए।
उत्तर: रसखान की भाषा ब्रज है, जो मधुर और सरस है। उनकी शैली मुक्तक, सवैया, और कवित्त छंदों में बंधी हुई है, जो सरल और प्रभावी है।
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