Important Questions For All Chapters – हिंदी Class 10
लघु प्रश्न
1. श्याम नारायण पाण्डेय का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर: श्याम नारायण पाण्डेय का जन्म 1907 ई. में डुमराँव गाँव, आज़मगढ़, उत्तर प्रदेश में हुआ।
2. उनकी प्रमुख काव्य रचनाएँ कौन-कौन सी हैं?
उत्तर: उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं – ‘हल्दी घाटी’, ‘जौहर’, ‘तुमुल’, ‘आरती’, और ‘जय हनुमान’।
3. उन्हें कौन-सा पुरस्कार प्राप्त हुआ?
उत्तर: उन्हें ‘देव पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।
4. वे किस रस के कवि माने जाते हैं?
उत्तर: वे वीर रस के प्रमुख कवि माने जाते हैं।
5. उनकी मृत्यु कब हुई?
उत्तर: उनकी मृत्यु 1991 ई. में हुई।
6. ‘हल्दी घाटी’ महाकाव्य किस पर आधारित है?
उत्तर: यह महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुए युद्ध पर आधारित है।
7. कवि ने किस रस का वर्णन मुख्य रूप से किया है?
उत्तर: वीर रस का वर्णन मुख्य रूप से किया गया है।
8. महाराणा प्रताप का घोड़े का नाम क्या था?
उत्तर: उनका घोड़ा चेतक था।
9. इस कविता में मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: मुख्य उद्देश्य जातीय गौरव और वीरता का उत्साहवर्धन है।
10. हल्दी घाटी युद्ध में महाराणा प्रताप की भूमिका कैसी दिखाई गई है?
उत्तर: उनकी भूमिका साहसिक, वीरतापूर्ण और प्रेरणादायक दिखाई गई है।
11. कवि ने युद्ध का वर्णन किस शैली में किया है?
उत्तर: युद्ध का वर्णन लयबद्ध और छंदयुक्त शैली में किया गया है।
12. कविता में मुख्य रूप से किन छंदों का प्रयोग किया गया है?
उत्तर: मुक्तक और प्रबंध छंदों का प्रयोग किया गया है।
13. हल्दी घाटी कविता के केंद्र में कौन से गुण हैं?
उत्तर: शौर्य, त्याग, आत्मबलिदान, और स्वातंत्र्य प्रेम।
14. कविता में किस प्रकार के अलंकारों का प्रयोग किया गया है?
उत्तर: रूपक, उपमा, और उत्प्रेक्षा अलंकारों का प्रयोग है।
15. महाराणा प्रताप का संघर्ष किसके साथ था?
उत्तर: उनका संघर्ष मुगलों के साथ था।
दीर्घ प्रश्न
1. श्याम नारायण पाण्डेय का साहित्यिक योगदान क्या है?
उत्तर: श्याम नारायण पाण्डेय ने वीर रस की परंपरा को आधुनिक खड़ी बोली में स्थापित किया। उनकी रचनाएँ वीरता, त्याग और स्वाभिमान के आदर्श प्रस्तुत करती हैं। वे हिन्दी कवि सम्मेलनों के मंच पर भी अत्यंत लोकप्रिय और सम्मानित रहे।
2. ‘हल्दी घाटी’ महाकाव्य का क्या महत्व है?
उत्तर: ‘हल्दी घाटी’ महाकाव्य में महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हुए युद्ध का वर्णन है। इसमें शौर्य, त्याग, आत्मबलिदान और स्वातंत्र्य प्रेम का अद्भुत चित्रण है। इस कृति के माध्यम से कवि ने मध्यकालीन राजपूती मूल्यों को महिमामंडित किया।
3. राणा प्रताप का चरित्र ‘हल्दी घाटी’ कविता में कैसे चित्रित किया गया है?
उत्तर: राणा प्रताप को कवि ने एक वीर योद्धा और राष्ट्रभक्त के रूप में प्रस्तुत किया। वे युद्धभूमि में निर्भीकता से लड़ते हैं और अपने प्राणों की आहुति देने के लिए तत्पर रहते हैं। उनका स्वाभिमान और उत्साह सेना में जोश भरता है।
4. ‘हल्दी घाटी’ कविता में चेतक का वर्णन कैसे किया गया है?
उत्तर: चेतक, राणा प्रताप का प्रिय घोड़ा, कविता में वीरता और निष्ठा का प्रतीक है। वह युद्धभूमि में निर्भीकता से दौड़ता है और सेना की रक्षा करता है। चेतक की अद्भुत गति और समझ युद्ध को प्रेरक बनाती है।
5. श्याम नारायण पाण्डेय की भाषा-शैली की क्या विशेषता है?
उत्तर: पाण्डेय जी की भाषा तत्सम प्रधान है लेकिन प्रवाहमय है। उन्होंने वीर रस के प्रभाव को बढ़ाने के लिए युद्ध-क्षेत्र से जुड़े शब्दों का प्रभावी उपयोग किया। उनकी शैली में संस्कृतनिष्ठ शब्दावली और खड़ी बोली का समन्वय मिलता है।
6. ‘हल्दी घाटी’ कविता का केंद्रीय भाव क्या है?
उत्तर: कविता का केंद्रीय भाव राष्ट्रभक्ति और वीरता है। इसमें महाराणा प्रताप के शौर्य और स्वाभिमान को प्रमुखता दी गई है। यह कविता स्वातंत्र्य प्रेम और राष्ट्रीय गौरव का संदेश देती है।
7. ‘हल्दी घाटी’ में रस और अलंकार का क्या उपयोग है?
उत्तर: इस कविता में वीर रस का मुख्य रूप से प्रयोग हुआ है। अनुप्रास, उपमा और उत्प्रेक्षा जैसे अलंकारों ने कविता की सौंदर्यता को बढ़ाया है। अलंकारों का उपयोग चित्रात्मक और प्रभावशाली बनाता है।
8. श्याम नारायण पाण्डेय के व्यक्तित्व की क्या झलक ‘हल्दी घाटी’ में मिलती है?
उत्तर: कविता में उनकी निर्भीकता, राष्ट्रप्रेम, और वीरता के प्रति आदर झलकता है। पाण्डेय जी ने अपनी रचना में इतिहास और वीरता के भावों को जोड़कर प्रेरक चित्रण किया। उनके विचार राष्ट्रहित और मानवीय मूल्यों से प्रेरित थे।
9. ‘हल्दी घाटी’ के माध्यम से मध्यकालीन समाज का क्या चित्रण होता है?
उत्तर: ‘हल्दी घाटी’ में मध्यकालीन समाज की युद्धकला, राजपूती मूल्यों और स्वाभिमान का वर्णन है। इसमें राष्ट्र की स्वतंत्रता और मान-सम्मान के लिए बलिदान देने की प्रेरणा है। यह कविता समाज में वीरता और गौरव के आदर्श स्थापित करती है।
10. महाराणा प्रताप के सेना नायक के रूप में क्या गुण थे?
उत्तर: महाराणा प्रताप ने एक नायक के रूप में अपने सैनिकों का नेतृत्व उत्साह और साहस के साथ किया। वे रणभूमि में स्वयं लड़ते हुए सेना का मनोबल बढ़ाते थे। उनका कौशल और त्याग उन्हें एक आदर्श नायक बनाता है।
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